इस सप्ताह —
समकालीन कहानियों के
अंतर्गत
भारत से
जितेन ठाकुर की कहानी एक और सूरज
"कार,
कौन-सी? शैवरलैट या ब्यूक।" एक बार फिर ठहाका फूट पड़ा था। कोई भी
उसकी बात के प्रति गंभीर नहीं था। सब यही सोच रहे थे कि या तो वह
मज़ाक कर रहा है या यह सब उसका दिमाग़ी फितूर है। दो चार घंटे न सही
दो चार दिन में ठीक हो जाएगा। पर जब हालात नहीं बदले तो उसे समझाने
की कोशिशें शुरू हो गई-
"पागलपन छोड़ो। मान लो तुमने अपनी कुल जमा पूँजी लगाकर कार
ख़रीद भी ली तो उस सफ़ेद हाथी को पालोगे कैसे? जितनी तुम्हारी
तनख़्वाह है उतना तो पेट्रोल ही फुँक जाएगा।"
"नहीं ऐसा नहीं होगा, वक्त तेज़ी से बदल रहा है। किसने सोचा था
कि एक दिन मोबाइल फ़ोन पाँच सौ में मिल जाएगा। बस इसी तरह एक
दिन कार भी मिलेगी," उसका विश्वास नहीं दरका।
*
हास्य-व्यंग्य के अंतर्गत
उमेश अग्निहोत्री खेल रहे हैं
अमेरिका में गुल्ली डंडा
जब से
अमेरिका आया हूँ गोल्फ खेलने का शौक हो गया है। ज़रा मौसम खुला देखा नहीं
कि गोल्फ कोर्स की तरफ़ रवाना। क्या डिग्निटी वाला खेल है साहब। क्या तो
खामोशी, और क्या तो ग्रीनरी. . . और एक्सरसाइज़ की एक्सरसाइज़। 18-19 होल
का कोर्स। बॉल एक बल्ले बीस। अकेले खेलो। सामने किसी दूसरे की भी ज़रूरत
नहीं। किसी प्रोफ़ेशनल का स्कोर हाथ में और एक होल से दूसरे होल की तरफ़
चलते चलो। बॉल को हिट करते हुए बॉल हिले न हिले मिट्टी ज़्यादा उड़े तो
भी चिंता नहीं कोई देखकर खी-खी कर हँसने वाला भी नहीं। कैडी साथ में हो
तो उसकी ट्रेनिंग है कि हँसना नहीं है। इस तरह खेलने वाले का आत्मविश्वास
बढ़ जाता है। यह आत्मविश्वास फिर जीवन के दूसरे पहलुओं में भी नज़र आता
है। आत्मविश्वास बढ़ानेवाला खेल है यह।
*
प्रकृति और पर्यावरण में
टीम अभिव्यक्ति ले आई है
सदाबहार की बहार
जब शोध हुआ
तो 'सदाबहार' के अनेक गुणों का पता चला - सदाबहार पौधा बारूद - जैसे विस्फोटक
पदार्थों को पचाकर उन्हें निर्मल कर देता है। यह कोरी वैज्ञानिक जिज्ञासा भर
शांत नहीं कर रहा, वरन व्यवहार में विस्फोटक-भंडारों वाली लाखों एकड़ ज़मीन
को सुरक्षित एवं उपयोगी बना रहा है। भारत में ही 'केंद्रीय औषधीय एवं सुगंध
पौधा संस्थान' द्वारा की गई खोजों से पता चला है कि 'सदाबहार' की पत्तियों
में 'विनिकरस्टीन' नामक क्षारीय पदार्थ भी होता है जो कैंसर, विशेषकर रक्त
कैंसर (ल्यूकीमिया) में बहुत उपयोगी होता है।
*
प्रौद्योगिकी में मितुल पटेल चल पड़े हैं
विकिपीडिया के साथ
हिंदी समृद्धि की राह पर
विकिपीडिया हिंदी
जानने वालों के लिए विभिन्न विषयों में सुविधाजनक और तुरंत जानकारी का
सर्वोत्तम साधन है। इसके ढेर से लाभों के देखते हुए हिंदी विकिपीडिया के
तीव्र विकास को हिंदी समुदाय के तीव्र विकास से जोड़कर देखा जा सकता है।
हिंदी में विकिपीडिया की शुरुआत जुलाई 2003 में हुई थी। आज हिंदी विकिपीडिया
में लगभग 8,000 लेख है। इन लेखों को भूगोल, इतिहास, व्यक्तिगत जीवन, विज्ञान,
राजनीति, फ़िल्में, खेल और साहित्य जैसे प्रमुख भागों में बाँटा गया हैं।
कई लेख अधूरे हैं और हिंदी
साहित्य, भारत और संबंधित विषयों की जानकारी हिंदी से ज़्यादा तो अँग्रेज़ी और
जर्मन विकिपीडिया पर ही है।
साहित्य समाचार में—
ब्रसेल्स में भारत महोत्सव,
दुबई में द्वितीय खाड़ी
क्षेत्र हिंदी सम्मेलन संपन्न और
सजीवन मयंक के काव्य
संकलनों का विमोचन
|
|
-पिछले अंकों से-
कहानियों में
शिवः माम् मर्षयतु-लोकबाबू
वैलेंटाइन दिवस-महावीर
शर्मा
क़सबे का
आदमी-कमलेश्वर
दिल्ली दूर है-किरन
अग्रवाल
अपूर्णा
- अलका सिन्हा
*
*
हास्य व्यंग्य में
भोलेनाथ की . . .-शास्त्री
नित्यगोपाल कटारे
वनन में बागन में-
अनूप कुमार शुक्ल
जनतंत्र-डॉ
नरेंद्र कोहली
संभावनाएँ बहुत हैं...!-
गुरमीत बेदी
*
*
पर्व परिचय में
मनोहर पुरी का संदेश
सच्चिदानंद का साक्षात्कार ही है महाशिवरात्रि
*
*
पर्यटन में
डॉ अजय शेखर के
साथ पंचकेदार यात्रा
हिमालये तु केदार
*
*
कलादीर्घा में
विभिन्न कलाकारों की
तूलिका से
- शिव -
*
*
घर परिवार
में
पूर्णिमा वर्मन से जानें
वैलेंटाइन
दिवस-तथ्य और आँकड़े
*
*
फुलवारी में
बच्चों के लिए मौसम की जानकारी
वर्षा क्यों होती है
*
*
रसोईघर में
गृहलक्ष्मी प्रस्तुत कर रही हैं
दिलपसंद कुकीज़
*
*
कमलेश्वर स्मृति अंक
*
|