शुषा लिपि
सहायता

अनुभूति

24. 2. 2003

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लेखकों से

पिछले सप्ताह

कहानियों में
14 फरवरी प्रेम दिवस के अवसर पर
सूर्यबाला की प्रेम–कहानी
पीले फूलों वाला फ्राक

यह भी कोई बात हुई इस वयस्क–सी उम्र में अटपटाकर कहने की?  मैंने भूलकर आँखें उठायी कि तुम्हारी आँखों में कितनी और कैसी हँसी हैं।  लेकिन देखा तो तुम्हारी दृष्टि में सिर्फ ढेर सारे रेशमी पंख थे।  मैं एक भी पंख न बटोर पायी।  आँखें संकोच से झुक गयी थीं।  तुम फिर से उस पीले फूल वाली सदी के छोर पर पहँुच गये थे। "उस शादी में, तुम्हें याद है— एक शाम करीब आधे घंटे के लिए बिजली ही चली गयी थी पूरे मुहल्ले की"

°
आज सिरहाने में
कृष्ण बिहारी के कहानी संग्रह
दो औरतें
के विषय में — पूजा श्रीवास्तव

°

निबंध में
नेपाल से संजीता वर्मा का आलेख
कला और सौंदर्य

°

परिक्रमा में
दिल्ली दरबार के अंतर्गत
भारत से बृजेशकुमार शुक्ला का आलेख
अलविदा कल्पना! अलविदा बच्चन!!

°

धारावाहिक में
कृष्ण बिहारी की आत्मकथा
'सागर के इस पार से उस पार से'
की अगली किस्त
ले चल मुझे भुलावा दे कर

1सप्ताह का विचार
दंड द्वारा प्रजा की रक्षा करनी चाहिये लेकिन बिना कारण किसी को दंड नहीं देना चाहिये। 
— रामायण

 

इस सप्ताह

कहानियों में
चंडीगढ़ पंजाब से डा नरेश की कहानी
पराजित क्षण

वह उठ खड़ी हुई।  उसने अपने कपड़े ज़रा–से दुरूस्त किए, दरवाज़ा खोला और बाहर निकल गई।  मैं उसी तरह अधलेटा–सा पड़ा रहा।  कमरे के बाहर वाले बरामदे में से मुझे उसकी आवाज़ सुनाई दी,
"टैक्सी।"
किसी टैक्सी के पोर्टिको में रूकने की, टैक्सी का दरवाज़ा खुलने की, बन्द होने की, फिर से स्टार्ट होने की, चल देने की आवाज़ भी मैंने सुनी।  लेकिन मैं अपनी जगह से हिला नहीं, उठा नहीं।

°
परिक्रमा में
लंदन पाती के अंतर्गत शैल अग्रवाल का आलेख
एक था राजा
और नार्वे निवेदन में शरद आलोक 
का आलेख
और नहीं युद्ध
°

पर्यटन में
हैदराबाद के ऐतिहासिक किले की
विशेषताओं से एक परिचय
कोहिनूर का घर गोलकुंडा
°

संस्मरण में
तारकेश्वरी सिन्हा का आलेख
संसद में नहीं हूं झक मार रही हूं
°

कला दीर्घा में
कला और कलाकार के अंतर्गत
नारायण श्रीधर बेंद्रे
अपनी दो कलाकृतियों के साथ

निमंत्रण
अभिव्यक्ति 'कथा महोत्सव 2003' में कहानी भेजने की अंतिम तिथि 1 मार्च 2003 तक। यदि आपने अभी तक कहानी नहीं भेजी तो शीघ्र भेज दें। 
विस्तृत
विवरण

 

अनुभूति में


भारत, कैनेडा और 
नेपाल से 
आठ 
नयी कविताएं

–  साहित्य समाचार  –

° पिछले अंकों से °

सामयिकी में 
डा हरिवंशराय बच्चन का पत्र 
पं नरेन्द्र शर्मा के नाम
मित्र की पाती
 लावण्या शाह के सौजन्य से

°

प्रेरक प्रसंग में 
शैल अग्रवाल की बोध कथा 
दिन और रात

°

रसोईघर में 
शाकाहारी मुगलई का मस्त ज़ायका
खोया मटर

°

 हास्य–व्यंग्य में 
महेशचंद्र द्विवेदी का व्यंग्य 
हालीवुड बनाम बालीवुड

°

कहानियां

साहित्य संगम में
जीवित और मृत–रवींद्रनाथ ठाकुर
 
महानगर की कहानियों में
कुकिंग क्लासेज.–सूरज प्रकाश

गौरव गाथा में 
पहेली–उपेन्द्रनाथ अश्क 

कहानियों में 
प्रोग्रामिंग–
राजेश जैन

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संपादन, कलाशिल्प एवं परिवर्धन : पूर्णिमा वर्मन  
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