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"शील, ये सब बाद की बातें हैं। फिलहाल हमें बच्चों के बारे में सोचना चाहिए।'' हरदयाल ने कहा, "भीतर ही भीतर बच्चे बहुत आहत होंगे। न जाने इस नयी परिस्थिति से समझौता कर पाते हैं या नहीं।''
"यही बात मुझे भी खाये जा रही है कि कौन करेगा बच्चों की देखभाल। बच्चे शीनी के पास रहेंगे तो उन्हें खाली पेट ही स्कूल जाना पड़ेगा। निक के पास रहेंगे तो होमवर्क कौन करायेगा। मुझे तो यह सोच सोच कर रोना आता रहता है जी।'' शील ने कहा और सचमुच आँखें पोंछने लगी।
"यह रोने धोने का मौका नहीं है। इतने दिनों बाद तेरे नाती आ रहे हैं, उन्हें कुछ खिलाने पिलाने का इंतजाम करो। हम जब अपनी नानी के यहाँ जाते थे तो वह हमारे लिए नये नये कपड़े सिलवाती थीं, हमारे लिए खास तौर पर पिन्नियाँ बना कर खिलाती थीं। हम गाँव से पिन्नियों का कनस्तर लेकर लौटते थे और हमारी माँ स्कूल के टिफिन में रोज एक पिन्नी रख देती थीं।''

"आपने तो मेरे मुँह की बात छीन ली। मैं भी पिन्नियाँ बनाने की सोच रही थी। जनवरी में यहाँ बहुत ठंड हो जाती हैं। पिन्नियाँ खायेंगे तो शरीर में कुछ ताकत आयेगी। घर के लिए भी रख दूँगी कि स्कूल जाते समय टिफिन तैयार न हो तो एक दो पिन्नियाँ ले जाया करें। इसी से मेरा जी राजी हो जाएगा। अभी स्टोर खुला होगा, आप मुझे सामान ला दें।''
हरदयाल जूते पहनने लगा, "बताओ क्या क्या लाना होगा।''
"तो लिखो— उड़द की दाल, गोंद, बादाम, चीनी, पिस्ते, काजू, जायफल, बड़ी इलायची, केसर वगैरह।''
"वगैरह भी मिलता है क्या?''
"वगैरह से मतलब यह है कि कोई चीज छूट गयी हो तो ले लेना। भाग सिंह के स्टोर पर जाओगे तो वह बता देगा। हो सकता है मार्केट में पिन्नी मिक्स मिल जाए।''

हरदयाल सामान ले आया तो पति पत्नी दोनों पिन्नी बनाने की तैयारी में जुट गये। हरदयाल चीनी पीसने में व्यस्त हो गया और शील ने दाल भिगो दी। अगले दिन सुबह से ही वे लोग पिन्नियाँ बनाने लगे। पूरा घर पिन्नियों की महक से भर गया। काफी देर तक एक्जास्ट चलाने के बाद घर से पिन्नियों की बास निकल पायी। इन घरों में यही एक खराबी थी कि घर में कोई भी पकवान बनाया जाता तो उसकी बास हर कमरे में समा जाती। जो लोग इस तरफ ध्यान नहीं देते, उनके घर में घुसते ही आप बता सकते हैं कि घर में क्या बना है।
बच्चों ने कूदते फाँदते हुए घर में प्रवेश किया, जैसा बचपन से करते आये थे। निक अभी गाड़ी पार्क कर रहा था कि दोनों बच्चे दौड़े हुए आये और याँत्रिक रूप से नाना नानी के चरण स्पर्श किये।
बिल्लू बहुत शरारत से बोला, "नाना जी यह कहाँ तक सही है कि हिन्दुस्तानियों को एक ही स्पर्श प्रिय है और वह है चरण स्पर्श।''

