दीर्घायु प्रदान करने वाले पौष्टिक-भोजन
जिन्हें नित्य खाना चाहिये (संकलित)
११- भुना
अन्न
दिन जब लंबे हों और कोई काम
न हो तो भुना हुआ साबुत अनाज का सेवन करना सही चुनाव है।
अक्सर ग्रामीण इलाकों जब लोग अपने दिन भर के काम से निपट
जाते हैं और दोपहर के समय सुस्ता रहे होते हैं, तब भुने
हुए साबुत अनाज का सेवन करते हैं। इसे कई इलाकों में चबैना
कहा जाता है। गाँवों में गेहूँ, चना, मक्का, बाजरा आदि
भूनकर खाया जाता है।
भोजन विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह अनाज भूनकर खाने से
पाचन क्रिया ठीक रहती है, साथ ही फाइबर, कैलोरी, विटामिन,
मिनरल आदि सही मात्रा में मिलते रहते हैं। ग्रामीण इलाकों
की यह भुने अनाज की संस्कृति अब शहरों में भी लोकप्रिय हो
रही है। क्योंकि इसके महत्व को शहरी आबादी भी समझने लगी
है। भुने हुए चावल (मुरमुरे) को खीरे और टमाटर के साथ
स्नैक की तरह खाने की परम्परा शहर में भी है। यह पचने में
आसान होता है, और वजन कम करने में मदद करता है। सस्ता होने
के कारण इसका उपयोग सभी लोग कर सकते हैं, यह कब्ज दूर
करने, भूख को नियंत्रित रखने और शरीर की प्रतिरोधक क्षमता
बढ़ाने में भी मदद करता है।
शहर में भुना हुआ गेहूँ, जौ, कुट्टू, मक्का, ज्वार, बाजरा,
रामदाना, किनुआ आदि किराने की दूकान या बेकरी में मिल जाते
हैं। भुने हुए गेहूँ में फाइबर अधिक होता है जो कब्ज की
परेशानी को दूर करता है। इसमें सेलेनियम होता है जो
इम्युनिटी को बढ़ाने में मदद करता है। गेहूँ में ताँबा
अधिक मात्रा में पाया जाता है जिससे हृदय को लाभ मिलता है।
भुने हुई जौ खाने से कब्ज से छुटकारा मिलता है। इसमें
घुलनशील फाइबर पाया जाता है जिसे बीटा ग्लूकैन कहते हैं,
साथ ही जौ विटामिन का ई का अच्छा स्रोत है, जो स्वस्थ
त्वचा के लिए आवश्यक है। भुना हुआ बाजरा ब्लड प्रेशर कम
करने में सहायक माना गया है। भुना हुआ कुट्टू प्रोटीन का
अच्छा स्रोत है। इसमें सभी जरूरी एमिनो एसिड पाए जाते हैं।
कुट्टू में पाया जाने वाला मैंगनीज चयापचय को ठीक रखता है,
साथ ही वजन कम करने में भी मदद करता है। जबकि इसमें पाया
जाने वेाला सोलेनियम शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता
हैं, और आयरन की मात्रा एनिमिया को दूर रखती है।
भुने हुए मक्के या पॉपकॉर्न में कैलोरी कम होती हैं। इसमें
विटामिन बी कॉम्प्लेक्स होता है। साथ ही इसमें आयरन,
मैग्नेशियम, फोसफोरस और जिंक पाया जाता है। यह वजन को
नियंत्रित करते हैं और शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढाते
हैं। भुने हुए बाजरे में मैंग्नेशियम अधिक मात्रा में पाया
जाता है। इससे हृदय का स्वास्थ्य अच्छा रहता है। साथ ही
बाजरा इम्यूनिटी बढ़ाने में भी मदद करता है। इसमें
पोटैशियम भी पाया जाता है जो ब्लड प्रेशर को कम करता है।
भुने हुए ज्वार में पोलीफेनॉल्स पाए जाते हैं जो
पाचनक्रिया को ठीक करते हैं। इसमें पाए जाने वाले
एंटी-कैंसर कंपाउंड, कैंसर को रोकते हैं। भुने हुए
रामदाने, अमरेन्थस या चौलाई के दाने बढ़े हुए कोलेस्ट्रोल
को कम करने का काम करते हैं। इसमें फाइबर की मात्रा अच्छी
पाई जाती है, इसलिए यह पेट के लिये लाभदायक है। चौलाई में
ग्लूटन नहीं होता है। भुना हुआ किनुआ का अन्न भी ग्लूटन से
मुक्त होता है। इसलिये जो लोग ग्लूटन के प्रति एलर्जिक
होते हैं उन्हें यह परेशान नहीं करता। किनुआ प्रोटीन से
समृद्ध होता है। इसमें ९ आवश्यक एमिनो एसिड्स होते हैं, जो
शरीर के लिए लाभदायक होते हैं। किनुआ शरीर के चयापचय को भी
मजबूत करता है। इसलिये प्रतिदिन कोई न कोई भुना अन्न आहार
में शामिल करें और उत्तम स्वास्थ्य का लाभ उठाएँ।
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