ग्रीष्म महोत्सव - (सभी प्रमुख पहाड़ी नगरों में)
ग्रीष्म का प्रारंभ सभी प्रमुख पहाड़ी आवतीय
स्थानों में चहल पहल बिखेर देता है। होटलों और रिज़ौर्टो की गतिविधियाँ
प्रारंभ हो जाती हैं। सजीव सांस्कृतिक कार्यक्रम, पुष्प प्रदर्शनियाँ तथा
अन्य कार्यक्रमों से उटी, शिमला, दार्जिलिंग, नैनीताल, मसूरी और माउन्ट आबू
जैसे नगर रंगीन हो उठते हैं।
उर्स ( अजमेर, राजस्थान) अजमेर में सूफी संत
ख्वाजा मोइउद्दीन चिरती की दरगाह पर हर साल उर्स
का आयोजन होता है। विश्व के हर कोने से
तीर्थयात्री यहाँ संत के प्रति अपनी श्रद्धांजलि
अर्पित करने आते हैं। इस अवसर पर लगने वाले विशाल
मेले में धार्मिक वस्तुएँ, किताबें, कढ़े हुए
कालीन, चाँदी के आभूषण की बहुतायत रहती है। |
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अजमेर
उर्स |
बुद्ध पूर्णिमा (उत्तर भारत) बुद्ध पूर्णिमा के दिन
बौद्ध धर्म के प्रवर्तक गौतम बुद्ध को
आत्मसाक्षात्कार की प्राप्ति हुयी थी। इस आत्मज्ञान
दिवस को मनाने के लिए सम्पूर्ण उत्तर भारत के लोग
बुद्ध पूर्णीमा का पर्व मनाते हैं। बौद्ध मंदिरों
में सजावट की जाती है, विशेष प्रार्थनाएँ होती है और
घरों में भक्ति और आनंद का वातावरण रहता है।
अन्तर्राष्ट्रीय पुष्प उत्सव (गंगटोक,
सिक्किम)
सिक्किम
का यह आकर्षक पुष्प उत्सव हर वर्ष मार्च से मई तक मनाया जाता हैं। इस समय
इस पर्वत प्रदेश की सुषमा पूरे यौवन पर होती है और प्रकृति का सौन्दर्य
देखते ही बनता है। आर्किड की ६०० से अधिक प्रजातियाँ, वृक्षों की २४०
प्रजातियाँ करीब इतनी ही फर्न की प्रजातियाँ, १५० किस्म के ग्लैडयोलाय, ४६
किस्मों के रोडोडैन्ड्रन और मंगोलिया की किस्में यहाँ अपने पूरे सौन्दर्य
पर होती हैं। इसके अतिरिक्त गुलाब एल्पाइन नागफनी बेलों जंगली फूलों गमले
वाले फूलों और अनेक प्रकार के फूलों को इस समय यहाँ देखा जा सकता है, खरीदा
जा सकता है और उनके विषय में जानकारी प्राप्त की जा सकती है।
भोजन उत्सव, याक की सवारी
और साहसिक नौका अभियान इस उत्सव के अन्य रोचक कार्यक्रम हैं जो विश्व भर के
पर्यटकों को आकर्षित करते हैं।
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