इस सप्ताह- |
अनुभूति
में-
रामदेव लाल विभोर, गणेश गंभीर, सतीश जायसवाल, गिरधर कविराय
और आस्था की रचनाएँ। |
- घर परिवार में |
रसोईघर में- अंतर्जाल पर सबसे लोकप्रिय भारतीय
पाक-विशेषज्ञ शेफ-शुचि के रसोईघर से शीतल सलादों की
शृंखला
में- रंगबिरंगा मकई सलाद। |
बचपन की
आहट- संयुक्त अरब इमारात में शिशु-विकास के अध्ययन में
संलग्न इला गौतम से जानें एक साल-का-शिशु-
गोद की जिद।
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बागबानी में-
बगीचे की देखभाल के लिये टीम अभिव्यक्ति के अनुभवजन्य अनमोल
सुझाव- इस अंक में-
बाड़ का सौंदर्य। |
वेब की सबसे लोकप्रिय भारत की
जानीमानी ज्योतिषाचार्य संगीता पुरी के संगणक से-
१६
जुलाई से ३१ जुलाई २०१२ तक का भविष्यफल।
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- रचना और मनोरंजन में |
नवगीत की पाठशाला में-
कार्यशाला-२२ -
'गर्मी के दिन'
के लिये आमंत्रित नवगीतों पर समीक्षा प्रकाशित होने के
साथ ही नए विषय की घोषणा कर देंगे।
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साहित्य समाचार में-
देश-विदेश से
साहित्यिक-सांस्कृतिक समाचारों,
सूचनाओं, घोषणाओं, गोष्ठियों आदि के विषय में जानने के लिये
यहाँ देखें |
लोकप्रिय कहानियों के अंतर्गत-
प्रस्तुत है- १६ अप्रैल २००३
को प्रकाशित भारत से राजेन्द्र यादव की कहानी-
अक्षय धन।
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वर्ग पहेली-०९१
गोपालकृष्ण-भट्ट-आकुल
और रश्मि आशीष के सहयोग से
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सप्ताह
का कार्टून-
कीर्तीश
की कूची से |
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साहित्य एवं
संस्कृति में- |
१
समकालीन कहानियों में भारत से
किरन राजपुरोहित नितिला की कहानी
छँटा कोहरा
‘‘कॉलेज
से आते ही माँ ने जैसे ही खबर दी कि नीति आई हुई है तो जैसे
मुझे तो पर ही लग गए। सीधी तुझ से मिलने चली आई...और बता न
कैसी है तू....सब लोग कैसे हैं...’’ चहकते हुए अभिधा ने बोलना
शुरु किया लेकिन बात पूरी न हुई उससे पहले ही उसे ये एहसास भी
हो गया कि मेरे चेहरे पर वो खुशी नहीं प्रकट हुई जो कि उसे
देखने पर होती थी । वो भी एकाएक बुझ सी गई। एकटक देखते हुए
सोचने लगी कि क्या बात है?
‘‘नीति क्या हुआ? इन आठ महीनों में ही तूने क्या हालत बना ली।
नई शादीशुदा लड़कियाँ भला ऐसे मुरझाती कब है? उनकी खुशी तो
सँभाले नहीं सँभलती है। तुझे क्या हुआ बता न! मेरा दिल बैठा जा
रहा है सब ठीक तो है ना।’’
अभिधा ने मेरा हाथ पकड़
गहरे अपनत्व से अपनी आँखों में मेरी पीड़ा लेने की कोशिश की
लेकिन मैं क्या बताती? कुछ भी तेा नहीं था। ...
विस्तार से पढ़ें
*
श्रीकांत मिश्र कांत की लघुकथा
सुरुचि और
सुसृष्टा
*
डॉ सरस्वती माथुर से पर्व परिचय-
नागों के सम्मान का पर्व
नागपंचमी
*
स्वाद और स्वास्थ्य में जानें
अच्छे स्वास्थ्य का आधार अंकुरित आहार
*
पुनर्पाठ में विनोद भारद्वाज का आलेख
महिमा मोनालीसा और लूव्र
संग्रहालय की |
अभिव्यक्ति समूह
की निःशुल्क सदस्यता लें। |
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पिछले सप्ताह-
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१
शशिकांत गीते का व्यंग्य
यह चोरी नहीं प्रेम है भाई
*
ज्योततिर्मयी पंत से जानकारी
उत्तराखंड का आंचलिक पर्व-हरेला
*
अलका दर्शन श्रीवास्तव का आलेख
पद्मश्री डॉ मोटूरि सत्यनारायण
*
पुनर्पाठ में नीरज त्रिपाठी का नगरनामा
बिरयानी की खुशबू में डूबा
हैदराबाद
*
समकालीन कहानियों में भारत से
विनीत गर्ग की कहानी
काली परी
कपड़े एकदम बराबर हों, बाँये पैर
की चप्पल बाँये पैर में हो, दाँये पैर की चप्पल दाँये पैर में
हो, दोनों चप्पलें एक ही जोड़ी की हों, बाल सुखाने के लिये
इस्तेमाल हुआ तौलिया भी गलती से सर पर ही बँधा ना रह गया हो और
कुल-मिला कर आपका सब कुछ वैसा ही हो जैसा अक्सर, आमतौर पर होता
हो और फिर भी आप आस-पास मौजूद लोगों के लिये दिलचस्पी की वजह
बने हुयें हों तो समझ जाइये कि या तो आप बेहद खूबसूरत हैं या
निहायती बदसूरत। काजल को पता था कि वो कितनी
बदसूरत है, इसीलिये मेरठ के बीचोंबीच स्थित सिटी हार्ट
रैस्टोरेंट के कोने की टेबल पर बैठी काजल के लिये लोगों की ये
दिलचस्पी कोई नई चीज नहीं थी। कुछ लोग आश्चर्य से देख रहे थे,
कुछ दया से, कुछ नफरत से, कुछ असमंजस से, कुछ घृणा से, कुछ तरस
से, कुछ इसलिये देख रहे थे कि बाकी लोग देख रहे थे पर देख सब
रहे थे; और कोने में भी केंद्र...
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