इस सप्ताह-
कथा महोत्सव में पुरस्कृत-
यू.एस.ए. से
रचना श्रीवास्तव की कहानी
कहानी
पार्किंग
हवाओं में नया गीत था
और
चिडियों के कलरव में ताजगी। भास्कर देव भी अपनी मतवाली
चाल में धीरे-धीरे ऊपर आ रहे थे। उनकी किरणे लाल से पीली होकर
वातावरण को एक मोहक रूप प्रदान कर रही थी। नए देश में ये नई
सुबह बहुत ही प्यारी लग रही थी। ओक्लाहोमा के अर्डमोर शहर में
हमारी ये दूसरी सुबह थी। दीपक को यहाँ यूनिवर्सिटी में नौकरी
क्या मिली हम सपनों के पंख लगा उड़ लिए और यहाँ आ गए। दो कमरों
के इस अपार्टमेन्ट में सारी सुख सुविधाएँ थी। हरा भरा जीवन्त
सा घर --माइक्रोवेव, ओवन, डिश वाशर, सब कुछ। सुंदर सी कार,
क्या मजा था, जीवन में सुख की बूँदें मन आँगन में बरस रही थीं
और मैं अपने भाग्य पर इतरा रही थी। शाम को बच्चे घर के बाहर
खेलते और मैं भी उनके साथ उनकी मासूम खुशियों में शामिल हो
जाती। मुझ वयस्क मन में फिर से एक नन्ही खुशी जागने लगी थी।
घर से बाहर निकल कर डूबते सूरज को महसूस करना मुझको बहुत ही
अच्छा लगता।
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* अविनाश
वाचस्पति का व्यंग्य
ओबामा ने मारी मक्खी
*
भगवानदास मोरवाल के उपन्यास रेत का अंश
महफिल
*
आज सिरहाने नरेंद्र नागदेव का कहानी संग्रह
वापसी के नाखून
*
फुलवारी में भेड़िये के विषय में
जानकारी,
शिशु गीत और
शिल्प |
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पिछले
सप्ताह
स्नेह
मधुर का व्यंग्य
कैसे कैसे अभिनंदन समारोह
*
डॉ. राजकुमार सिंह का निबंध
हिंदी काव्य में गंगा नदी
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संस्कृति में मानसी से जानकारी
भारतीय शास्त्रीय संगीत
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समाचारों में
देश-विदेश से
साहित्यिक-सांस्कृतिक सूचनाएँ
*
समकालीन
कहानियों में
यू.एस.ए से सुदर्शन प्रयदर्शिनी की कहानी
धूप
यह
जीवन तो एक रेलगाड़ी के सदृश्य है, जो एक स्टेशन से चलकर
गंतव्य तक जाती है। न जाने कितने स्टेशनों से होकर गुज़रती
है। मार्ग में अगणित पथिक आपके साथ हो लेंगे और अगणित
सहयात्री आप से अलग हो जाएँगे। कुछ सहयात्री लंबी अवधि के
लिए आपके साथ होंगे, जिन्हें अज्ञानवश हम मित्र-रिश्तेदार
समझते हैं, परंतु शीघ्र ही वे भी अलग हो जाएँगे। लंबी अवधि
की यात्रा भी सदैव मित्रतापूर्वक नहीं बीत सकती, तो
कभी कोई छोटी-सी यात्रा आपके जीवन में परिवर्तन ला सकती है,
संपूर्ण यात्रा को अविस्मरणीय बना सकती है।' विजय
चेन्नई रेलवे स्टेशन पर
बैठकर एक आध्यात्मिक पुस्तक के पन्ने पलटते हुए यह गद्यांश
देखा। चारों ओर जनसमूह, परंतु नीरव और सूना। वह अकेले ही
अकेला नहीं था। उसने चारो ओर नज़र दौडाई, सभी लोग भीड़ में,
परंतु अकेले। किसी को किसी और की सुध नहीं। इधर-उधर देखा,
चाय की दुकान, फल की दुकान, मैग्ज़ीन कार्नर और यहाँ तक पानी
पीने का नल, हर जगह विशाल जन समूह।
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अनुभूति
में- १२ नए नवगीत, अन्य विधाओं में अशोक रावत, मोहन राणा, सुरेश
उपाध्याय और अरविंद कुमार झा की नई
रचनाएँ। |
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कलम गही नहिं
हाथ- कभी ऐसा मौसम देखा है जब खूब गर्मी हो और आसमान
कोहरे से ढँक जाए? इमारात में पहली बार जब ऐसे...
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रसोई
सुझाव-
बची हुई इडली और डोसे के घोल को अधिक देर तक ताज़ा रखने के लिए
उस पर पान का एक पत्ता रख दें। |
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पुनर्पाठ
में - १५ मार्च २००१ को प्रकाशित, तेलुगू व हिन्दी में
समान रूप से लोकप्रिय बालशौरि रेड्डी की कहानी
चाँदी का
जूता। |
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शुक्रवार चौपाल-
रज्जो की शादी अच्छी रही। कुछ स्थानीय कलाकारों के साथ गुड्डी मारुति
को प्रस्तुत करने का प्रतिबिंब का यह प्रयत्न... आगे
पढ़ें |
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सप्ताह का विचार- कोई भी व्यक्ति अयोग्य नहीं होता केवल उसको
उपयुक्त काम में लगाने वाला ही कठिनाई से मिलता है। -शुक्रनीतिदी |
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हास
परिहास |
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1
सप्ताह का
कार्टून
कीर्तीश की कूची से |
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पाठशाला
में इस माह की
कार्यशाला-३ का विषय है सुख-दुख इस जीवन में, सभी भाग ले सकते
हैं। |
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