कहानियों में
यू के से तेजेन्द्र शर्मा की कहानी
जीना
यहाँ किसके लिये
पिछले कुछ समय से बाऊजी ने एक चुप्पी सी ओढ़ रखी है एक शब्द भी तो नहीं
बोलते यदि उनसे कुछ पूछते हैं तो भी अस्फुट से स्वरों में हाँ या नहीं जैसा
उत्तर ही मिलता है हिम्मत नहीं जुटा पा रहा कि बाऊजी की आँखों में आँखें
डाल कर देख पाऊँ न जाने उन आँखों में क्या भाव हो जब बाऊजी ने यह बात कही
होगीऋ उस समय उनकी अपनी मनःस्थिति क्या रही होगी?
साहित्य संगम
में
बिपिन बिहारी मिश्र की उड़िया कहानी
प्रतियोगी,
हिन्दी रूपांतरकार हैं मधुसूदन साहा
माँ
बाप ने बड़े शौक से विघ्नराज नाम रखा था उन्हें मालूम था कि बाबू विघ्नराज
लचर ट्रेन की तरह रुक-रुक कर एक एक क्लास पार करेंगे। मैट्रिक पास करते
करते वह बीस वर्ष का हो गया दूब घास की तरह चेहरे पर मूँछ-दाढ़ी उग आई मन
तितली की तरह उड़ने लगा कालेज में तीन वर्ष पार करते न करते पूरा फेमस सभी
जान गए बाबू विघ्नराज को।
|
|
प्रकृति पर्यटन में
दीपिका जोशी का लंबा यात्रा वृतांत
"सिंगापुर बैंकाक और पटाया का त्रिकोण
शैलेष मटियानी अंक में विशेष
दो कहानियाँ
अर्धांगिनी
व मैमूद
और
यश मालवीय की कोमल लेखनी से शैलेश मटियानी की यादें उनके संजीदा संस्मरण
में
जो कहते थे कि जीते रहिये
हास्य व्यंग्य में
राजेन्द्र त्यागी की कलम से
भ्रष्टाचार समाप्त नहीं
होगा
साहित्यिक निबंध
में
दिविक रमेश की रचना
कला माध्यम संवाद या विवाद
संस्मरण
में
दुबई के खरीदारी उत्सव की मनोहर यादों का ताज़ा चिठ्ठा मीनाक्षी धन्वंतरि
के शब्दों में
रियाध के पार दुबई में
दो पल में
अश्विन गांधी की रोचक रचना
एक महल हो सोने का
|
|
पिछले
अंक से-
पर्व परिचय में मई
माह के पर्व भारत में मई माह के पर्वो
और उत्सवों की जानकारी
घर परिवार
में मुखौटों
का महत्व
फुलवारी में प्रमिला गुप्ता की
कहानी दोस्ती
और मिसबाहुदिन की कविता
क्रिकेट
उपहार में मधुर
संयोजन
जितनी बार तुम्हें देखा है
जावा आलेख
हिन्दी कविता के साथ
कला दीर्घा
में पटचित्र
के विषय में रोचक और जानकारी
प्रेरक प्रसंग
में
अब्दुर्रहीम खानखाना के जीवन पर आधारित प्रेरक प्रसंग
खानखाना की विनम्रता
रसोईघर
में बेल का शर्बत गर्मियों
के मौसम में तरावट के लिये
स्वाद और स्वास्थ्य में
बड़े काम का बेल
के अंतर्गत बेल के गुणों की चर्चा
|