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हास परिहास

ढब्बू जी नए साल के उत्सव में अपने मित्र गब्बू जी की ओर मुड़े और एक सिगरेट माँगी।
"अरे, मैंने तो सुना कि तुमने नए साल में धूम्रपान न करने का संकल्प लिया है।" गब्बू जी ने आश्चर्य से पूछा।
"हाँ, सही सुना, मैं धूम्रपान छोड़ने की प्रक्रिया में हूँ, ढब्बू जी ने खीसें निपोरते हुए कहा, "इस समय मैं इस प्रक्रिया के प्रथम चरण से गुज़र रहा हूँ।"
"प्रथम चरण?" गब्बू ने फिर आश्चर्य व्यक्त किया।
"हाँ, ढब्बू जी बोले, "मैं सिगरेट खरीदना बंद कर चुका हूँ।"

२९ दिसंबर २०१४

एक पागलखाने में दो पागल थे। एक दिन जब वे दोनों, पागलों के लिये बनाये गये नहाने के तालाब के किनारे टहल रहे थे तभी अचानक एक का पैर फिसल गया और वह पानी में जा गिरा। उसे तैरना नहीं आता था अतः वह डूबने लगा। दोस्त को डूबते देख दूसरे ने फौरन पानी में छलाँग लगाई और बड़ी मेहनत करके उसे जिन्दा बाहर निकाल लाया।

जब यह खबर पागलखाने के अधिकारियों को लगी तो वे आश्चर्य में पड़ गए। उन्होंने सोचा कि अब यह बिलकुल ठीक हो गया है। जिसने भी ये कारनामा सुना उसने यही राय दी कि अब वह ठीक हो गया है। अब वह पागल नहीं है। अधिकारियों ने उसे पागलखाने से रिहा करने का निश्चय कर लिया। अगले दिन अधिकारी ने उसको अपने कैबिन में बुलाया और कहा, "तुम्हारे लिए दो खबरें हैं, एक बुरी और एक अच्छी। अच्छी खबर यह है कि तुम्हें पागलखाने से छुट्टी दी जा रही है क्योंकि अब तुम्हारी दिमागी हालत बिल्कुल ठीक है। तुमने अपने दोस्त की जान बचाने का जो कारनामा किया है उससे यही साबित होता है और बुरी खबर यह है कि तुम्हारे दोस्त ने ठीक तुम्हारे उसकी जान बचाने के बाद बाथरूम में जाकर फाँसी लगाकर आत्महत्या कर ली। वह मर चुका है।"

पागल ने जवाब दिया, "उसने खुद अपने आपको नहीं लटकाया। वह तो मैंने ही उसे सूखने के लिये वहाँ लटकाया था।

- आभा खरे

२२ दिसंबर २०१४

मास्टर जी- अगर मैं तुम्हें २ बिल्ली दूँ, फिर २ बिल्ली दूँ और फिर २ बिल्ली दूँ तो, तुम्हारे पास कितनी बिल्लियाँ हो जाएँगी?
पप्पू - ७
मास्टरजी- नहीं, मेरा सवाल दोबारा ध्यान से सुनो, अगर मैं तुम्हें २ बिल्ली दूँ, फिर २ बिल्ली दूँ और फिर २ बिल्ली दूँ तो, तुम्हारे पास कितनी बिल्लियाँ हो जाएँगी?
पप्पू - मास्टर जी ७
मास्टर जी- नहीं, मैं तुम्हें अलग तरीके से समझाता हूँ
अगर मैं तुम्हें २ सेब दूँ, फिर २ सेब दूँ और फिर २ सेब दूँ तो, तुम्हारे पास कितने सेब हो जाएँगे?
पप्पू - जी ६
मास्टर जी (खुश होकर)- शाबाश, अब अगर मैं तुम्हें २ बिल्ली दूँ, फिर २ बिल्ली दूँ और फिर २ बिल्ली दूँ तो, तुम्हारे पास कितनी बिल्लियाँ हो जाएँगी?
पप्पू - कितनी बार बोलूँ ७
मास्टर जी (गुस्से से पीटते हुये )- अरे बेवकूफ, जब सेब ६ हो रहे हैं तो बिल्ली ७ कैसे हो जाएँगी?
पप्पू (रोते हुए)- क्योंकि, मेरे घर पर एक बिल्ली पहले से ही है।

