अभिव्यक्ति-समूह : फेसबुक पर

पुरालेख तिथि-अनुसार। पुरालेख विषयानुसार हमारे लेखक लेखकों से
तुक कोश  //  शब्दकोश // SHUSHA HELP // पता-


१९. १२. २०११

इस सप्ताह-

अनुभूति में-
भारत भूषण, आदम गोंडवी, अनिल मिस्त्री, रामेश्वर कांबोज हिमांशु, और घनश्याम तिवारी की रचनाएँ।

- घर परिवार में

रसोईघर में- सर्दियों के मौसम में पराठों के क्या कहने ! १५ व्यंजनों की स्वादिष्ट शृंखला, भरवाँ पराठों में इस सप्ताह प्रस्तुत हैं- बथुए का पराठा।

बचपन की आहट- संयुक्त अरब इमारात में शिशु-विकास के अध्ययन में संलग्न इला गौतम की डायरी के पन्नों से- शिशु का ५१वाँ सप्ताह।

स्वास्थ्य सुझाव- आयुर्वेदिक औषधियों के प्रयोग में शोधरत अलका मिश्रा के औषधालय से- दमे के लिये तुलसी और वासा

वेब की सबसे लोकप्रिय भारत की जानीमानी ज्योतिषाचार्य संगीता पुरी के संगणक से- १६ दिसंबर से ३१ दिसंबर २०११ तक का भविष्यफल

- रचना और मनोरंजन में

कंप्यूटर की कक्षा में- किसी भी टैक्स्ट एडिटर में बड़ा टेक्स्ट एक साथ सेलेक्ट करने के लिये टैक्स्ट के प्रारंभ में एक क्लिक करें और ...

नवगीत की पाठशाला में- कार्यशाला-१९, में १ दिसंबर से नई रचनाओं के प्रकाशन का क्रम इस सप्ताह पूरा हो जाने की आशा है। 

लोकप्रिय कहानियों के अंतर्गत- प्रस्तुत है- २४ सितंबर २००२ को प्रकाशित प्रेम जनमेजय की कहानी— क्षितिज पर उड़ती स्कार्लेट आयबिस

वर्ग पहेली-०६०
गोपालकृष्ण-भट्ट
-आकुल और रश्मि आशीष के सहयोग से

सप्ताह का कार्टून-             
कीर्तीश की कूची से

अपनी प्रतिक्रिया लिखें / पढ़ें

साहित्य एवं संस्कृति में-

1
समकालीन कहानियों में यू.एस.ए. से
सुधा ओम ढींगरा की कहानी- परिचय की खोज

मेरी भारत यात्रा के दौरान अक्सर अजय भनोट जालंधर में अपने घर पर गोष्ठी रख लेते हैं। उनकी गोष्ठियों में पुराने मित्रों से मिलना हो जाता है और नए उभरते रचनाकारों से परिचय। इस बार भी बहुत सी नई प्रतिभाओं से मिलना हुआ। उभरते उपन्यासकार मयंक भारती को देख कर लगा कि इसे पहले कहीं देखा है। पूरी गोष्ठी में याद नहीं आया कि उसे कहाँ देखा है..बहुत सोचती रही। गोष्ठी की समाप्ति उपरांत वह मेरे पास आकर बोला, ''मैडम, पूरी गोष्ठी मैंने महसूस किया कि आप बार- बार मुझे देख रही थीं, जिस चेहरे को आप मेरे चेहरे में ढूँढ रही हैं...मैं उन्हीं का बेटा हूँ...अंत तक वे अपनी कहानी का इंतज़ार करती रहीं, आप ने भी औरों की तरह उनका विश्वास नहीं किया। इसी बात का दुःख उन्हें मरते दम तक रहा। वे आप को दूसरों से भिन्न समझती थीं। मरने से पहले वे मुझे अपने बारे में और आप के बारे में सब कुछ बता गईं।'' यह कह कर मयंक तो चला गया। विस्तार से पढ़ें...
*

