भारत के सर्वश्रेष्ठ गाँव
जो हम सबके लिये प्रेरणादायक हैं
१५-
मुत्तुरु-जहाँ-लोग-आज-भी-संस्कृत-बोलते-हैं।
कर्नाटक
के शिमोगा शहर से लगभग दस किलोमीटर की दूरी पर स्थित
मुत्तुरु गाँव के लोग आज भी संस्कृत में ही बातचीत करते
नज़र आते हैं। इनकी मातृभाषा संस्कृत है जो प्राचीनकाल से
चली आ रही है। बच्चों की प्रारंभिक शिक्षा भी संस्कृत में
ही होती है। लगभग पाँच सौ परिवारों वाले इस गाँव में
प्रवेश करते ही “भवत: नाम किम्?” (आपका नाम क्या है?) पूछा
जाता है “हैलो” के स्थान पर “हरि ओम्” और “कैसे हो” के
स्थान पर “कथा अस्ति?” आदि के द्वारा ही वार्तालाप होता
हैं। गाँव के बच्चे क्रिकेट खेलते हुए और आपस में झगड़ते
हुए भी संस्कृत में ही बातें करते हैं। गाँव में संस्कृत
में बोधवाक्य लिखा नजर आता है। “मार्गे स्वच्छता विराजते।
ग्रामे सुजना: विराजते।” अर्थात् सड़क पर स्वच्छता होने से
यह पता चलता है कि गाँव में अच्छे लोग रहते हैं। कुछ घरों
में लिखा रहता है कि आप यहाँ संस्कृत में बात कर कर सकते
हैं। भाषा पर किसी धर्म और समाज का अधिकार नहीं होता तभी
तो गाँव में रहने वाले सभी धर्मों के लोग संस्कृत सहजता से
बोलते हैं।
१
दिसंबर २०१७ |