नन्हीं पत्तियाँ प्यारे पौधे
घर का रूप सँवारें और
पर्यावरण निखारें
(संकलित)
५- वांडरिंग ज्यू-
वांडरिंग ज्यू (ट्रेडस्कैंटिया एसपीपी।) भारत में मिलने
वाले सबसे लोकप्रिय पौधों में से एक है। स्पाइडरवॉर्ट
परिवार का सदस्य यह पौधा उष्णकटिबंधीय प्रदेशों का निवासी
है जहाँ उत्तर अमेरिकी बागवान आमतौर पर उन्हें हाउसप्लांट
के रूप में उगाते हैं। लेकिन भारत में भी इसे हर जगह देखा
जा सकता है। इनकी सबसे लोकप्रिय प्रजातियाँ हैं टी. पैलिडा
जिसमें बैंगनी रंग की पत्तियाँ होती हैं और टी. ज़ेब्रिना
जिसकी पत्तियाँ धारीदार चमकीली ऊपर हरे रंग की और नीचे की
तरफ बैंगनी रंग की होती हैं। इनमें ३ पंखुड़ी वाले फूल
खिलते हैं जो स्पाइडरवार्ट परिवार की विशेषता हैं। फूल
छोटे होते हैं। वे सफेद, गुलाबी या बैंगनी हो सकते हैं।
खिलने का कोई विशेष समय नहीं है। फूल साल भर दिखाई देते
हैं।
ये पौधे जमीन में उगने पर या लटकती हुई टोकरियों से लिपटने
पर मिट्टी में फैल जाते हैं।
वांडरिंग ज्यू ६ से ९ इंच ऊँचा हो सकता है और १२ से २४ इंच
तक फैल सकता है। यह जल्दी बढ़ता है, इतनी जल्दी कि मिट्टी
में उगाए जाने पर एक बड़ी जगह को ढँक सकता है। इसीलिये यह
बड़े बगीचों की सजावट के लिये बहुत उपयुक्त है।
वांडरिंग ज्यू मजबूत पौधा है इसलिए आसानी से उगाया जा सकता
है। इसे तेज रौशनी चाहिये लेकिन सीधी धूप इसके लिये अच्छी
नहीं है। बहुत ज्यादा धूप में पत्ते झुलस जाएँगे। बहुत कम
धूप होने पर पत्तियों पर रंग फींका पड़ जाता है। पौधा
अच्छी जल निकासी वाली मिट्टी में ठीक से पनपता है। जलभराव
इसे पसंद नहीं है। जब मिट्टी की ऊपरी सतह सूखी दिखाई दे तब
इसे इतना पानी दें कि पानी ड्रेनेज होल से बाहर आ जाए।
इसके बाद तश्तरी को तुरंत खाली कर दें। तश्तरी में पानी
भरा नहीं रहना चाहिये। इससे जड़ों के सड़ने और पौधे की
मृत्यु का डर है।
यद्यपि यह बहुत देखरेख नहीं माँगता फिर भी खाद देना
महत्वपूर्ण है क्योंकि हर बार जब इसे पानी दिया जाता है,
तो पानी मिट्टी से पोषक तत्वों को बहा देता है। पौधे को
स्वस्थ रखने के लिए हर दो महीने में पानी में घुलनशील
उर्वरक का उपयोग अच्छा रहता है।
|