- परमेश्वर फुँकवाल

१५ दिसंबर २०१४
ट्रेफिक हवलदार - लायसेंस दिखाओ!
चालक - नहीं है साब!
ट्रेफिक हवलदार - क्या तुमने ड्रायविंग लायसेंस बनवाया है?
चालक - नहीं।
ट्रेफिक हवलदार - क्यों?
चालक - मैं बनवाने गया था, पर वो पहचान पत्र माँगते हैं। वो मेरे पास नही है।
ट्रेफिक हवलदार - तो तुम मतदाता पहचान पत्र बनवा लो।
चालक - मै वहाँ गया था साब! वो राशनकार्ड माँगते है। वो मेरे पास नहीं है।
ट्रेफिक हवलदार - तो पहले राशन कार्ड बनवा लो।
चालक - मैं म्युनिसिपल भी गया था साब! वो पासबुक माँगते हैं।
ट्रेफिक हवलदार - तो मेरे बाप बैंक खाता खुलवा ले।
चालक - मैं बैंक गया था साब! बैंकवाले ड्रायविंग लायसेंस माँगते हैं।

- रेनू यात्रिक

८ दिसंबर २०१४
श्रीमती जी की रात के दो बजे अचानक नींद खुली तो पाया कि पति बिस्तर से गायब हैं। जिज्ञासावश उठीं, खोजा तो देखा डाइनिंग टेबल पर बैठे पति जी कॉफी का कप हाथ में ले कर, कुछ सोचते हुए, दीवार को घूर रहे हैं। पत्नी चुपचाप पति को कॉफी की चुस्की लेते हुए बीच-बीच में आँख से आँसू पोंछते देखती रही। फिर पति के पास गई और बोलीं, “क्या बात है प्रिय, तुम इतनी रात गए यहाँ क्या कर रहे हो..?”
पति जी ने कॉफी से नज़र उठाई और बड़ी गम्भीरता से बोले, “तुम्हें याद है, १४ साल पहले जब तुम सिर्फ १८ साल की थीं...
पत्नी पति के प्यार को देख कर भाव विभोर हो गई, बोली, “हाँ, याद है..।”
कुछ रुक कर पति जी बोले, “याद है जब तुम्हारे जज पिता जी ने हमें मेरी कार मे घूमते हुए देख लिया था...
"हाँ हाँ.. याद है..।”
“याद है कैसे उन्होंने मेरी कनपटी पर बन्दूक रख कर कहा था,“या तो इस से शादी कर लो, या १४ साल के लिए अन्दर कर दूँगा..।”
“हाँ.. हाँ.. वह भी याद है।”
अपनी आँख से एक और आँसू पोंछते हुए पति बोला..…आज मैं छूट गया होता...!!

- रामशिरोमणि पाठक

१ दिसंबर २०१४
दिल्ली शहर की बात है। एक गंजा व्यक्ति सड़क पर जा रहा था। उसके पास से एक महिला गुज़री जिसने बहुत ऊँचा जूड़ा बना रखा था। गंजे ने महिला से पूछा, "बहन जी, पहाड़गंज किधर है?"
महिला थोड़ी जल्दी में थी, बोली- "पहाड़ मेरे सिर पर और गंज आपके सिर पर।"
 
एक ट्रेन जो रेल की पटरी पर जा रही थी अचानक पटरी से उतरकर आसपास के खेत में दौड़ने लगी और फिर से पटरी पर वापस आ गई। सब यात्री डर के मारे सहमे हुए थे। अगले स्टेशन पर ड्राइवर को पकड़ा गया, तो पता चला कि ड्राइवर जंता सिंह था। उसके ऊपर जाँच समिति बैठी और उससे कुछ सवाल पूछे गए। जंता सिंह ने बताया कि एक आदमी पटरी पर खड़ा था और मेरे देर तक हॉर्न बजाने के बावजूद वह पटरी से हटने के लिए तैयार नही था।
समिति के अधिकारी ने पुनः पूछा, '' जंता सिंहजी क्या आप पागल हैं? एक आदमी की जान बचाने के लिए पता है आपने कितने लोगोंकी जान दाव पर लगा दी थी? तुमने तो उस आदमीको कुचलना चाहिए था।''
''वही तो मै करने जा रहा था। लेकिन जब ट्रेन उसके एकदम नजदीक आ गई, वह बेवकूफ खेतों में इधर-उधर भागने लगा था।'' जंता ने अपनी सफ़ाई में तिकड़म लगाई।
२८ अप्रैल २०१४
एक बिल्ली ने चूहे से कहा,
"इधर आओ मैं तुम्हें खुशहाल बना दूँगी। तुम्हारा घर मक्खन और रोटी से भर दूँगी।"
चूहे ने दूर से ही प्रणाम करते हुए कहा,
"मैं जानता हूँ कि तुम राजनीति की बातें कर रही हो।"
 
