पिछले
सप्ताह
1
हास्य व्यंग्य में
गुरमीत बेदी ने पता लगाया कि
बंदरों
ने किताबें क्यों फाड़ी!
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साहित्य
समाचार में
जापान से विशेष रपट
टोक्यो
में अंतर्राष्ट्रीय हिंदी सम्मेलन
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चिठ्ठापत्री
में
चिठ्ठापंडित की पैनी नज़र
जुलाई
माह के चिठ्ठों पर
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श्रद्धांजलि
में
उस्ताद
बिस्मिल्लाह खां से परिचय
और
एक
महत्वपूर्ण साक्षात्कार
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कहानियों में
भारत से दीपक शर्मा की कहानी
गुलाबी
हाथी
"देखिए" स्त्रीस्वर ने
कहा, "अभी दो दिन पहले की बात है। घड़ी में ऐसे ही
बारह बज कर तेरह मिनट हो रहे थे जब इसी हावड़ा मेल में
एक हादसा हुआ था।"
"कैसा हादसा?" मैं कांपने लगा।
धामपुर से एक दंपति हावड़ा मेल में सवार हुए थे,
पंद्रह और सत्रह नंबर वाले . . .
"वे दोनों बर्थ उस दिन खाली गए थे," मैं मुकर
गया, मेरे पास रिकार्ड है, पूरा रिकार्ड "आप याद
करिए। पुरूष के पास एक रिवाल्वर था और लेडी सवारी के हाथ
का बटुआ सुनहरा था सोने की तरह चमकीला . . ."
"कतई नहीं," मैं फिर मुकर लिया।
"मैं नहीं मानती," स्त्रीस्वर ने परिचिता की
आकृति धारण कर ली . . .
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इस
सप्ताह
1
कहानियों में
भारत से संतोष गोयल की कहानी
भटकन
मन की
भटकन को सब रंगो के फैलाव ने अपने भीतर समा लिया।
कितना आसान होता है मन को थामना पर उतना ही
आसान होता उसका भटक जाना। रंगीन कांच के भीतर डुबकियां लगाती रही जाने कितनी
देर। दुकान की मालकिन भी चमक
रही थी। लाल हरे नीले रंगो में सराबोर। चटक
चुनरी मे लगे कांच जल रहे गैस के बल्ब में धमक
मार रहे थे। गले में मोटेमोटे लाल हरे दानों
की माला थी जो रौशनी में चमक रही थी। कानों में
भी बड़ी लटकन वाले झुमके थे। मतलब ख़ासा
चमकधमक का इंतज़ाम था तिस पर त्यौहार का मौका।
मार्किट की भी सजधज देखने लायक थी। दीवार पर
सजे व लटके रंगो में लिपटी मैं वहां रूक ही गई
उन्हें निहारती और सराहती।
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हास्य व्यंग्य में
गणेशोत्सव पर शरद जोशी के शब्दों में
अथ
श्री गणेशाय नमः
°
प्रकृति
में
डा डी एन तिवारी का
चिर
सखा बांस
°
साहित्यिक
निबंध में
विद्याभूषण मिश्र की लेखनी से
सावन
उड़ै कजरिया मस्तानी
°
फुलवारी
में
मौसम के विषय में जानकारी की बातें
मौसम
क्या है?
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सप्ताह का
विचार
संपदा
को जोड़ जोड़ कर रखने वाले
को भला क्या पता कि दान में कितनी
मिठास है। आचार्य श्रीराम शर्मा
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इस माह के कवि
में श्री कृष्ण शर्मा तथा अन्य स्तंभों में मानोशी
चैटर्जी, पाश, राज किशोर व अंसार कंबरी की नयी
रचनाएं
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° पिछले अंकों
से °
कहानियों में
फोकसअलका पाठक
मुंबई
टु सतपुड़ापुष्यमित्र
तुम
सच कहती होअभिरंजन कुमार
चाहडॉ शैलजा सक्सेना
रक्तदाननितिन
उपाध्ये
ज़िंदगी
जहां शुरू होती हैरवींद्र बत्रा
°
हास्य
व्यंग्य में
जनतंत्रडा नरेन्द्र कोहली
राजनीति
और मूंछराजेन्द्र त्यागी
धूप
का चश्मासंतोष खरे
इटली
के लड्डूगुरमीत बेदी
°
संस्मरण
में
अनूप शुक्ल व शोभा स्वप्निल की रचना
पार्षद
और झंडा गीत
°
सामयिकी
में
कन्हैयालाल चतुर्वेदी का आलेख
क्रांतिकारी
घटना का साक्षी
वह
बरगद
°
फिल्मइल्म
में
अजय
ब्रह्मात्मज की पड़ताल
हिंदी
फिल्मों में राष्ट्रीय भावना
°
पर्व परिचय में
9 अगस्त रक्षाबंधन के
अवसर पर
मनोहर पुरी की कलम से बंधा
प्यारा
सा बंधनरक्षाबंधन
°
घर
परिवार में
अर्बुदा ओहरी के सुझाव
दमदार
रहें दिनभर के लिए
°
रसोईघर
में
माइक्रोवेव अवन में पकाएं
आलू
टमाटर हरे प्याज वाले
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