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९ अक्टूबर २००२

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कथा महोत्सव
२००२
प्रवासी हिन्दी लेखकों की कहानियों के संकलन वतन से दूर में प्रस्तुत है यू के से गौतम सचदेव की कहानी
आकाश की बेटी

दस वर्षों से साधना व्हील चेयर से बँधा जीवन व्यतीत कर रही है। इन दस वर्षों में एक बार फिर तलाक हुआ और सम्पत्ति को लेकर भी तू–तू मैं–मैं हुई। आखिर यह मकान साधना के हिस्से आया और जगदीश लाल किरायेदार के स्थान पर साधना का सब कुछ हो गया। बैठे–बैठे साधना सोच रही थी, मुझे मुसीबत समझकर आज अगर जगदीश लाल भी साथ छोड़ दे, तो मेरा क्या होगा? 

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कुवैत से दीपिका जोशी की कहानी
सदाफूली

दिन के पंछी उड़ते देर तो लगती नहीं, दो महीने बीत गये . . .आज कल तृष्णा ज्यादा नज़र नहीं आती थी। वासंती भी थोड़ी अलग– थलग रहने लगी थी। राजन से इस का जिक्र तो नहीं किया लेकिन यह बात जुही को खलती जरूर थी।

अगले अंक में यू एस ए से सुषम बेदी की कहानी अवसान
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क्षितिज पर उड़ती
स्कार्लेट आयबिस
त्रिनिडाड से प्रेम जनमेजय 
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यों ही चलते हुए
यू ए ई से पूर्णिमा वर्मन
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रौनी
यू के उषा वर्मा की कहानी
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मंजिल के करीब
नार्वे से सुरेशचंद्र शुक्ल 'शरद आलोक'
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जड़ों से कटने पर
यू ए ई से कृष्ण बिहारी
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वापसी
यू के से शैल अग्रवाल
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उपलब्धियाँ

यू  एस ए से सुरेन्द्रनाथ तिवारी
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अनजाना सफर
कनाडा से अश्विन गांधी
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इस सप्ताह

 पर्व परिचय में
विजयदशमी के अवसर पर 
शस्त्रपूजा की परंपरा पर प्रकाश डालता
डा गणेशकुमार पाठक का लेख 

विजयदशमी पर शस्त्रपूजा

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परिक्रमा में
दिल्ली दरबार के अंतर्गत भारत की राजनैतिक और सामाजिक हलचल के साथ बृजेश कुमार शुक्ला 
का आलेख
प्रधानमंत्री की अमेरिका यात्रा

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कलादीर्घा में
कला और कलाकार के अंतर्गत
भारत के प्रसिद्ध कलाकार
लक्ष्मण पै 
के विषय में जानकारी
उनकी दो कलाकृतियों के साथ

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रसोईघर में
त्योहारों के इस मौसम में ताज़े तैयार है पारंपरिक मिष्ठान्न 
जलेबी 
और आधुनिक नमकीन
पाव भाजी 
का अनोखा संगम

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धारावाहिक में 
महानगर की कहानियाँ के अंतर्गत
मुम्बई की लघुकथाएं प्रस्तुत कर रहे हैं सूरज प्रकाश। इस किस्त में उनकी नयी कहानी का शीर्षक है
विकल्पहीन

सप्ताह का विचार

प ही परम कल्याण का साधन है। दूसरे सारे सुख तो अज्ञान मात्र हैं।
— वाल्मीकि

विजयदशमी पर विशेष

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विजयदशमी की शुभकामनाओं
से भरपूर कविता जावा
आलेख के साथ विजयदशमी की शुभकामनाएं

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विजय के अर्थ की मीमांसा करता डा विद्यानिवास मिश्र का लेख विजयोत्सव

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राम ने लंका पर विजय प्राप्त की लेकिन रामायण ने सारी दुनिया पर–पूर्णिमा वर्मन का आलेख रामायण की विश्व विजय 

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बच्चों के लिये विशेष कहानी दशहरे का मेला 

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साथ में कविता
भरे पटाखे रावण में

 

अनुभूति में 

 
नये पुराने कवियों की 
दस से अधिक नयी 
रचनाएं

साहित्य समाचार
कैनेडा से नये समाचार

पिछले अंक से-

धारावाहिक में
अभिज्ञात की आत्मकथा  तेरे बगैर 
की अगली किस्त शाप मुक्ति के लिये
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सामयिकी में 
दो अक्तूबर गांधी जयंती के अवसर  पर प्रणय पंडित का आलेख 
गांधी जी के अहिंसक परमाणु बम 
का परीक्षण स्थल
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परिक्रमा में
लंदन पाती के अंतर्गत
यूरोप की आब–ओ–हवा में लिपटे शैल अग्रवाल के चलते चलते–शब्द चित्र
एवं

कनाडा कमान के अंतर्गत सुमन घई
की कलम से 

टोरोंटो में "पैनोरामा" का उत्सव

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हिन्दी दिवस
के अवसर पर विश्व के हर कोने से छह विचारोत्तेजक निबंध


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कहानियों में
गौरव गाथा में प्रसिद्ध लेखिका डा सूर्यबाला की कहानी आखिरवीं विदा

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इसके अतिरिक्त

फुलवारी में सितारों की दुनियां के अंतर्गत अंतरिक्ष की जानकारी बुद्ध ग्रह  के बारे में इला प्रवीन का लेख

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दो पल में कुदरत की करामात के
अंतर्गत अश्विन गांधी के दो छाया
चित्र
झरना १ झरना २

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संस्मरण में हिमालय की यात्रा और
आध्यात्म की तलाश में
सुनंदा भाभी के संस्मरण अम्बरीश मिश्रा द्वारा

 

प्रकाशन : प्रवीन सक्सेना   परियोजना निदेशन : अश्विन गांधी
संपादन, कलाशिल्प एवं परिवर्धन : पूर्णिमा वर्मन, सहयोग : दीपिका जोशी
तकनीकी सहयोग :प्रबुद्ध कालिया   साहित्य संयोजन :बृजेश कुमार शुक्ला

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