'हम इतनी बड़ी बन्दगोभी पैदा करते हैं कि एक के नीचे सिपाहियों की एक बटालियन विश्राम कर सकती है' पंजाबी ने शान मारी।
'यह तो कुछ भी नहीं....।' बिहारी ने उत्तर दिया- 'हम तांबे की इतनी बड़ी देगची बनाते हैं कि उस पर एक हज़ार आदमी ठोक पीट करते हैं। फिर भी वे इतनी दूर होते हैं कि एक दूसरे के हथौड़े की ध्वनि नहीं सुन पाते।'
पंजाबी खुलकर हंसा- 'पर इतनी बड़ी देगची का कोई क्या करेगा?'
'क्यों? तुम्हारी बन्दगोभी पकाने के काम आएगी।'
२१ अप्रैल २०१४
एक आदमी नेत्र- चिकित्सक से अपनी परीक्षा करवा रहा था। उसने पूछा '
डाक्टर साहब - चश्मा लगाकर मैं पढ़ भी सकूँगा।'
'हाँ, हाँ, क्यों नहीं?' नेत्र चिकित्सक ने फौरन जवाब दिया।
'ओह फिर तो बहुत अच्छा रहेगा। अब तक तो मुझे पढ़ना भी नहीं आता था।' रोगी बोला।
 
चिड़ियाघर के एक कोने में बैठा चिड़ियाघर का एक आदमी फफक-फफककर रो रहा था।
चिड़ियाघर देखने आए व्यक्ति ने चिड़ियाघर के एक दूसरे कर्मचारी से पूछा--यह क्यों रो रहा है?
कर्मचारी--चिड़ियाघर का हाथी मर गया है।
व्यक्ति--ओह, इसे उस हाथी से बहुत लगाव था क्या?
कर्मचारी--नहीं, हाथी को दफनाने के लिए गड्ढा खोदने का काम इसे मिला है।
१४ अप्रैल २०१४
संतरी के काम के लिए एक व्यक्ति ट्रेनिंग ले रहा था। उसे बताया गया कि वह केवल ऐसी ही कारों को अंदर आने दे जिन पर एक विशेष चिह्न हो। सहसा एक बग़ैर चिह्न की कार आती दिखाई दी। संतरी के रोकने पर भी उसमें बैठे उच्च अधिकारी ने कार को आगे बढ़ाने की आज्ञा दी।
एक मिनट साहब, नया संतरी सैल्यूट मार कर बोला, मैं इस काम के लिए बिलकुल नया आया हूँ। यह तो बताइए कि गोली मैं आप पर चलाऊँ या ड्राइवर पर।
 
एक समाजसेवी किसी विद्यालय में चंदा माँगने पहुँचे।
वे चंदा माँगने का कारण समझाते हुए बोले,
"मेरे प्यारे बच्चों, तनिक ध्यान से सुनो, अफ्रीका में साठ लाख वर्ग मील धरती ऐसी है, जहाँ छोटे बच्चों के लिए कोई भी विद्यालय नहीं है। अच्छा तो बताओ हमें पैसा किस लिए बचाना चाहिए?"
"अफ़्रीका जाने के लिए।"- सब बच्चों ने एक साथ कहा।
७ अप्रैल २०१४
एक १०-१२ साल का लड़का अपने हाथ में ली हुई किताब बड़े ध्यान से पढ़ रहा था। किताब का शीर्षक था, '१०-१२ साल के बच्चों की परवरिश'।
उसकी माँ ने इसे इस प्रकार पढ़ते देखकर पूछा, ''इस किताब में इतना रोचक क्या है तुम्हारे लिए?''
''देख रहा हूँ कि मेरी परवरिश ठीक से हो रही है या नहीं...।'' लड़के ने किताब पर आँखें गड़ाए हुए जवाब दिया।
 
