इस माह- |
अनुभूति
में- ग्रीष्म ऋतु के स्वागत में आयोजित महोत्सव के अंतर्गत
कठिन मौसम में आनंद-रस घोलते हुए प्रतिदिन एक नयी ग्रीष्म
रचना... |
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साहित्य एवं
संस्कृति में- |
समकालीन कहानियों में प्रस्तुत
है भारत से
आलोक कुमार सतपुते
की कहानी-
साध्वी
अखबार में निधन वाली जगह पर मेरी
नजर पड़ी। संजना शुक्ला, उम्र २६ वर्ष, के निधन के समाचार ने
मुझे भीतर तक हिला दिया। मुझे यकीन ही नहीं हुआ कि हमारी संजना
नहीं रही। मैंने फोटो को ध्यान से देखा फिर मुझे यकीन करना ही
पड़ा। संजना मेरे ही ऑफ़िस में काम करने वाली एक लड़की थी।
हालाँकि वह शादीशुदा और एक तीन साल के बच्चे की माँ थी, पर
उसका खिलंदड़पन उसे लड़कियों की श्रेणी में रख देता था। वह एक
बेहद ही खूबसूरत लड़की थी। जितना ख़ूबसूरत उसका चेहरा था, उससे
भी कहीं ज़्यादा ख़ूबसूरत उसका दिल था। वह रोज नये-नये कपड़े
पहनकर ऑफ़िस आया करती थी। हालाँकि वह साधारण सी क्लर्क ही थी,
पर उसके पहनने-ओढ़ने के ढंग से ऐसा लगता था कि वह एक सम्पन्न
परिवार की लड़की है। वह ज्वेलरी भी अलग-अलग तरीके की पहना करती
थी। वह हमेशा ही खिलखिलाती रहती। उसके आने से ऑफ़िस में खुशियाँ
बिखर जाती थीं। हमारे ऑॅफिस की उसकी दूसरी साथी लड़कियाँ उससे
जलती थीं। वे उसे बदनाम करने की तमाम कोशिशें किया करती थीं।
...आगे-
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पवन जैन की लघुकथा
मन की चाभी
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राम गरीब विकल से
रचना प्रसंग में-
लोक चेतना
के संवाहक नवगीत
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विद्यानिवास मिश्र का
ललित निबंध-
तुम चंदन हम पानी
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पुनर्पाठ में- योगेन्द्र चंद्र शर्मा से-
जानें -
मई दिवस की यात्रा कथा |
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उमेश अग्निहोत्री का व्यंग्य
अमेरिका में कुत्ते
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छोटलाल बहरदार की कलम से
लोक जीवन में ऋतुगीत
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डॉ. परमानंद पांचाल का आलेख
प्राचीन भारत में विदेशी पर्यटक
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पुनर्पाठ में-
संस्कृति के अंतर्गत ममता भारती से जानें-
भारतीय
संस्कृति में सात का
महत्व
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समकालीन कहानियों में प्रस्तुत
है भारत से
अश्विन गाँधी
की कहानी-
आवारा कुत्ते
'सत्या, क्या आज सुबह सुबह शुगर
को घुमा के आये ?'
'हाँ, आज मैं और सुमी शुगर को कुछ कसरत कराने के लिये चक्कर
मारने निकले थे, अमृत। साथ साथ हमारी भी कुछ कसरत हो जाती है!'
सत्या और सुमी एक युवा युगल हैं, करीब तीस साल के।
श्रीधाम में कोई दस साल पहले सस्ते भाव में एक प्लौट खरीदा था,
और कोई पाँच साल पहले अपना घर बना लिया था। अपने खुद के कोई
बच्चे नहीं, मगर कुत्तों से बहुत प्यार करते हैं। तीन कुत्ते
पाल के रखे हैं। दो पीले रंग के, और सब से बड़ा काले रंग का
शुगर। सब एक ही घर में साथ साथ रहते हैं। 'अभी मैं दस मिनट
पहले मेरे बगीचे का चक्कर मारने निकला था। मेरे गेट के बाहर
जहाँ मैंने गुलाब बोये हैं वहाँ मैंने कुत्ते की बड़ी शौच देखी।
ताज़ा दिख रही थी। धुआँ उठ रहा था। तुम दोनों को शुगर के साथ
मेरे कंपाउंड के नज़दीक से गुज़रते हुए देखा था तो सोचा कि पूछ
लूँ। आज कल हमारे श्रीधाम में आवारा कुत्ते काफी दिख रहे हैं।
शुगर तो तुम दोनों के नियंत्रण में होता है तो यह शुगर की
प्रबल इच्छा...आगे-
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