इस सप्ताह—
समकालीन कहानियों में
नॉर्वे से शरद आलोक की कहानी
अंतरमन के रास्ते
विनोद
ट्राम स्टेशन की ओर बढ़ रहा था। बर्फ़ के ढेलों को पैरों से मारता और वे
बिखर जाते। उसके मन के ज्वार-भाटे एकदम ऐसे चकनाचूर हो जाएँगे उसने सोचा
नहीं था। सूरज निकल आया था। . . .कुछ पक्षी कलरव करते हुए उड़ रहे थे।
पक्षी या तो घोंसले में वापस लौट आएँगे या मौसम के अनुसार किसी दूसरे
बसेरे के लिए उड़ जाएँगे, परंतु विनोद जिस दशा में पहुँच गया है वहाँ
कोई घोंसला उसकी प्रतीक्षा नहीं करेगा। वह नेशनल थिएटर के पास बैठ गया
जहाँ एक संगीतकार वायलेन बजाकर कुछ सिक्के एकत्र कर रहा था। विनोद ने
अपना मुख कैप से ढँक लिया और हाथ में एक काग़ज़ का कप लिए संगीतकार के
साथ ही दीवार के सहारे बैठ गया।
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हास्य व्यंग्य में
नरेंद्र कोहली की भेंट
सेवा वंचित
से
रामलुभाया
का लटका हुआ चेहरा देख कर मैंने पूछा, ''क्या हुआ रामलुभाया?''
''कुछ नहीं! बस कुछ मूर्खों के कारण मुझे देश की सेवा करने से वंचित कर
दिया गया है।'' मैं उसकी बात समझने में सर्वथा असमर्थ था। भला देश
की सेवा से कोई किसी को कैसे वंचित कर सकता है। भगत सिंह को अँग्रेज़ भी
नहीं रोक पाए थे। तो यह...मैं जब चाहूँ, अपने क्या किसी पराए देश की भी
सेवा कर सकता हूँ। कोई मुझे रोक कैसे सकता है।''
''कौन सी सेवा करना चाहते थे तुम रामलुभाया?'' मैंने पूछ लिया।
मैं जानता था कि मेरे लिए ज्ञान का एक नया अध्याय खुलने वाला है।
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घर परिवार में भावना कुँअर का आलेख
सर्दियों में सर्दी
पतझर और सर्दियों के महीने गर्मी को अलविदा
कहने लगते हैं, आग जलाकर उसके आसपास बैठना बहुत भाने लगता है, ऐसे में भुनी
मूँगफली, बादाम, अखरोट खाने का तो अलग ही मज़ा है, और पीने के लिए हज़ारों पेय
जो सर्दी को तो दूर भगाते ही है, स्वास्थ्य भी बनाते हैं। वैसे तो सर्दियाँ
अपने आप में खुशियाँ लेकर आती हैं लेकिन ज़रा सी लापरवाही के कारण ये कष्टकर
भी हो जाती हैं जैसे: सर्दी, जुकाम, खाँसी में। सच पूछिए तो यह सर्दियों की
सर्दी किसी जानलेवा मुसीबत से कम नहीं। तो क्या इससे बचने के कुछ कारगर
प्राकृतिक तरीके हैं जो जीवन को आसान बना सकें?
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फुलवारी में
बच्चों के लिए मौसम की जानकारी
बादल कैसे बनते हैं
बादल पानी या बर्फ़ के हज़ारों नन्हें नन्हें कणों से मिलकर बनते
हैं। ये नन्हें कण इतने हल्के होते हैं कि हवा में आसानी से उड़ने लगते
हैं। बादल के तीन प्रमुख प्रकार होते हैं— सिरस, क्युमुलस और स्ट्रेटस। इन नामों
को बादलों की प्रकृति और आकार के आधार पर रखा गया है। बहुत बार बादल मिलेजुले
आकार-प्रकार के भी होते हैं। ऐसे बादलों को मिलेजुले नामों से जाना जाता है।
इन प्रकारों के विषय में ठीक से जानने के लिए उन के दस नाम रखे गए हैं। ये सब
नाम लैटिन भाषा में हैं।
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रसोईघर में
गृहलक्ष्मी प्रस्तुत कर रही हैं
टमाटर की रसम
गरम और
चटपटी टमाटर की रसम दक्षिण भारतीय भोजन की शान तो है ही, इसको सर्दियों की
शाम सूप की तरह ब्रेड के साथ संपूर्ण भोजन की तरह भी खाया जा सकता है। उत्तर
भारतीय रात्रिभोज हो तो भोजन से पहले कवाब और टिक्कों के साथ टमाटर की इस रसम
का जवाब नहीं।
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-पिछले अंकों से-
कहानियों में
शिमला
क्लब. . . -राजकुमार
राकेश
पिंजरे
में बंद तोते-विपिन
जैन
सही पते पर- सूरज
प्रकाश
इच्छामृत्यु- नरेन्द्र मौर्य
काला
लिबास-सुषम बेदी
मानिला की
योगिनी- महेश चंद्र द्विवेदी
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हास्य व्यंग्य में
नया साल मुबारक-
अमृत राय
नेता जी की नरक यात्रा-
गिरीश पंकज
मैं कुत्ता और इंटरनेट- गुरमीत बेदी
झूठ के नामकरण-डॉ अखिलेश बार्चे
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साहित्यिक निबंध में
डा जगदीश व्योम की पड़ताल
हिंदी कविता में नया साल
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धारावाहिक में
डॉ
अशोक चक्रधर के विदेश
यात्रा-संस्मरण
ये शब्द मुँह
से मत निकालिए!
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पर्व परिचय में
साल भर के पर्वों की सूची
पर्व पंचांग-२००७
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पर्व परिचय में
सरोज मित्तल से मजेदार जानकारी
देश विदेश में क्रिसमस
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विज्ञान वार्ता में
डा गुरुदयाल प्रदीप की पुकार
हाय रे दर्द
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साहित्य समाचार में
विश्व के हर कोने से इस माह के
नए समाचार
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साक्षात्कार में
एक मुलाकात भाषा सेतु के भगीरथ
जगदीप डांगी से
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संस्मरण में
दिवंगत रचनाकार को श्रद्धांजलि
जनकवि कैलाश गौतम
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ललित निबंध में
उमाशंकर चतुर्वेदी का आलेख
रस आए रस जाए
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