दीर्घायु प्रदान करने वाले पौष्टिक-भोजन
जिन्हें नित्य खाना चाहिये (संकलित)
६- सूखे
मेवे
सूखे मेवे कई प्रकार के
विटामिन्स और खनिजों का उत्कृष्ट स्रोत माने जाते हैं, जो
शरीर को बीमारियों से बचाने और ऊर्जावान रखने में सहायक हो
सकते हैं। लगभग सभी सूखे मेवे विटामिन, खनिज, एंटी
आक्सीडेंट, विभिन्न प्रकार के तेल और फाइबर का अद्भुत
स्रोत हैं। ये न केवल शरीर के मेटाबालिज्म को ठीक रखते है
बल्कि कोलेस्टेरॉल और वजन को भी नियंत्रित करते है। ड्राई
फ्रूट्स ऐसे आहार है, जो मिनरल से भरे होते है सुगंधित और
स्वादिष्ट होते हैं।
काजू में ऐसे एंटीआक्सीडेन्ट पाये जाते हैं, जो शरीर को
सुरक्षा प्रदान करने के साथ ही हडिडयों को भी बलवान बनाते
हैं। इसमें मौजूद जिंक बालों के स्वस्थ विकास और उनकी
मजबूती के लिए महत्वपूर्ण होता है, फाइबर और प्रोटीन पाचन
तंत्र को बेहतर बनाने में मदद करते हैं। लगभग सभी सूखे
मेवे वजन कम करने में मदद कर सकते हैं क्योंकि वे दिल और
पाचन स्वास्थ्य को सुधारने के साथ भूख को कम करते हैं।
काजू में मौजूद मैग्नीशियम उच्च रक्तचाप को कम करने में
मदद करता है।
स्वाद से भरपूर किशमिश में विटामिन सी और एंटीऑक्सिडेंट्स
होते हैं जो त्वचा के रंग में निखार लाते हैं और चेहरे को
सुंदर बनाते हैं। किशमिश का पानी शरीर से विषैले पदाथ को
बाहर निकालता है, एन्जाइम्स पाचन को सुधारते हैं,
एंटीऑक्सिडेंट्स बढ़ती हुई उम्र से लड़ने में मददगार होने
के साथ साथ विभिन्न बीमारियों से लड़ने में मदद करते हैं।
किशमिश में उपस्थित फाइबर शरीर में शर्करा को नियंत्रित
करता है, साथ ही पोटेशियम, कैल्शियम और मैग्नीशियम
हड्डियों के लिए लाभदायक होते हैं।
अखरोट में विटामिन ए, विटामिन सी, मैग्नीशियम,
एंटीऑक्सिडेंट्स, विटामिन ई और ओमेगा-3 फैटी एसिड होते
हैं, जो मानसिक स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होते हैं।
सर्दियों में इसका सेवन करने से शरीर की रोग प्रतिरोधक
क्षमता बढ़ती हैं। इसमें पाया जाने वाला मेटालिन तत्व तनाव
को कम करता है, जिससे नींद न आने की समस्या भी दूर होती
है। इसे नियमित रूप से खाने से हृदय संबंधी बीमारियों का
खतरा कम होता है। सूखे नारियल में शरीर के टिशू को बलवान
बनाने के साथ स्मरण शक्ति को भी बढ़ाता है और किसी भी तरह
के वायरल से भी बचाता है। गरी और सूखा नारियल दोनों ही
ऊर्जा का अच्छा स्रोत होते हैं। नारियल में मौजूद
एंटी-ऑक्सीडेंट शरीर को कैंसर जैसी बीमारियों से लड़ने में
मदद करते हैं।
पिस्ता नियमित खाने से नजर कमजोर होना जैसी बीमारी से बच
सकते हैं। इसमें एंटीआक्सीडेन्ट के साथ विटामिन बी ६ होता
है शरीर में श्वेत रक्तकणों के उत्पादन में सहायक है।
विटामिन बी६ के साथ मैग्नीशियम तनाव को कम करने और मानसिक
स्वास्थ्य को सुधारने में मदद करते हैं। इसमें आर्जीटिन
नामक तत्व हृदय स्वास्थ्य के लिए लाभप्रद है। इसके अलावा
पिस्ता में फाइबर और विटामिन ई हृदय को बेहतर बनाते हैं
तथा कैल्शियम और फोस्फोरस हड्डियों के लिए लाभदायक है।
बादाम विटामिन ई का सर्वोत्तम स्रोत है इसके नियमित प्रयोग
से हमारा दिमाग तेज होता है और याददाश्त अच्छी होती है।
