निमंत्रण
अभिव्यक्ति
की ओर से 'कथा महोत्सव 2003' के लिये भारत के नागरिक व भारत के
निवासी हिन्दी कथाकारों की कहानियां आमंत्रित की जाती हैं।
चुनी हुयी कहानियों को अभिव्यक्ति के जाल संकलन 'माटी की गंध'
में संकलित किया जायेगा।
विस्तृत सूचना
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कहानियों में
जानीमानी कथाकार ममता कालिया
की सहज अभिव्यक्ति
परदेसी
इस बार भाभी ने फोन पर कहा,
"भावना, हमारा बहुत-अच्छा दोस्त
रिचर्ड भारत जा रहा है। एक हफ्ते
राजस्थान घूमकर वह इलाहाबाद
पहुंचेगा। एक हफ्ते वह वहां रहेगा।
उसके आराम का पूरा ध्यान रखना।
घर की सफाई कर लेना। कहीं भी
गन्दगी, मच्छर, छिपकली न दिखने
पाये। रिचर्ड डॉक्टर है। तुम्हारे भाई
उसे साथ लेकर आते, पर उन्हें अभी
छुट्टी नहीं मिल रही हैं।
परिक्रमा में
दिल्ली दरबार
के अंतर्गत बृजेशकुमार
शुक्ला पस्तुत कर रहे हैं, भारत से गत माह की घटनाओं का लेखाजोखा
पुतिन की भारत यात्रा
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कनाडा
कमान के अंतर्गत कैनेडा के
सांस्कृतिक कार्यक्रमों की एक मोहक
झलक सुमन घेई की कलम से
हिन्दी साहित्य सभा की
वार्षिक सांस्कृतिक संध्या
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रसोई घर में
मिठाइयों के क्रम में
रसीले
गुलाब जामुन
और
नमकीन में चटपटी
भेल पूरी
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महानगर की कहानियां
में सूरज प्रकाश की लघुकथा
ग्लोबलाइज़ेशन1
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कला दीर्घा में
कला और कलाकार के
अंतर्गत
इस बार प्रस्तुत कर रहे है
के के हेब्बार
का परिचय उनकी दो
कलाकृतियों
के साथ
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धारावाहिक में
सुपचरित लेखक अभिज्ञात
की आत्मकथा का अगला भाग
सुख है कि उनके जाने का यकीं
नहीं
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प्रेरक प्रसंग में
प्रख्यात कथाकार व उपन्यासकार प्रेमचंद
के जीवन से एक प्रेरणाप्रद प्रसंग
प्रेमचंद की गाय
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फिल्म इल्म में
इस माह की प्रमुख फिल्मों
कर्ज, रिश्ते, मसीहा और
साथिया
से परिचय दीपिका जोशी के साथ
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सहित्य संगम
में
लक्ष्मी रमणन की
तमिल कहानी
का हिंदी रूपांतर
टूटा हुआ स्वर
उनकी गुरू गंभीर और सुस्पष्ट वाणी मंदिर के घंटे की नाद–ध्वनि के सहज
गूंज उठी। सभी स्वर उचित स्थान पर
व्यक्त हुए। मैं स्वभाव से ही बहुत
सकुचाने वाली थी उन दिनों। इसलिए
जब संगीतज्ञ गुरूमूर्तिजी मुझे संगीत की
शिक्षा देने के लिए आये तो बस उनकी
वाणी सुनती रही, सिर उठाकर उन्हें
देखने से डरती रही। पूरा ध्यान
उन्हीं की वाणी पर केंद्रित था।
अचानक उन्होंने प्रश्न किया।
"कितने कीर्तन सीखे हैं तुमने?"
सप्ताह का विचार
साहित्य का
कर्तव्य केवल ज्ञान
देना नहीं है—परंतु एक नया
वातावरण देना भी है।
— डा सर्वपल्ली राधाकृष्णन
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पिछले
अंक से-
गौरवगाथा में
लोकप्रिय लेखक अमरकांत की कहानी
दोपहर का भोजन
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हास्य व्यंग्य में
महेश द्विवेदी का लेख
सू पुराण
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निबंध में
आशीष गर्ग का विचारोत्तेजक लेख
भारतीय भाषाओं
का पुनरून्थान कैसे?
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फुलवारी
के पाठकों के लिये
शिशुगीतों का एक पूरा संकलन
जग का मेला
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पर्यटन में
मंडी के पर्यटन स्थलों से परिचय गुरमीत बेदी
के शब्दों में
श्रद्धा और सौंदर्य का संगम : मंडी
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संस्मरण में
हिन्दी के प्रतिष्ठित कवि,
लेखक व नाटककार डा रामकुमार
वर्मा परशंकुंतला सिरोठिया का
आलेख
स्नेहसिक्त मेरे अग्रज
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प्रेरक प्रसंग में
ईश्वरचंद्र विद्यासागर के जीवन
से संबंधित प्रेरणादायक प्रसंग
महानता के लक्षण
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परिक्रमा में
लंदन पाती
के अंतर्गत यूके से शैल अग्रवाल
पस्तुत कर रही हैं
खुद की तलाश में हिन्दी
क्यों और कैसे
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