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घर-परिवार जीवन शैली - स्वास्थ्य


शाकाहारी भोजन में प्रोटीन का भंडार दाले
(जिन्हें नित्य खाना चाहिये
(संकलित)


१- चना दाल
स्वाद में मीठी और हल्की नटी।

चना दाल छोटे चनों से बनती है जिन्हें सुखाकर, फोड़कर और पॉलिश करके तैयार किया जाता है। यह पीली, मध्यम आकार की, गोलाई लिए हुए और चमकदार होती है। अक्सर इसे तूर या अरहर की दाल समझ लिया जाता है क्योंकि दोनों का रंग व आकार मिलता-जुलता है, लेकिन तूर दाल लंबी और अपेक्षाकृत खुरदरी होती है। चना दाल को भूनकर बेसन बनाया जाता है, जिससे पकौड़े, ढोकला, हलवा, लड्डू और कई व्यंजन बनते हैं।

उबालकर इससे दाल बनाई जाती है, या फिर गुड़, घी और मसालों के साथ मिलाकर पूरी के लिए पूरनपोली की भरावन तैयार की जाती है। इसे पकाने से पहले भिगोने की आवश्यकता नहीं होती, हालाँकि एक घंटे भिगोने से पकने का समय कम हो जाता है। बिना भिगोए लगभग ४० मिनट में यह अच्छी तरह पक जाती है।
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दालों में मुख्य रूप से एल्ब्यूमिन और ग्लोब्युलिन जैसे प्रोटीन पाए जाते हैं। ये प्रोटीन दालों में पाए जाने वाले प्रमुख भंडारण प्रोटीन हैं, जो पौधे को पोषण प्रदान करते हैं और मनुष्य की विभिन्न शारीरिक प्रक्रियाओं में शामिल होते हैं। दालों में पाए जाने वाले प्रोटीन की मात्रा विभिन्न प्रकार की दालों में अलग-अलग होती है, इसके अतिरिक्त, बिना धुली छिलका दालें या साबुत दालें फाइबर, आयरन और आवश्यक अमीनो एसिड से भी भरपूर होती हैं, जो मांसपेशियों के विकास, पाचन और हृदय स्वास्थ्य के लिए लाभप्रद होते हैं।

१. . . . . . . . . १०. ११. १२.

१ जनवरी २०२४

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