स्पानी स्थापत्य का सौन्दर्य मैड्रिड
— पर्यटक
लन्दन से मेड्रिड तक की विमान यात्रा मात्र दो घंटे
की थी। दृष्टि खिडकी के बाहर हरे भरे जंगलो के बीच बादलों
की अठखेलियों में खोई हुयी किन्तु मन स्पेन के कल्पनात्मक
दृश्यों में उलझा हुआ। स्पेन आइबेरियन प्रायद्वीप पर
पुर्तगाल के साथ बसा हुआ, उत्तरी सीमा स्थित पिरेनीज स्पेन
और फ्रान्स के बीच सीमा रेखा की तरह है। बहुसंख्यक ऊँची
ऊँची दुर्गम पहाडियों के कारण स्पेन को यूरोप में पर्वतो
वाला प्रथम देश माना जा सकता है यदि हम स्वीटजरलैंड को
अपवाद रूप में मान लें। मैड्रिड १५६२ से स्पेन की राजधानी
के रूप में आइबेरियन प्रायद्वीप के भौगोलिक केन्द्र पर स्थित
है। इसकी केन्द्रीय उच्चता समुद्र तट से
लगभग ६५० मीटर है।
हमारा विमान स्पेन के अन्र्तराष्ट्रीय हवाई अडडे एलीकेन्ट
पर उतर चुका था वहाँ से मेड्रिड शहर की १२ किमी की दूरी को
मैने टैक्सी से तय किया। मेड्रिड वृहत स्मारको का शहर है
जो हाब्सवगे के सम्राज्य और प्रडो के संग्रहालय को
मध्ययुगीन केन्द्र के रूप में प्रकाशित करता है। मेड्रिड न
केवल अपनी सभ्यता एवं संस्कृति के लिए प्रतिष्ठित है बल्कि
इस महानगर को यहाँ के पबों, कैफै, डिस्को और नाइट क्लबों
का देर रात तक खुलना सजीवता प्रदान करता है मेड्रिड की रात
रंगीनियोंसे भरी हुयी चहल पहलयुक्त होती है। यह जानकर
आश्चर्य हुआ कि सुबह ४ बजे बहुतायत लोगो के आवागमन के कारण
ज्यादातर यातायात अवरुद्ध हो जाता है।
मैड्रिड व्यापार और व्यवसाय का एक बड़ा केन्द्र है। यहाँ के
बिज़नेस डिस्ट्रिक्ट में अनेक भव्य भवनों में बहुराष्ट्रीय
कंपनियों के बड़े बड़े कार्यालय, होटल, शो रूम और रेस्तरां
हैं। विश्व प्रसिद्ध डिज़ायनरों जैसे प्रादा और अरमानी के
नये से नये डिज़ायन खरीदने वालों का यह स्वर्ग है।
यहीं स्थित है प्लाज़ा कैस्टिला जो आधुनिक स्थापत्य का
अनुपम उदाहरण है। कियो टावर नामक दो बडे मीनारनुमा भवनों के
बीच एक वृहदाकार मूर्ति के पीछे छिपा यह बहुमंजिला स्तूपाकार भवन निसंदेह
अत्यंत आकर्षक है।
मैड्रिड का राजमहल स्पानी स्थापत्य के नयनाभिराम नमूनों
में से एक है। पैलेशियो रियल नामक इस भवन का निर्माण १७वीं शती के प्रारंभ में हुआ था। १९३० के बाद राजपरिवार
इसमें कभी नहीं रहा। उन्होंने शहर की चहलपहल से दूर एक
आधुनिक भवन में रहना अधिक पसंद किया। यह पुराना राजमहल तब
से विशेष अवसरों, समारोहों और उत्सवों के समय ही इस्तेमाल
होता है। विशेष रूप से विदेशी अतिथियों के स्वागत के लिये।
१९९१ के मध्यपूर्व शांति सम्मेलन का आयोजन भी इसी भवन में
किया गया था। आज यह विदेशी पर्यटकों के लिये किसी स्मारक
से कम दर्शनीय नहीं है। तभी तो लम्बी कतारों में टिकट
प्राप्त करने के बाद २८०० कमरों वाले इस भवन को देखने की
चाह लोगों में बनी रहती है। कीमती चित्रों, पात्रों, मूर्तियों
के अनोखे संग्रह ओर रूचिपूर्ण सजावट से परिपूर्ण इस राजमहल के