"मैं सोच रहा था कि तुम आओगे तो सबसे पहले तुम्हारे कान उमेठूँगा और तुम हो कि आते ही ए बी सी डी पढाना शुरू कर दिया।'' हरदयाल बोला, "इम्तिहान लो, इससे पहले ही बता दूँ कि मुझे ए बी सी डी का फुल फार्म याद है— अमेरिका बार्न कन्फ्यूज्ड देसी। क्यों हो गयी तुम्हारी तसल्ली।''
"इट्स लाइक ए गुड नाना।'' बिल्लू ने पूछा, "फिल्म देखी?''
"देखी थी, एकदम बोर।'' हरदयाल ने बताया।
वास्तव में, बिल ने 'अमेरिकन देसी' फिल्म देख कर नाना को फोन किया था कि यह एक ऐसी फिल्म है जो कैनेडा में बसे हर हिन्दुस्तानी को देखनी चाहिए।
"हम लोगों को हैदराबाद ब्ल्यूज और ’बेंड इट लाइव बैकेम' कहीं बेहतर फिल्में लगीं।''
"नाना जी, आप लोग फिल्म नहीं, फिल्म का संगीत ज्यादा पसंद करते हैं, जो मुझे फिल्म का सबसे बेहूदा पार्ट लगता है। अगर कहीं फिल्म में लेडीज संगीत मिल जाए तो फिर सोने पर सोहागा। मेरा एक हिन्दुस्तानी दोस्त है, उसके घर में हर सप्ताह मानसून वैडिंग का शो होता है।''

निक ने भीतर आते ही खास हिन्दुस्तानी तरीके से हरदयाल और शील को ’पैरी पैना' कहा। हैरी नानी के कमरे में अपने वीडियो गेम्स खोज रहा था।
"बिल, तुम घर में घुसते ही बहस शुरू कर देते हो। निक बोला, "नानी नाना को बैठने के लिए नहीं कहोगे?''
"मुझे लगता है बिल घर का सबसे वेल इन्फाम्र्ड सदस्य है।''
"माँ पर गया है।'' शील बोली।
"मै जा रहा हूँ चाय बनाने, और कोई पियेगा?'' निक ने रसोई की ओर से जाते हुए शील से पूछा, "मेरी वाली ग्रीन लेबल है न?''
"हाँ है। तुम थके आये हो, मैं बना लाती हूँ चाय।''
"आधा कप चाय मैं पीलूँगा।'' हरदयाल ने कहा।
"मैं भी।'' शील और बिल ने भी साथ साथ कहा।
बच्चे पहले से अधिक स्वस्थ, बेफिक्र और खिलंदड़े लग रहे थे। हरदयाल और शील यह मान कर चल रहे थे कि बच्चे बहुत उदास, बदहवास और हताश होंगे। सूख कर काँटा हो गये होंगे। शील को तो उनके कपड़ों की भी चिन्ता थी। वे पहले से साफ सुथरे लग रहे थे। उनमें गजब का आत्मविश्वास था। शील ने चुपके से सोफे की लकड़ी छुई और बुदबुदायी, "टच वुड।''
निक ट्रे में चाय लेकर आया। शील चाय बनाने लगी। उसने बैठे बैठे ही हैरी को आवाज दी, "हरी तुम चाय पियोगे कि नहीं।''

हैरी कमरे से कूदता हुआ प्रकट हुआ और बोला, "नानी नानी, हम डैडी की गर्ल फ्रेण्ड से मिल कर आ रहे हैं।'' शील के हाथ काँप गये और चाय प्याले के बाहर फैल गयी।
"दादे मगोना।'' शील ने कहा, "कुछ शर्म करो।''
दादे मगोना का अर्थ न शील समझती थी न बच्चे। यह एक स्नेहपूर्ण झिड़की थी। अक्सर फटकारने के लिए नाना मामा को ही कोसा जाता है, जब नानी का घर हो तो दादा की शामत आ जाती है।
हैरी की बात सुन कर हरदयाल और शील दोनों ने राहत भी महसूस की, जैसे सिर पर लदा वजन कुछ कम हो गया हो। उन्हें हल्की सी खुशी भी हुई कि निक उतना अकेला नहीं है जितना वे लोग सोच रहे थे। उन्हें कुछ कुछ वैसी खुशी हो रही थी जैसे शादी न करने की जिद पर अड़ा बेटा अचानक हाँ कर दे।
’मॉम, हैरी ठीक कह रहा है।'' निक ने चाय की चुस्की लेते हुए कहा, "नैंसी से मिल कर बच्चों ने बहुत हुड़दंग मचाया।''
"कहाँ रहती है?''
"कैलगरी में।'' निक ने जेब में अपना मोबाइल निकाला और नम्बर मिलाते हुए बोला, "आपकी बात कराऊँ?''
"क्यों नहीं, क्यों नहीं।'' शील हकलाने लगी।

