निमंत्रण
अभिव्यक्ति
की ओर से 'कथा महोत्सव 2003' के लिये भारत के नागरिक व भारत के
निवासी हिन्दी कथाकारों की कहानियां आमंत्रित की जाती हैं।
चुनी हुयी कहानियों को अभिव्यक्ति के जाल संकलन 'माटी की गंध'
में संकलित किया जायेगा।
विस्तृत सूचना
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कहानियों में
यू के से अरूण अस्थाना
की कहानी-
तर्पण
मुझे अफसोस है कि मेरा वह
बहुत प्यारा, बेहद अंतरंग दोस्त अब नहीं रहा। मुझे इस बात का भी बेहद
गम है कि उसकी पत्नी और पांच साल का बेटा बेसहारा हो गए . .
.उन्होंने अपना पति और पिता खो दिया। लेकिन सच बताऊं तो इस मौत से
मुझे कोई भारी शॉक लगा – ऐसा भी नहीं। वैसे उसे कोई जानलेवा बीमारी
नहीं थी, वह उम्र के उस मुकाम पर भी नहीं पहुंचा था जहां लोग मौत का इंतजार
करते है।
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संस्मरण में
हिन्दी के प्रतिष्ठित कवि, लेखक व
नाटककार डा रामकुमार वर्मा
के विषय में
शंकुंतला सिरोठिया का आलेख
स्नेहसिक्त मेरे अग्रज
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पर्यटन में
मंडी के पर्यटन स्थलों का वर्णन
गुरमीत बेदी के शब्दों में
श्रद्धा और सौंदर्य का संगम
: मंडी
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परिक्रमा में
लंदन पाती
के अंतर्गत यूके से
शैल अग्रवाल पस्तुत कर रही हैं
खुद की तलाश में
हिन्दी क्यों और कैसे
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गौरवगाथा में
लोकप्रिय लेखक अमरकांत की कहानी
दोपहर का भोजन
मुंशी जी के निबटने के पश्चात सिद्धेश्वरी
उनकी जूठी थाली लेकर चौके की जमीन पर बैठ गई। बटलोई की दाल को कटोरे
में उड़ेल दिया, पर वह पूरा भरा नहीं। छिपुली में थोड़ी–सी चने की
तरकारी बची थी, उसे पास खींच लिया। रोटियों की थाली को भी उसने पास
खींच लिया। उसमें केवल एक रोटी बची थी। मोटी–भद्दी और जली उस
रोटी को वह जूठी थाली में रखने जा रही थी कि अचानक उसका ध्यान ओसारे में
सोए प्रमोद की ओर आकर्षित हो गया।
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हास्य व्यंग्य में
महेश द्विवेदी का लेख
सू पुराण
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निबंध में
आशीष गर्ग का विचारोत्तेजक लेख
भारतीय भाषाओं का पुनरून्थान
कैसे?
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धारावाहिक
में
सुपचरित लेखक अभिज्ञात
की आत्मकथा का अगला भाग
मैं तो बस लिखता हूं और शेर
समझ लेता हूं
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फुलवारी
के पाठकों के लिये शिशुगीतों का
एक पूरा संकलन
जग का मेला
1
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सप्ताह का विचार
प्रजा के सुख में ही राजा का सुख
और प्रजाओं के हित में ही राजा को अपना हित समझना चाहिये।
आत्मप्रियता में राजा का हित नहीं है, बल्कि प्रजाओं की
प्रियता में है।
— चाणक्य
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पिछले
अंक से-
कलादीर्घा में
कला और कलाकार
के अंतर्गत
कृष्णजी हौवाल जी आरा
का परिचय उनकी कलाकृतियों
के साथ
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प्रेरक प्रसंग में
ईश्वरचंद्र विद्यासागर के जीवन
से संबंधित प्रेरणादायक प्रसंग
महानता के लक्षण
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कहानियों में
भारत से जयनंदन की कहानी
पेटू
और
सहित्य संगम
के अंतर्गत
गुजराती के सुप्रसिद्ध लेखक रजनी कुमार पंड्या
की कहानी का हिन्दी रूपांतर
कंपन ज़रा ज़रा
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तेरह प्रवासी हिन्दी लेखकों की कहानियों का संग्रह
वतन से दूर
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सूरज प्रकाश की एक और महानगरीय
लघुकथा
संतुलन
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रसोई घर में
मिठाई
दाल हलवा
और नमकीन
ढोकले
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उपहार में
जन्मदिवस के अवसर
हेतु सुंदर
शुभ कामनाएं
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संस्मरण में
प्रसिद्ध लेखक अमृत राय के
विषय में गीता बंधोपाध्याय का आलेख
क्या अधिकार था तुम्हें अमृत
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