भोजन कक्ष और स्नानागारों
का सौन्दर्य राजसी ठाठबाट को सजीव करता है।
मेड्रिड आज २००१ में भी अपनी सस्ती हवाई यात्रा, रहने एवं
खाने की उचित दर पर व्यवस्था के कारण पर्यटको को अपनी
सभ्यता, संस्कृति एवं प्राकृतिक धरोहरों के सौन्दर्यपान का
अवसर प्रदान करता है। मेड्रिड शहर के विस्तार ने आसपास के
अनेको गाँवो को मिला लिया है इन गाँवो के बहुत से आवासों
में आज भी उनकी पूर्व परम्परा की झलक देखने को मिलती
है। अपने भ्रमण के दौरान मैं मेड्रिड के मध्यकाल की प्रतीक
इमारत 'वैरियो डी ला मेरोरियो' गया जिसे मूर के न्यायलय के रूप
में जाना जाता है।
शताब्दी के प्रारम्भ का व्यवसायिक केन्द्र 'प्लाजा डी ला
पाजा' अपनी चहल पहल एवं व्यवसायिक गतिविधियों से आर्कषण का
केन्द्र बना हुआ है. यहाँ से निकल कर मैं 'सेननिकोलस डी
लास सर विटास चर्च' पहुँचा जहाँ 'टावर शेन प्रेडो एल वीयजो'
स्थापत्य कला की प्रतीक इमारत के रूप में दिग्दर्शितहो रही
है। प्यूरेटा डेल सेल से पतली और घुमावदार सड़को से निकलते
हुए 'डेस कलपास रियलस' में वहाँ के शैक्षणिक संस्थानो और
चर्चित 'प्लाजा मेयर' को देखते हुए फिलिप्स द्वितीय की
मूर्ति के पास पहुँचा जो चबूतरे के मध्य स्थापित थी। इस
महान इतिहास–पुरुष ने मेड्रिड को
स्पेन की राजधानी के रूप में प्रतिष्ठित किया था।
स्पेन के प्रसिद्ध लेखक केसा डी लोप डी वेगा के आवास के
सामने से गुजरते हुए मुझे पता चला कि इस सडक का नाम भी स्पेन
के दूसरे महापुरूष कैली करवन्टेस के नाम पर है। कला अकादमी के
पास ही स्थित विशिष्ट ढंग से सजे हुए कैफे ने थोडी देर के लिए
हमारे भ्रमण को विराम दिया। हल्का नाश्ता एवं काफी पीने के बाद
मैं 'ओरोटोरियो डेल केबा
लेरोडी ग्रेसया' प्रार्थनालय गया जो उत्कृष्ट स्थापत्य कला की
श्रेष्ठ कृति है।
कैली अलकला सड़क से आगे बढते हुए खूबसूरत फव्वारे वाले
वानस्पतिक बगीचे एवं खगोल विज्ञान की वेधशाला का भ्रमण
करता हुआ आगे बढा। प्यूरेटा डेल सोल से दुबारा गुजरते हुए
प्रेडो के संग्रहालय पहुँचा यहाँ विश्व की अन्य दुर्लभ
वस्तुओं और पुरानी कलाकृतियों को देखने का मौका मिला जहाँ
स्पेन की प्राचीन सभ्यता और संस्कृति की पूर्ण झलक मिलती
है। इस संग्रहालय की गणना विश्व के महान संग्रहालयो में की
जाती है। यहाँ से निकलकर मैं पार्क डेल रिटरो गया जो
मेड्रिड की बहुत ही खूबसूरत एवं मन्त्र मुग्ध करने वाली
जगह है। मैंने झील पर नौका विहार का अविस्मरणीय आनन्द
लिया।
प्लाजा डी कालन के सुन्दर बगीचे के आर्कषण से अपने को बचा
न सका और उसकी खूबसूरती मे खोया हुआ अन्दर पहुँच गया।
बगीचे मे स्थापित क्रिस्टोफर कोलम्बस की भव्य प्रतिमा को
देखते ही मेरा मन भाव विभोर हो उठा आज मैं विश्व के उस
महानतम अन्वेषक की प्रतिमा के सम्मुख खडा हूँ जिसने यूरोप
को अपनी दुनिया से बाहर की दुनिया दिखायी और सम्पूर्ण
विश्व को एक नवीन सभ्यता एवं संस्कृति से आत्मसात कराया।