"वैद्यजी आपकी दवा से मुझे बहुत फ़ायदा हुआ है। आपका बहुत बहुत धन्यवाद।" एक मरीज़ ने वैद्यजी से कहा।
"अब तो तुम्हें भूख भी खुलकर लगने लगी होगी?" अपनी प्रशंसा से खुश होकर वैद्यजी ने पूछा।
"जी हाँ, जी हाँ, वही तो पूछने आया हूँ मैं आपसे, कि क्या क्या खा सकता हूँ।" मरीज़ बोला।
"ज्यादा खट्टी और चपटटी चीज़ों का परहेज़ रखते हुए कुछ भी खाइये।"
"मिठाई खा सकता हूँ?"
"हाँ - हाँ।"
"फल?"
"निस्संदेह।"
"मूँग की खिचड़ी?"
"बिलकुल बिलकुल।"
"हरी सब्जियाँ भी खा सकता हूँ क्या?
"मेरा सिर छोड़ दो बाकी कुछ भी खाओ।" परेशान वैद्यजी ने अंतिम उत्तर दिया।
३१ मार्च २०१४
"प्रिये, यहाँ एक किताब थी पता नहीं कहाँ चली गई, क्या तुमने कहीं रखी?" पति ने पत्नी से पूछा।
"कौन सी किताब?" पत्नी ने प्रश्न किया।
"सौ साल तक जीवित रहने का रहस्य।" पति ने जवाब दिया।
"वह तो मैंने अग्नि को भेंट चढ़ा दी।" पत्नी बोली।
"मगर क्यों?" पति ने आश्चर्य से पूछा
"कल तुम्हारी माँ जी आ रही हैं ना, पत्नी बोली, "उनके हाथ लग जाती तो...?
 
बात चुनाव के दिनों की है। चुनाव में खड़े एक व्यक्ति को चुनाव चिह्न साइकिल मिला।
प्रचार के लिए वह प्रत्याशी अपने सहयोगियों को लेकर एक बुढ़िया के पास पहुँचा और बोला,
"माता जी, साइकिल का ध्यान रखना।"
उसकी बात सुनकर बुढ़िया ने जवाब दिया,
"मैं तो अभी दूध लेने जा रही हूँ बेटा, तू ताला लगा जा अपनी साइकिल को।"
 
२४ मार्च २०१४
होली का दिन था। क्लब में त्योहार मनाने की व्यवस्था थी होली खेलने, नहाने और खाने पीने का सब प्रबंध किया गया था। अच्छा हंगामा जमा और मधुर मधुर टुन्न होने के बाद घर को लौटते समय एक सज्जन ने क्लब से पुलिस को फोन पर घबराई हुई आवाज में रपट लिखवाई,
"मेरी कार का क्लच, एक्सिलेटर, डैशबोर्ड आदि सब चोरी हो गए हैं।"
पुलिस स्टेशन पर तैनात अधिकारी ने रपट लिखकर सब कुछ जल्दी ढूँढ देने का वायदा किया।
फोन रखते ही फिर से घंटी बजी। पुलिस अधिकारी ने फोन उठाया, वही सज्जन बोल रहे थे,
"माफ़ कीजिएगा दरोगा जी, सब कुछ सलामत है। मैं ही गलती से पिछली सीट पर बैठ गया था।"
  
 
बहस से बुरी तरह खिसियाकर एक व्यक्ति ने दूसरे से कहा,
"यार तुम तो हर बात पर लाल पीले होने लगते हो?"
"हाँ, मैं पैदा ही होली के दिन हुआ था।"
दूसरे ने झल्लाकर उत्तर दिया।
१७ मार्च २०१४
एक दंपत्ति नाटक देखने गया।
पान की दूकान से पति ने पान का एक ही बीड़ा ख़रीदा और अपनी पत्नी को दे दिया।
अपने लिए भी तो ले लीजिए। पत्नी ने बीड़े को मुँह में रखते हुए कहा।
नहीं, उसकी कोई ज़रूरत नहीं। मैं मुख में कुछ रखे बिना भी खामोश रह सकता हूँ।
 
एक साहब सुबह ऑफ़िस जाने के लिए बस में सवार हुए तो कंडक्टर ने सवाल किया, "रात ठीक से पहुँच गए थे जनाब?"
"क्यों? साहब के माथे पर बल पड़े, "मुझे क्या हुआ था रात को?"
"टुन्न थे आप।"
"तुमने कैसे जाना? मैंने तो तुमसे बात तक नहीं की थी?"
"जनाब, आप जब बस में बैठे हुए थे तो एक मैडम बस में चढ़ीं थीं, जिन्हें आपने उठकर सीट दी थी।"
"तो?"
"तब बस में आप दो ही यात्री थे जनाब।"
१० मार्च २०१४
बल्लेबाज महोदय अपना प्रेम प्रसंग सुना रहे थे- "वह तेज गेंद की तरह मेरे जीवन में आई और मुझसे लगभग टकराती हुई निकल गई। मेरा दुर्भाग्य कि मैं उसे रोक नहीं पाया।"
"आजकल कहाँ है वह?" मित्र ने पूछा।
"यहीं है, हमारे विकेटकीपर की पत्नी है।" जवाब मिला।
 
