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'दिन अभी ढला नहीं' और 'माटी चंदन है' का लोकार्पण

होशंगाबाद, 31 जनवरी 2007 को नगर के वरिष्ठ रचनाकार श्री सजीवन मयंक के दो काव्य संकलन ''दिन अभी ढला नहीं'' एवं ''माटी चंदन है'' का लोकार्पण शिव संकल्प साहित्य परिषद एवं श्री प्रमोद ग्रोवर स्मृति मंच के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित कार्यक्रम में भोपाल से पधारे वरिष्ठ रचनाकार श्री उपेंद्र पांडेय एवं कर्मनिष्ठा के संपादक श्री मोहन तिवारी आनंद के द्वारा किया गया। कार्यक्रम में श्री पांडेय ने सजीवन मयंक के ग़ज़ल संग्रह पर अपने विचार प्रगट करते हुए, इन्हें वर्तमान में आम आदमी की पीड़ा को व्यक्त करने वाली उत्कृष्ट रचना निरूपित किया, वही कर्मनिष्ठा के संपादक श्री मोहन तिवारी आनंद ने माटी चंदन की रचनाओं को समाज उपयोगी बताया, कार्यक्रम में आयोजित कवि गोष्ठी में सर्व श्री मोहन वर्मा 'साहिल', श्री उपेंद्र पांडेय, श्री मोहन तिवारी आनंद, श्री विश्वनाथ शर्मा विमल, सजीवन मयंक, श्री कृष्ण स्वरूप शर्मा, श्री अमृतलाल मालवीय, श्री नर्मदा प्रसाद मालवीय, श्रीमती कल्पना सक्सेना, श्रीमती रेखा शास्त्री, श्रीमती निशा डाले, श्री लक्ष्मी प्रसाद यादव, श्री प्रेम सोलंकी अमित, शिव अनुज बिल्लौरे, संतोष इंकलाबी ने सहभागिता की कार्यक्रम का संचालन श्री गिरिमोहन गुरु ने किया।

24 फरवरी 2007

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