यहाँ की ‘सेन्ट्रो कल्चरल डी ला विला’ नामक सांस्कृतिक
केन्द्र पर प्रत्येक रात आयोजित होने वाले संगीत समारोहो
एवं अन्य सांस्कृतिक गतिविधियों ने मुझे स्पेनिश गीत
संगीत एवं नाटय शैली का दर्शन कराया। स्पेन की स्थापत्य
शैली के और भी कई मनमोहक उदाहरण देखने को मिले जैसे ‘टोरेस
डी कौलेन’ इडीफीसिये ‘बन्कौनियन’ला एडीटिका तथा खुला
स्थापत्य संग्राहालय वास्तव में अद्वितीय है।
मेड्रिड की भोजन शैली में स्पेन की सभी क्षेत्रीय पाक
विद्याओं का समावेश मिलता है। वर्तमान समय में व्यवहारिक
रूप से यह कहना कठिन है कि कौन सा पकवान मूल रूप से यहाँ
का वास्तविक पकवान है। फिर भी स्पेनिश पकवान अत्यन्त ही
आश्चर्यजनक है। मैनै यहाँ के विशिष्ठ पेय ‘सोप डी अजे'
का रसास्वादन किया जो मूल रूप से लहसुन के रस से तैयार
किया जाता है।
यहाँ मांसाहार खाने की बहुतायत श्रेणियाँ है चिकेन के
विभिन्न खाध्य पदार्थ एवं मेमने के माँस से बने व्यंजन
आदि। लेकिन मेड्रिड विशेष रूप से मछली प्रेमियों के लिए
खाने के लजीज व्यंजन उपलब्ध कराता है। वैसे भी मेड्रिड का
विश्व मे टोकियो के उपरान्त मत्स्य व्यवसाय मे दूसरा स्थान
है। यहाँ की दूकानो और रेस्त्रां मे आप अपने मन पसन्द
मांसाहारी व्यंजनो के खाने का आनंद ले सकते है। निरामिष
होने के कारण मुझे इनके बारे में मेड्रिडवासियो से ही
जानकारी हुई।
मेड्रिड की टेपास एक बहुत ही प्रचलित पेय है। एक शाम को
मैने भी कुछ प्रमुख टापास बारों में चक्कर लगाते हुआ
'लावेनेनसिया' के अन्दर प्रवेश किया और टापास पीकर आनन्दित
हुआ।
नव वर्ष की सन्ध्या पर यहाँ हजारो लोगो का समूह 'प्यूरेटा
डी सोल' पर एकत्रित होकर नाचते गाते खुशिया मनाते हुए देखा
जा सकता है। उनकी धमाचौकडी वृहत घडी की संगीतमय आवाज के
साथ १२ बजने की सूचना पर रूकती है। यहाँ की परम्परा के
अनुसार सभी लोग नव वर्ष की शुभता के लिए १२ अंगूर खाते है।
थोडा अजीब जरूर लगता है किन्तु रूढिवादी परम्पराओं को
नकारा भी नही जा सकता।रात भर सम्पूर्ण शहर की जगमगाहट व
चहल–पहल एक विशाल समारोह जैसी अनुभव होती है।
मेड्रिड का रोमान्च भरा एक और आर्कषण है — 'साँड का
द्वन्द' जो वर्ष पर्यन्त चलता रहता है। मुझे भी इसके
रोमान्चक क्षणो को अनुभव करने का सुखद अवसर प्राप्त हुआ।
मैड्रिडवासी अपने त्योहारों एवं समारोहो को बडी धूम धाम
से मनाते हैं। स्पेन यूरोपियन संघ का सदस्य है जिसके कारण
यहाँ के नागरिक आजादी से किसी भी सदस्य देश मे जा सकते है
जो निश्चित रूप से स्पेन वासियों के लिए गौरव का विषय है।
मेड्रिड वासी हमेशा किसी भी रीति रिवाज को अपनाने की इच्छा
रखते है लेकिन फिर भी अपनी परम्पराओं से दूर नही होते। वे
वर्तमान मे भी अपने भूत के प्रति सजगता रखते हैं। ऐसी
मिश्रित सौम्यता किसी भी राष्ट्र की संस्कृति एवं सभ्यता
को सजीवता प्रदान करते हुए देश एवं शहर के गौरव को बढाती
है।
१६ जनवरी २००२ |