दो दोस्तों का वार्तालाप-
पहला- सुना है तुम दोनो का संबंध अटूट है।
दूसरा- हाँ भई, जब हमारा झगड़ा होता है तब पाँच सात आदमी मिलकर बड़ी मुश्किल से हमें अलग करते हैं।
३ मार्च २०१४
एक दिन दो पड़ोसियों में तूतू मैं मैं हो गई। पहले ने कहा,
"भाई साहब, मैं तो आपको शरीफ़ आदमी समझता था।
"मेरा भी यही विचार था कि आप शरीफ़ आदमी हैं।"
"आपका विचार ही सही था। गलत तो मेरा अंदाज़ हो गया।"
 
एक बार की बात है पेट्रोलियम मंत्री को एक पेट्रोल पंप का उद्घाटन करने के लिए बुलाया गया। पहले उद्घाटन की रस्म पूरी हुई। उसके बाद नाश्ते आदि का कार्यक्रम चला।
मंत्रीजी ने पेट्रोल पंप के मालिक से पूछा- भाई, बाकी तो सब ठीक है। लेकिन यह बताएँ, आपको कैसे पता चला कि इसी स्थान पर जमीन में पेट्रोल भरा हुआ है।
२४ फरवरी २०१४
एक बार की बात है भारत में एक गाइड़ किसी विदेशी पर्यटक को दिल्ली घुमा रहा था।
गाइड ने कहा, "यह हमारा संसद भवन है।"
विदेशी पर्यटक ने कहा, बस....? इतना बड़ा तो हमारे यहाँ पीत्ज़ा होता है।"
गाइड चुप रहा और उसे आगे ले गया। फिर बोला, "यह है हमारा लाल किला।
विदेशी पर्यटक बोला, बस....? इतना तो हमारे यहाँ बर्गर होता है।"
गाइड को गुस्सा तो बहुत आ रहा था मगर वह चुप रहा।
गाइड उसे आगे कुतुब मीनार दिखाने पहुँचा।
विदेशी पर्यटक ने पूछा, "ये क्या है?"
गाइड बोला, "ये तुम्हारे पीत्ज़ा और बर्गर पर टोमेटो सास डालने की बोतल है।"           
 
एक लड़की रोज़ सुबह दस बजे एक पेड़ की शाखा पर चढ़ कर बैठ जाती थी और शाम छः बजे उतर आती थी।
कारण?
वह एम.बी.ए कर के पागल हो गयी थी। खुद को ब्रांच मैनेजर समझती थी।

१७ फरवरी २०१४

"इस घर की मै गृह मंत्री हूँ, साथ ही मै वित्त मंत्रालय भी संभालती हूँ, तुम्हारे ससुर विदेश मंत्री हैं, मेरा बेटा आपूर्ति मंत्री है एवं बेटी योजना मंत्री है। तुम कौन सा विभाग लेना पसंद करोगी?" सास ने अपने मंत्रीमंडल का विस्तार समझाते हुए नई बहू से पूछा।
"जी, मै तो विपक्ष मे बैठूँगी। बहू ने तपाक से जवाब दिया।"
 
एक बार एक अफ़ीमची बारिश में कहीं जा रहा था। एकाएक वह फिसलकर कीचड़ में जा गिरा।
तभी ज़ोर से बिजली कड़की तो वह बोला,
"वाह ऊपर वाले! पहले तो गिराते हो, फिर फ़ोटो भी खींच लेते हो?"
१० फरवरी २०१४
एम.बी.बी.एस. पूरी करने के बाद मुन्ना भाई ने अपने पहले मरीज़ का मुआयना शुरु किया।
टॉर्च जला कर आँखे देखीं, कान देखे, जीभ और गला देखा और कहा,
" बोले तो, टॉर्च एक दम मस्त है बाप"
 
एक बार एक पति पत्नी खरीदारी करने गए। चार घण्टों के बाद भी पत्नी खरीदारी रोकने का नाम ही नहीं ले रही थी और पति जो बेचारा सारा सामान उठाए उठाए साथ चल रहा था उसे बड़ा गुस्सा आ रहा था। तो पत्नी ने जब देखा कि पति महोदय नाराज़ हो रहे हैं तो थोड़ा मूड हल्का करने के लिहाज़ से बड़े रोमांन्टिक अंदाज़ में कहा:  देखिए ना, चाँद कितना हसीन लग रहा है। पति चिढ़ के बोला : हसीन तो बहुत लग रहा है, मगर इसे खरीदने के लिए अब पैसे नहीं हैं मेरे पास।

