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पिछले
सप्ताह
नगरनामा
में
स्वदेश राणा का आलेख
न्यूयार्क
का नगरनामा
तआरूफ़
अपना बकलम ख़ुद
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पर्यटन में
सैरसपाटे को निकलते हैं
माया
नगरी
मुंबई
विभा प्रकाश श्रीवास्तव के साथ
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मंचमचान
में
अशोक चक्रधर का अगला संस्मरण
क्या
होती है थेथरई मलाई
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फुलवारी में
जानकारी के लिए
आविष्कारों की
कहानी
और शिल्प कोना में कुछ करने के लिए
आओ
मिलें गले
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कहानियों में
भारत से सूरज प्रकाश की कहानी
मातमपुर्सी
इस शहर को हमेशा के
लिए छोडने के बाद अब यहां से मेरा नाता सिर्फ़ इतना ही रहा है
कि साल छः महीने में हफ्ते दस दिन की छुट्टी पर मेहमानों की तरह
आता हूं और अपने खास खास दोस्तों से मिल कर या फिर मां बाप के
साथ भरपूर वक्त गुज़ार कर लौट जाता हूं। रिश्तेदारों के यहां
जाना कभी कभार ही हो पाता है। हर बार यही सोच कर आता हूं कि इस
बार सबसे मिलूंगा सब की नाराज़गी दूर करूंगा लेकिन यह
कभी भी संभव नहीं हो पाया है।
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इस
सप्ताह
कहानियों में
भारत से कुसुम अंसल की कहानी
पानी
का रंग
"रोज़ी यह
बहुत अच्छी पेन्टर है ... . .कोई मामूली शख्सियत नहीं . . ."
रोज़ी की मुखमुद्रा में तो कोई अन्तर नहीं आता था परन्तु गुल
अवश्य ही ट्रांसफार्म सी होकर उस कगार पर पहुंच जाती जाती थी
जहां बहुत वर्ष पहले समीर के प्रोम में डूब कर बड़ी फिल्मी अदा
से शिमला के 'स्कैन्डल प्वाइंट' से भाग गई थी। आज कौन कह
सकता है कि कभी गुल सुन्दरी रही होगी अमीर बाप की लाड़ली
बेटी गुल? समीर का मध्यम वर्गीय परिवार और एक के बाद एक तीन
बच्चों का जन्म . . .जब से आज तक बस काम ही काम, अंतहीन
व्यस्तता कभी बच्चों का मंहगा स्कूल, कभी मकान की किश्तें
कितना कुछ था जो उसके व्यक्तित्व को तराश रहा था, कुरेद रहा था।
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साहित्यिक निबंध
में
डा हजारी प्रसाद द्विवेदी का लेख
अशोक के फूल
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हमारी संस्कृति में
मानोशी चैटर्जी का आलेख
भारतीय शास्त्रीय
संगीत
°
दृष्टिकोण
में
डा रति सक्सेना का आलेख
संस्कृति की आड़ में
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रसोईघर
में
पुलावों की श्रृंखला में दक्षिण
भारत से हेमा द्वारा भेजा गया व्यंजन
बिसिबेले भात
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सप्ताह का विचार
निराशा के समान दूसरा
पाप नहीं। आशा सर्वोत्कृष्ट प्रकाश है तो निराशा घोर
अंधकार है रश्मिमाला |
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° पिछले अंकों से°
कहानियों में
चिड़ियाअमरेन्द्र कुमार
झूमरभीष्म
साहनी
मौखिकीदेवेन्द्र सिंह
कोसी
का घटवारशेखर जोशी
अनोखी रातविद्याभूषण धर
एक और कुआनो
संतोष गोयल
°
प्रौद्योगिकी
में
रविशंकर श्रीवास्तव का
आलेख
अब कंप्यूटर
पूरी तरह हिन्दी में
°
प्रकृति
में
विश्वनाथ सचदेव की कलम से
बिन चिड़िया का जंगल
°
विज्ञान
वार्ता में
डा गुरूदयाल प्रदीप सुना
रहे हैं
कथा डी
एन ए की खोज की
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साक्षात्कार
में
रंगकर्मी माला हाशमी से
मनोज
कुमार कैन की बातचीत
नुक्कड़
नाटकों की दुनिया
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सामयिकी
में
मधुलता अरोरा का आलेख
डाकटिकटों में बखानी
तिरंगे की कहानी
°
हास्य
व्यंग्य में
महेशचंद्र द्विवेदी
की
रचना
लॉ एण्ड आर्डर
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आज
सिरहाने में एस आर हरनोट के
नये उपन्यास हिडिम्ब
का परिचय
दीपिका जोशी द्वारा
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