अभिव्यक्ति-समूह : फेसबुक पर

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२२. १२. २०१४

इस सप्ताह-

अनुभूति में- 11
ब्रजनाथ श्रीवास्तव, खुर्शीद खैराड़ी, मीता दास, प्रियंवरा, और सलीम शेख की रचनाएँ।

- घर परिवार में

रसोईघर में- नये साल की तैयारी में हमारी रसोई-संपादक शुचि लाई हैं पहले से तैयार करने के लिये- ओट अखरोट और किशमिश कुकी

गपशप के अंतर्गत-- फूलों का मौसम है और बागों में छायी है हर और फूलों की बहार! आइये पुराने अंकों में देखें- बागबानी के कुछ उपयोगी सुझाव

जीवन शैली में- १५ आसान सुझाव जो हमारे जीवन को स्वस्थ, सुखद और संतुष्ट बना सकते हैं - १३. अपेक्षाओं पर नियंत्रण रखें

सप्ताह-का-विचार--संयम-संस्कृति-का-मूल-है।-विलासिता निर्बलता और चाटुकारिता-के-वातावरण-में--तो-संस्कृति का उद्भव होता-है-और--विकास। - काका कालेलकर

- रचना व मनोरंजन में

क्या-आप-जानते-हैं- आज के दिन (२२ दिसंबर को) गुरू गोविंद सिंह, शारदा देवी, कवि नंदकिशोर बल, गणितज्ञ श्रीनिवास रामानुजन का जन्म... विस्तार से

लोकप्रिय लघुकथाओं के अंतर्गत- अभिव्यक्ति के पुराने अंकों से- ९ फरवरी २००५ को प्रकाशित रामेश्वर कांबोज 'हिमांशु की लघुकथा- एजेंडा

वर्ग पहेली-२१६
गोपालकृष्ण-भट्ट-आकुल और रश्मि-आशीष
के सहयोग से


हास परिहास
में पाठकों द्वारा भेजे गए चुटकुले

साहित्य एवं संस्कृति में-

समकालीन कहानियों में प्रस्तुत है यू.एस.ए. से
पुष्पा सक्सेना की कहानी- क्रिसमस की एक शाम

क्रिसमस की खुशी और उल्लास में डूबा पूरा शहर रंग-बिरंगी बिजली की झालरों से सजा दीवाली मनाता लग रहा था। अतुल ने उसे पहले ही बता दिया था- “तुम बहुत अच्छे समय पर अमरीका पहुँच रही हो पूजा, दिसंबर का महीना शुरू होते ही क्रिसमस की गूँज हर घर तक पहुँच जाती है। इतने दिलकश नज़ारे देख कर अपना देश भूल जाओगी।”
“नहीं ऐसा नहीं हो सकता अतुल, अपने देश की तो माटी तक से प्यार होता है” पूजा ने सच्चाई से कहा।
एयरपोर्ट से ही अतुल की बात की सच्चाई स्पष्ट हो गई। टैक्सी से जगमगाते शहर को देखती पूजा मंत्रमुग्ध थी। सड़कों पर भीड़ की वजह से टैक्सी धीमी गति से चल रही थी। सर्दी का मौसम होते हुए भी लोगों की उत्साहित भीड़ सडकों पर नाचती-गाती चल रही थी। लाल कपडे पहिने सेंटा क्लॉज बना एक व्यक्ति हाथ में ली घंटी बजा कर बच्चों को आकर्षित कर रहा था। अपनी बड़ी सी जेब से चॉकलेट निकाल कर बच्चों को दे रहा था। बच्चों की खुशी देखते ही बनती थी। छोटे बच्चों को बताया जाता है, सेंटा क्लॉज रात में क्रिसमस ट्री के नीचे उनके लिए गिफ्ट्स रक्खेगा। आगे-
*

दीपक मशाल की लघुकथा-
अच्छा सौदा
*

सतीश जायसवाल का यात्रा विवरण
नागालैण्डः इस बार सांताक्लाज
*

दृष्टिकोण के अंतर्गत
ईसा की जन्मतिथि-अनेक विचार

*

पुनर्पाठ में सरोज मित्तल का आलेख
देश विदेश में क्रिसमस

पिछले सप्ताह-

डॉ. सरोजिनी प्रीतम का व्यंग्य
सखि सुन कहाँ गए मेरे मतवाले
*

मीरा झा का आलेख
मंदिरों का गाँव मलूटी
*

डॉ. उदय प्रताप सिंह का
नगरनामा- बात बनारस की

*

पुनर्पाठ में चित्रा मुद्गल के
उपन्यास- आवाँ से परिचय

*

समकालीन कहानियों में प्रस्तुत है संयुक्त अरब इमारात से पूर्णिमा वर्मन की कहानी- नमस्ते कौर्निश

सुबह के छह बजे होंगे... योगिनी महाजन ने विला के मुख्यद्वार को बंद कर के एक बार चेक किया और रिमोट से कार का ताला खोला। हवा के हल्के से झोंके से विला के बाहर लगे गुलमोहर की डाल से बिछुड़ कर एक फूल विंडस्क्रीन से लुढ़कता हुआ बोनेट पर आ रुका। जाने क्या सोचकर योगिनी ने फूल को उठाया और कार का दरवाजा खोलकर डैशबोर्ड पर रख दिया। पर्स को पीछे की सीट पर रखा और सीट बेल्ट लगाकर कार स्टार्ट की। कार को गियर में डालने से पहले फूल को हाथ में लिया और एक एककर पंखुड़ियाँ अलग कीं-
हशमत अंकल मिलेगें
हशमत अंकल नहीं मिलेंगे
हशमत अंकल मिलेंगे
हशमत अंकल नहीं मिलेंगे
हशमत अंकल मिलेंगे....
पाँच ही तो पंखुरियाँ होती हैं गुलमोहर में... जिस पंखुड़ी से बात शुरु होगी उसी बात पर समाप्त होगी। ... आगे-

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"अभिव्यक्ति" व्यक्तिगत अभिरुचि की अव्यवसायिक साहित्यिक पत्रिका है इस में प्रकाशित सभी रचनाओं के सर्वाधिकार संबंधित लेखकों अथवा प्रकाशकों के पास सुरक्षित हैं लेखक अथवा प्रकाशक की लिखित स्वीकृति के बिना इनके किसी भी अंश के पुनर्प्रकाशन की अनुमति नहीं है
यह पत्रिका प्रत्येक सोमवार को प्रकाशित होती है।


प्रकाशन : प्रवीण सक्सेना -|- परियोजना निदेशन : अश्विन गांधी
संपादन, कलाशिल्प एवं परिवर्धन : पूर्णिमा वर्मन

 
सहयोग : कल्पना रामानी -|- मीनाक्षी धन्वंतरि
 

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