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घर-परिवार जीवन शैली - स्वास्थ्य


शाकाहारी भोजन में प्रोटीन का भंडार दाले
(जिन्हें नित्य खाना चाहिये
(संकलित)


६- लोबिया
लोबिया या चवली स्वाद में हल्की नमकीन, मिट्टी-सी और नटी होती है। यह सफेद रंग की होती है और इसमें भीतर की ओर काले रंग का चिह्न होता है। ये मध्यम आकार की, चिकनी और चमकदार होती है।

इससे पंजाबी लोबिया मसाला, चवली भाजी, चवली उसल और करमणी सुंडल जैसे व्यंजन बनते हैं। इन्हें चाट या पुलाव में भी इस्तेमाल किया जाता है। डिब्बाबंद लोबिया सीधे पकाई जा सकती है, लेकिन सूखी लोबिया को पाँच घंटे या रातभर भिगोने से जल्दी गल जाती है। सलाद में भी इसका प्रयोग स्वादिष्ट लगता है।

लोबिया खाने से पाचन बेहतर होता है, वज़न नियंत्रण में मदद मिलती है, हड्डियाँ मजबूत होती हैं, और त्वचा व बालों के स्वास्थ्य में सुधार होता है। यह प्रोटीन, फाइबर, आयरन और एंटीऑक्सीडेंट का एक उत्कृष्ट स्रोत है, जो हृदय स्वास्थ्य, ब्लड शुगर नियंत्रण और इम्यूनिटी को भी बढ़ाता है।
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दालों में मुख्य रूप से एल्ब्यूमिन और ग्लोब्युलिन जैसे प्रोटीन पाए जाते हैं। ये प्रोटीन दालों में पाए जाने वाले प्रमुख भंडारण प्रोटीन हैं, जो पौधे को पोषण प्रदान करते हैं और मनुष्य की विभिन्न शारीरिक प्रक्रियाओं में शामिल होते हैं। दालों में पाए जाने वाले प्रोटीन की मात्रा विभिन्न प्रकार की दालों में अलग-अलग होती है, इसके अतिरिक्त, बिना धुली छिलका दालें या साबुत दालें फाइबर, आयरन और आवश्यक अमीनो एसिड से भी भरपूर होती हैं, जो मांसपेशियों के विकास, पाचन और हृदय स्वास्थ्य के लिए लाभप्रद होते हैं।

१. . . . . . . . . १०. ११. १२.

१ जून २०२४

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