शिशु का ५१वाँ सप्ताह
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इला
गौतम
गाय के दूध का समय
अब जब शिशु लगभग एक साल का हो गया है तो गाय का दूध उसके
आहार का मुख्य हिस्सा बन सकता है। इस उम्र में शिशु को आम
तौर पर पूरी चरबी का दूध दिया जाता है क्यूँकि चरबी शिशु
की बढ़त और ऊर्जा की ज़रूरत को पूरा करने के लिए आवश्यक
होती है। (संभव अपवादः यदि आपका वज़न ज़्यादा है, या आपके
परिवार में वज़न ज़्यादा होने का इतिहास है, यदि आपका
कोलेस्ट्रॉल ज़्यादा है या फिर आपको कोई हृदय रोग है, तो
आपके शिशु का डॉक्टर आपको कम चरबी का दूध इस्तेमाल करने की
सलाह दे सकता है।)
एक बार बच्चा दो साल का हो जाए तब वह आराम से कम चरबी या
बिना चरबी वाला दूध पी सकता है। यदि गाय के दूध को मध्यम
मात्रा में ग्रहण किया जाए तो इसमें कई पोषक तत्व होते हैं
जो बच्चे के विकास के लिए आवश्यक होते हैं। पोषणविद् यह
सलाह देते हैं कि एक साल के बच्चे को एक दिन में कम से कम
१६ आउन्स दूध पीना चाहिए - लेकिन २४ आउन्स से अधिक नही।
कुछ बच्चों को दूध बहुत पसंद होता है और माँ के लिए यही एक
चुनौती बन जाती है कि शिशु को ज़रूरत से अधिक दूध पीने से
कैसे रोका जाए। जो बच्चा एक दिन में आधा लीटर या पौना लीटर
से अधिक दूध पीता है वह अपना पेट दूध से ही भर लेता है और
दूसरे आवश्यक आहार नही ले पाता जो एक सन्तुलित आहार के लिए
ज़रूरी हैं।
दूसरी तरफ़ ऐसे बच्चे भी हैं जिनका गाय के दूध का नाम
सुनते ही मुँह बनने लगता है, कम से कम शुरूआत में। क्यूँ
ना हो, आखिर उसका स्वाद, तरलता और तापमान भी माँ के दूध,
या डब्बे के दूध से अलग होता है। ऐसे बच्चों के माता पिता
शुरूआत में बच्चों को गाय का दूध माँ या डब्बे वाले दूध
में मिलाकर दे सकते हैं। (जैसे एक हिस्सा गाय का दूध और
तीन हिस्सा जो वह आम तौर पर पीता है वह दूध)। फिर
धीरे-धीरे- गाय के दूध की मात्रा बढ़ाते-बढ़ाते १००
प्रतिशत तक कर दें।
खेल खेल खेल-
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पिरोना- अब जब शिशु छोटी चीज़ों को ठीक से पकड़ने में
माहिर हो गया है, उसे छोटी वस्तुएँ उत्तेजक लगती हैं।
यही मौका है शिशु की सूक्ष्म तंत्र कौशल का अभ्यास
कराने का और उसे सामान्य से अधिक देर तक व्यस्त रखने
का। इस खेल के लिए हमें चाहिए एक मजबूत तार, प्लास्टिक
का तार या जूते का फीता, और किसी भी गोल आकार का
सीरियल।
बच्चे को आराम से बैठने दें और ना टूटने वाली प्लेट पर
गोल आकार के सीरियल, जिसका छेद अच्छा बड़ा हो, उसकी एक
पतली परत फैला दें। प्लास्टिक के तार का एक २० इन्च
(लगभग ५० सेमी) लम्बा हिस्सा काटें या फिर जूते का एक
पतला फीता जिसके कोने प्लास्टिक से लिपटे होते हैं का
भी इस्तेमाल किया जा सकता है। एक सिरे पर गाँठ बाँध
दें या फिर एक सीरियल पर गाँठ बाँध दें ताकि आगे पिरोए
जाने वाले सीरियल तार से बाहर ना निकल जाएँ। शिशु को
दिखाएँ कि कैसे सीरियल को तार में पिरोया जाता है और
बस कुछ देर के लिए बिना किसी विघ्न के आराम से अखबार
पढ़ने बैठ जाइए।
इस खेल से शिशु के सूक्ष्म तंत्र कौशल और हाथ व आँख के
समन्वय का विकास होता है।
याद रखें, हर बच्चा अलग होता है
सभी
बच्चे अलग होते हैं और अपनी गति से बढते हैं। विकास के
दिशा निर्देश केवल यह बताते हैं कि शिशु में क्या विकास
होने की संभावना है - यदि अभी नही तो बहुत जल्द। ध्यान
रखें कि समय से पहले पैदा हुए बच्चे सभी र्कियाएँ करने में
ज़्यादा समय लेते हैं। यदि माँ के मन में बच्चे के स्वास्थ
या विकास से सम्बन्धित कोई भी प्रश्न हो तो उसे अपने स्वास्थ्य केंद्र
की सलाह लेनी चाहिए।
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