समीर लाल का व्यंग्य
कड़वा वाला हनी
*

आज सिरहाने- विमलेश कुमार त्रिपाठी
का कविता संग्रह- हम बचे रहेंगे

*

दिवंगत गीतकार को श्रद्धांजलि
गीतों के चितेरे भारत भूषण
*

पुनर्पाठ में- अंबरीश मिश्र का
संस्मरण- सुनंदा भाभी

अभिव्यक्ति समूह की निःशुल्क सदस्यता लें।

पिछले सप्ताह-

1
शरद तैलंग की लघुकथा
कंबल
*

विजय कुमार से सामयिकी में
शिक्षा वहाँ राजनीति यहा

*

इंदिरा गोस्वामी की लेखनी से
मैं और मेरा लेखन
*

पुनर्पाठ में- पर्यटक के साथ देखें
स्पानी स्थापत्य का सौंदर्य मैड्रिड

*

समकालीन कहानियों में भारत से
मनमोहन सरल की कहानी- जमी हुई झील

हमारी कैब को चेक पोस्ट पर रोक दिया गया। मैंने तो समझा था कि यह महज औपचारिकता भर होगी। पासपोर्ट, विसा वगैरह जाँच कर जाने दिया जायेगा। सिक्योरिटी पर बेहद लम्बी और बेहद स्मार्ट औरत थी। उसने मेरा पासपोर्ट तो तुरंत लौटा दिया पर कैट का पासपोर्ट अपनी कठोर मुट्ठी में दबा कर उसे कार से उतरने को कहा। कैट, यानी कैथरीन, के पासपोर्ट में तकनीकी आपत्ति थी। वह डाइवोर्सी थी और पासपोर्ट में अभी तक उसके पूर्व पति का नाम काटा नहीं गया था। पूर्व पति अमेरिकी था पर साथ में मुझे देख कर उस ऑफिसर ने मान लिया था कि मैं कैट का पति हूँ। उस जिद्दी ऑफिसर को यह समझाने में हमें काफी मशक्कत करनी पडी़ कि हम दोनों का रिश्ता क्या है। पर आखीर में वह समझ गई और हम दोनों पर शरारती मुस्कान फेंक कर बोली, 'ओके, एनज्वाय योरसेल्फ!' वहाँ से चलने के बाद और होटल के रास्ते तक... विस्तार से पढ़ें...

अभिव्यक्ति से जुड़ें आकर्षक विजेट के साथ

आज सिरहानेउपन्यास उपहार कहानियाँ कला दीर्घा कविताएँ गौरवगाथा पुराने अंक नगरनामा रचना प्रसंग पर्व पंचांग घर–परिवार दो पल नाटक परिक्रमा पर्व–परिचय प्रकृति पर्यटन प्रेरक प्रसंग प्रौद्योगिकी फुलवारी रसोई लेखक विज्ञान वार्ता विशेषांक हिंदी लिंक साहित्य संगम संस्मरण
चुटकुलेडाक-टिकट संग्रहअंतरजाल पर लेखन साहित्य समाचार साहित्यिक निबंध स्वास्थ्य हास्य व्यंग्यडाउनलोड परिसरहमारी पुस्तकेंरेडियो सबरंग

© सर्वाधिकार सुरक्षित
"अभिव्यक्ति" व्यक्तिगत अभिरुचि की अव्यवसायिक साहित्यिक पत्रिका है। इस में प्रकाशित सभी रचनाओं के सर्वाधिकार संबंधित लेखकों अथवा प्रकाशकों के पास सुरक्षित हैं। लेखक अथवा प्रकाशक की लिखित स्वीकृति के बिना इनके किसी भी अंश के पुनर्प्रकाशन की अनुमति नहीं है।
यह पत्रिका प्रत्येक सोमवार को प्रकाशित होती है।

प्रकाशन : प्रवीण सक्सेना -|- परियोजना निदेशन : अश्विन गांधी
संपादन, कलाशिल्प एवं परिवर्धन : पूर्णिमा वर्मन
-|-
सहयोग : दीपिका जोशी

Google
Search WWW Search www.abhivyakti-hindi.org

 

blog stats
आँकड़े विस्तार में
१ २ ३ ४ ५ ६ ७ ८ ९ ०