शुषा लिपि
सहायता

अनुभूति

 24. 4. 2003

आज सिरहानेआभारउपहारकहानियांकला दीर्घाकविताएंगौरवगाथाघर–परिवार
दो पल
परिक्रमापर्व–परिचयप्रकृतिपर्यटनप्रेरक प्रसंगफुलवारीरसोईलेखकलेखकों सेविज्ञान वार्ता
विशेषांक
शिक्षा–सूत्रसाहित्य संगमसंस्मरणसाहित्यिक निबंधस्वास्थ्यसंदर्भसंपर्क
हास्य व्यंग्य

कथा महोत्सव
2003

भारतवासी हिन्दी लेखकों की कहानियों
के संकलन 
माटी की गंध 
में प्रस्तुत है 
पटना से प्रत्यक्षा की कहानी
दंश

कई बार विभु उससे कहता तैयार रहना किसी अच्छी सी जगह पर डिनर लेंगे और जब वो उस जगह के अनुरूप तैयार होती तो उसे हाईवे पर किसी ढाबे पर ले जाता जहां चारपायी और तख्त पर बैठ अपनी कीमती शिफान संभालती विभु को उंगलियां चाट कर खाना खाते देखती। कई बार ऐसा भी होता कि घर के कपड़ों में यों ही घूमने का कार्यक्रम बना विभु उसे किसी पांच तारा होटल की कॉफी शॉप में कॉफी पिलाने ले जाता जहां वो अपनी हवाई चप्पल और साधारण कपड़ों में संकुचाती शर्माती रहती। उसे विभु की ऐसी हरकतों पर बेतरह प्यार आता।
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इलाहाबाद से राजेन्द्र यादव की कहानी
अक्षय धन

अधिकारी ने कहा महोदय, मैं
रोशनलाल हूं। आप को याद होगा, कई वर्षों पूर्व आप पूरा कुर्थी गांव में विद्यालय के निरीक्षण में गये थे।

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अहमदाबाद से आस्था की कहानी
मोहभंग
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चंडीगढ़ से डा नरेश की कहानी
ममता
!
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(अगली कहानी :
धीरेन्द्र प्रेमर्षि की
ककड़ी के बीज)

 

इस सप्ताह

परिक्रमा में
लंदन पाती के अंतर्गत शैल अग्रवाल का आलेख
वसुधैव कुटुम्बकम 

°

विज्ञान वार्ता में
डा गुरूदयाल प्रदीप प्रस्तुत कर रहे हैं
इस माह के नये
विज्ञान समाचार

°
1

अनुभूति में

जगदीश श्रीवास्तव के साथ तीन नये 
कवियों की
ग्यारह से
अधिक रचनाएं

घर परिवार में
नीलम जैन का सत्कार को तैयार
 सुंदर घर

°

धारावाहिक में
कृष्ण बिहारी की आत्मकथा 
इस पार से उस पार से का अगला भाग
गिनकर गुज़ारे दिनों की ज़िन्दगी

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सप्ताह का विचार
जैसे अंधे के लिये जगत अंधकारमय
है और आंखों वाले के लिये प्रकाशमय है वैसे ही अज्ञानी के लिये जगत दुखदायक है और ज्ञानी के लिये आनंदमय।
—सम्पूर्णानंद

 

° पिछले अंकों से°

हास्य–व्यंग्य में अलका चित्रांशी का
आलेख
दाद ए बगदाद

°

पर्यटन में डा सत्येन्द्र नाथ राय का
आलेख
कैनेडा में भारतीय मूल के
निवासी

°

आज सिरहाने में गिरिराज किशोर का
उपन्यास
जुगलबंदी

°

प्रेरक प्रसंग में मानस त्रिपाठी की
कलम से एक प्रेरणाप्रद प्रसंग
लालच

°

सामयिकी में लंदन में गौतम सचदेव का आलेख तृतीय अंतर्राष्ट्रीय 
हिंदी सम्मेलन यूरोप

°

रसोईघर में शाकाहारी मुगलई का
मस्त ज़ायका—
करारी कमाल भिन्डी

°

संस्मरण में महेश कटरपंच का आलेख
सावधान! आज पहली अप्रैल है

°

फुलवारी में दिविक रमेश का बाल
नाटक बल्लू हाथी का बालघर
और कविता ध्यान रखेंगे

°

पर्व परिचय में गणगौर पर्व का
परिचय प्रमिला कटरपंच की कलम
से म्हाने खेलण दो गणगौर

°

परिक्रमा में
दिल्ली दरबार के अंतर्गत भारत से
बृजेश कुमार शुक्ला का लेख
प्रस्तुत हुआ नया बजट

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प्रकाशन : प्रवीन सक्सेना   परियोजना निदेशन : अश्विन गांधी
संपादन, कलाशिल्प एवं परिवर्धन : पूर्णिमा वर्मन  
      सहयोग : दीपिका जोशी
तकनीकी सहयोग :प्रबुद्ध कालिया
  साहित्य संयोजन :बृजेश कुमार शुक्ला