इसे रात में भिगोकर खाना स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है।
बादाम में विटामिन ई और फाइबर शरीर को ऊर्जा देते हैं और
पाचन क्रियाओं को सही ढंग से काम करने में मदद करते हैं,
इसमें स्थित आयरन रक्त को उत्तेजित करता है, हेमोग्लोबिन
के निर्माण में मदद करता है और एनीमिया का इलाज करने में
मदद करता है, ऑमेगा-3 फैटी एसिड हृदय स्वास्थ्य को सुधारता
है तथा मोनोअनसैटेड फैट और प्रोटीन शरीर को वजन बढ़ाने
वाले फैट से दूर रखता है। बादाम में फोलिक एसिड और विटामिन
बी होता है, जो मां के गर्भ में भ्रूण के सही विकास के लिए
आवश्यक हैं।
छुहारा भूख न लगने की समस्या को दूर करने के साथ ही वजन
बढ़ाने में भी कारगर है। यह दाँत, पेट और बालों की समस्या
में लाभदायक है, शारीर को ऊर्जा देता है, ताकत बढ़ाता है,
पाचन तंत्र को सुधारता है, खून में शक्कर के स्तर को
नियंत्रित करता है और मधुमेह जैसी बीमारियों से बचाता है।
इसका शक्तिशाली एंटीऑक्सिडेंट रोगों से लड़ने में मदद करता
है। छुहारा कैल्शियम, पोटेशियम, मैग्नीशियम, फोस्फोरस और
विटामिन डी का अच्छा स्रोत होता है जो हड्डियों के लिए
आवश्यक हैं। यह त्वचा को नरम बनाता है, उसे नम रखता है और
झुर्रियों को कम करने में मदद करता है।
मूँगफली को बादाम के एक अच्छे विकल्प के रुप में प्रयोग कर
सकते हैं। इसमें विटामिन ई और मैग्नीशियम त्वचा को नरम और
चमकदार बनाते हैं, अल्फा-लिनोलेनिक एसिड हृदय के लिए
लाभदायक है, प्रोटीन शरीर के ऊर्जा स्तर को बनाए रखने में
मदद करती है, मैगनीशियम स्नायु तंत्र को सुचारू रूप से काम
करने में मदद करता है और फोलिक एसिड गर्भ में बच्चे के
निर्माण में मदद करता है और न्यूरोलॉजिकल डिज़ॉर्डर्स से
बचाता है।
अंजीर भरपूर मात्रा में एंटीऑक्सिडेंट्स का स्रोत है जो
शरीर को कैंसर जैसी बीमारियों से बचाता है। अंजीर में
फाइबर की भरपूर मात्रा होती है जो पेट को स्वस्थ रखती है,
विटामिन बी६ जो मस्तिष्क के लिए फायदेमंद होता है और अवसाद
से लड़ने में मदद करता है। विटामिन ए और विटामिन सी त्वचा
को स्वस्थ बनाते है और बालों में मजबूती लाते है। इसमें
पाए जाने वाले एंजाइम खाने को अच्छी तरह से पचाने में मदद
करते है।
चिरौंजी में प्रोटीन, आयरन, कैल्शियम, मैग्नीशियम,
फॉस्फोरस और विटामिन सी, ए, बी६ और जिंक होते हैं, जो
आंखों के रोगों से लड़ने में मदद करता है और नजर की कमजोरी
को दूर करते हैं। एंटीऑक्सिडेंट्स और अन्य पोषक तत्व
डायबिटीज, अर्थराइटिस और कैंसर जैसी कई बीमारियों से लड़ने
में भी मदद करता है। चिरौंजी में मौजूद पोषक तत्व हृदय की
बीमारियों के खतरे को कम करते हुए रक्तचाप को नियंत्रित
रखते है।
आयुर्वेद के अनुसार सूखे मेवे खाने का सही समय सुबह का है
लेकिन इन्हें दोपहर या शाम को छोटे नाश्ते की तरह भी खा
सकते हैं। सूखे मेवे अधिक नहीं खाने चाहिये। विशेषज्ञों की
मानें तो बादाम ४ से ५, अखरोट और खजूर १ से २, पिस्ता
अधिकतम १५ ग्राम, मूँगफली और काजू ५० ग्राम और किशमिश
१०-१२ प्रतिदिन नियमित रूप से ले सकते हैं।
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