३ फरवरी २०१४

एक बार एक नव धनिक किसी रेस्त्राँ में खाना खाने पहुँचे। वहाँ जल्दी में किसी वेटर से सब्ज़ी की प्लेट गिर गई और सब्ज़ी उनके कपड़ों पर आन पड़ी। उन्होंने तैश में आकर कहा,
"तुम एक गधे को भी खाना परोसने के लायक नहीं हो।"
"पर मैं कोशिश तो कर रहा हूँ!" वेटर बोला
 
पति और पत्नी नए साल की खरीदारी के लिए घर से निकले। पत्नी एक बड़ी दूकान में खरीदारी करने भीतर गई और पति बाहर टहलने लगे, खरीदारी में उनकी कोई रुचि न थी। एक घंटे बाद पत्नी खरीदारी पूरी कर सामान से लदीफँदी बाहर निकली और पति से बोली, "देखो तो कितना सामान है ज़रा पकड़ने में मदद करो।"
पति महोदय आगे बढ़े और एक डिब्बे की ओर इशारा करते हुए बोले, "लगता है इसमें कोई खाने की चीज़ है।"
पत्नी ने मुसकुराकर चुटकी ली, "हाँ इसमें मेरी सैंडल है।"

२७ जनवरी २०१४

"अरी, मोटर ड्राइविंग के तुम्हारे टेस्ट का क्या हुआ? क्या तुम्हें लाइसेंस मिल गया?
एक पड़ोसिन ने दूसरी पड़ोसिन से पूछा।
"अभी कहाँ, अभी तो मेरा इंस्ट्रक्टर ही अस्पताल में है।"
दूसरी ने अत्यंत भोलेपन से उत्तर दिया।
 
रात गए एक व्यक्ति को सड़क से गुजरते देखकर सिपाही ने पूछा,
"इतनी रात को कहाँ जा रहे हो?"
व्यक्ति ने उत्तर दिया, "प्रवचन सुनने जा रहा हूँ।"
सिपाही ने फिर पूछ- "प्रवचन कहाँ हो रहा है?"
व्यक्ति बोला, "मेरे घर में।"
सिपाही ने प्रश्न किया- "किसका?"
व्यक्ति क्षुब्ध होकर बोला, "मेरी बीवी का।"

२० जनवरी २०१४

दो महिलाएँ एक पेड़ के नीचे बहुत देर से बात कर रही थीं। अचानक एक पका हुआ आम उनकी गोद में टपक कर गिरा।
पहली ने आश्चर्य से पूछा- "अरे, इस मौसम में यह पका आम कहाँ से आ टपका?"
आम बोला- आप दोनो की बातें सुन-सुन कर पक गया।
 

एक बार एक अखबार में साप्ताहिक भविष्यफल कुछ इस तरह छपा-
पहले सप्ताह-
बहुत प्रगति होगी, सफलता आपके कदम चूमेगी, हर तरफ आपका नाम होगा, खुशियों से घर भर जाएगा, मान सम्मान बढ़ेगा।
दूसरे सप्ताह-
थोड़ी बाधाएँ हैं मगर घबराएँ नहीं, समय आपके साथ है, जीत आपकी ही होगी शत्रु का नाश होगा।
तीसरे सप्ताह-
कुछ लोग हैं जो आपकी प्रगति से जल रहे हैं रोड़े अटका रहे हैं मगर वो हारेंगे आप जीतेंगे।
चौथे सप्ताह-
हमारी सलाह है ज़रा सँभल कर रहें ऐसा लग रहा है पिछले दो तीन हफ़्तों से कोई आपको बेवकूफ बना रहा है।
    

१३ जनवरी २०१४

एक बार एक फिल्म के प्रोड्यूसर ने भगवान की तपस्या शुरु की। 
भगवान एकदम से प्रकट हो गए।
प्रोड्यूसर चिढ़ के बोला, "मैंने तो सुना था कि तपस्या करने बैठो तो पहले तपस्या भंग करने के लिए अप्सराएँ आती हैं!"

 
"भाई, कालिदास मेघ को दूत बनाकर संदेश क्यों भेजता था?"
"उसके पास मोबाइल नहीं था न?"

नवंब६ जनवरी २०१४

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