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१. ५. २०२३

   

इस माह गंगा-दशहरे के अवसर पर           

समकालीन कहानियों में
इस माह प्रस्तुत है- भारत
से सरस दरबारी की कहानी
नहान

ट्रेन के डब्बे की उमसभरी घुटन से जानकी बेहाल थी। रह रहकर पसीने और कडवे तेल का मिला जुला भभका आता और नथुनों में समा जाता। यह तो कहो उसे और विश्वंभर जी को खिड़की के पास वाली सीट मिल गयी थी। बाहर से आती ताज़ी हवा से कुछ राहत थी। भीतर तो बहुत ही बुरा हाल था। लोग भेड़ बकरियों की तरह ठुँसे पड़े थे। जो जहाँ था, वहीं फँसा बैठा था। जरा सा हिला नहीं, कि दूसरा यात्री और फैल जाता। जगह खोने के डर से हर यात्री बस साँस लेने भर की ही हरकत कर रहा था। मजाल है कोई टस से मस हो जाये। शौचालय जाने का तो प्रश्न ही नही था। यात्रियों ने उसे भी घेर रखा था। डब्बे में लोग जबरदस्ती घुस आए थे। गठरा गठरी लादे, जिसके जहाँ सींग समाए ठेल ठाल कर घुस गया।
भीड़ को देख जानकी बोली, “क्यों जी, यह तो आरक्षित डब्बा है न?”
विश्वंभर जी मुस्कुरा दिए, “आस्था की बाढ़ को कौन रोक पाया है। सभी पुण्य कमाना चाहते हैं। जिसको जो साधन मिला उसी पर हो लिया। कुछ ही देर की बात है ... आगे-

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डॉ. आभा सिंह का व्यंग्य
माल की सेल मे मुफ्त का चंदन
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प्रकृति और पर्यावरण में -
रामेश्वर मिश्र पंकज का आलेख हर नदी गंगा है

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कलादीर्घा के अंतर्गत
चित्रकार सुतपा पॉल के गंगा चित्र
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पुनर्पाठ में- सुरेश गांधी का आलेख
गंगा अवतरण का पर्व - गंगा दशहरा

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अनुभूति-में---शशि पुरवार, चंद्र मोहन, सत्यशील राम त्रिपाठी, रेखा भाटिया, परमजीत कौर रीत और-बुद्धिनाथ-मिश्र-की-रचनाएँ।

स्थायी स्तंभों में-

कलम-गही नहिं हाथ- आज एक ऐसी चीज के बारे में जो सारे विश्व में दुबई के अतिरिक्त बहुत ही कम स्थानों पर देखने को मिल सकती हैं- दुबई मेट्रो में मछली मना है

रसोईघर में- हमारी रसोई संपादक शुचि अग्रवाल प्रस्तुत कर रही हैं- हर मौसम के लिये स्वाद से भरपूर पूरनपोली की व्यंजन विधि।

बागबानी में- नन्हीं पत्तियाँ प्यारे पौधे जो घर का रूप सँवारें और पर्यावरण निखारें- इस शृंखला में प्रस्तुत है- वांडरिंग ज्यू

स्वस्थ भोजन स्वस्थ शरीर में- दीर्घायु प्रदान करने वाले १२ पौष्टिक-तत्व जिन्हें प्रतिदिन खाना चाहिये। इस शृंखला में प्रस्तुत है- मौसमी फल

डाक टिकटों पर पौराणिक पात्र- देश विदेश के वे टिकट जिन पर देवी-देवताओं के चित्र प्रकाशित किये गए हैं इस अंक में प्रस्तुत है- चेक गणराज्य के डाक टिकटों पर शिव और राम।

बतरस से लिखवट तक - रतन मूलचंदानी के फोटो निबंधों की शृंखला में इस माह- एक पाँव पर खड़ा सौंदर्य।

गौरवशाली भारतीय- क्या आप जानते हैं कि मई महीने में कितने गौरवशाली भारतीय नागरिकों ने जन्म लिया? ...विस्तार से

नवगीत संग्रहों और संकलनों से परिचय की शृंखला में- शिवानंद सिंह सहयोगी के नवगीत संग्रह- भुने हुए भुट्टे का परिचय डॉ. रणजीत पटेल की कलम से।

वर्ग पहेली-३६१
गोपालकृष्ण-भट्ट-आकुल और
रश्मि आशीष के सहयोग से

हास परिहास
में पाठकों द्वारा भेजे गए चुटकुले

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