निक नैंसी से बात करते हुए ब्लश कर रहा था।
"डोण्ट ब्लश डैड, यू आर ए ग्रोनअप मैन।'' हैरी ने निक को उलझन में डालने की कोशिश की।
"हाँ हैरी बदमाशी कर रहा है। कह रहा है डैड तो नैंसी से भी ज्यादा शर्माते हैं।''
हैरी ने निक के हाथ से फोन छीन लिया और बोला, "नैंसी डैड सरासर झूठ बोल रहे हैं। मैं ऐसा कैसे कह सकता हूँ। मैं अच्छी तरह जानता हूँ कि आप लोगों की ब्लश करने की उम्र कब की खत्म हो चुकी है।''
निक बिल की तरफ देखते हुए मुस्करा रहा था, जैसे बिल उसका बेटा नहीं राजदान हो।
"नहीं बेटा, ऐसे नहीं बोलते। इतनी छूट नहीं लेनी चाहिए।'' शील ने हैरी से कहा।
हैरी ने फोन निक को लौटा दिया।

शील रसोईघर में घुस गयी और एक तश्तरी में आठ दस पिन्नियाँ सजा कर ले आयी। दोनों बच्चे एक दूसरे को देख कर मुस्कराये। इस घर में दो चीजों पर शुरू से ही बल दिया जाता रहा है, दूध पर और पिन्नियों पर। बच्चों को इन दोनों चीजें से एलर्जी थी। मुश्किल से वे एकाध पिन्नी खा पाते और बची हुई खिड़की से बाहर उछाल देते। नानी ने बच्चों को बड़े चाव और प्यार से एक एक पिन्नी दी। वो उसे टूँगने लगे। वे पिन्नी में से काजू, किशमिश, पिस्ता जैसे ड्राई फ्रूट निकाल निकाल कर खाने लगे।

"बिल्लू, पिन्नी खाने का यह एक बहुत वाहियात तरीका है।'' हरदयाल ने बच्चों को अनिच्छापूर्वक पिन्नी की खुचुरि निकालते देखा तो प्लेट से निकाल कर एक साबुत पिन्नी मुँह में रख ली और उसे चबाते हुए बोला, "हमारे यहाँ यों खायीं जाती है पिन्नी। दिन भर में दो पिन्नियाँ खा लोगे तो खाने की कमी न महसूस होगी। हम लोग बचपन में चुरा चुरा कर पिन्नियाँ खाया करते थे।''

निक ने भी एक पिन्नी उठा ली और खाते हुए नैंसी को पिन्नी के बारे में बताने लगा कि यह एक अत्यंत पौष्टिक पंजाबी मिठाई है। तुम मॉम से मिलोगी तो तुम्हें भी खाने को मिलेगी। नैंसी ने उससे कुछ पूछा तो निक ने जवाब दिया, "मॉम से ही क्यों नहीं पूछ लेती।'' और फोन शील के हाथ में थमा दिया।
"हलो नैंसी हाऊ आर यू?''
"मॉम, निक कहता है कि उसकी माँ तो सौतेली है, उसकी असली माँ तो आप ही हैं।''
"ठीक ही तो कहता है।'' शील ने कहा, "पहले निक हमारा सन इन ला था, अब सन है। मैं ही करुँगी उसकी शादी। मैंने तुम्हें देखा तो नहीं मगर चिल्ड्रेन आर वेरी फाँड आफ यू और जहाँ तक निक का सवाल है, वह तो तुम पर फिदा है।''
"मॉम, निक इज वैरी स्वीट एंड काईंड हार्टेड। इससे लगता है, वह आप ही का बेटा है।''
"लल्लो चप्पो करना तो कोई तुमसे सीखे।'' शील ने कहा और फोन निक को दे दिया।
"आज मॉम के साथ जाकर मैं तुम्हारे लिए कुछ उपहार खरीदूँगा।'' निक ने कहा, "उपहार पाने की जल्दी हो तो यहीं चली आओ।''
"वहाँ भी आऊँगी, मगर औपचारिकता के बाद।''
निक ने फोन आफ करने के बाद शील से कहा, "मैं नैंसी को सोने की चूडियाँ भेंट करना चाहता हूँ। आप मुझे दिलवा देंगी?''
"नैंसी की कलाइयों की नाप है तुम्हारे पास?''
निक का चेहरा किसी किशोर की तरह सुर्ख हो गया और गर्दन घुमा कर दूसरी तरफ देखते हुए बोला, "हाँ है।''

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