ज्योतिष से वृक्ष और पौधों
का संबन्ध
(संकलित)
७-
शनि के लिये खेजड़ी या शमी
शनि ग्रह का सम्बंध खेजड़ी
से है। इसे शमी शमी भी कहते हैं। शनिवार के दिन शमी की
समिधा से हवन की बात कही गयी है। खेजड़ी या शमी थार के
मरुस्थल एवं अन्य रेगिस्तानी इलाकों में पाया जाता है। यह
वृक्ष जेठ के गर्म और सूखे महीने में भी हरा रहता है। ऐसी
गर्मी में जब रेगिस्तान में जानवरों के लिए धूप से बचने का
कोई सहारा नहीं होता तब यह पेड़ छाया देता है। जब खाने को
कुछ नहीं होता है तब यह चारा देता है, जो लूंग कहलाता है।
इसका फूल मींझर कहलाता है। इसका फल सांगरी कहलाता है,
जिसकी सब्जी बनाई जाती है। यह फल सूखने पर खोखा कहलाता है
जो सूखा मेवा है। इसकी लकड़ी मजबूत होती है जो किसान के
लिए जलाने और फर्नीचर बनाने के काम आती है। इसकी जड़ से हल
बनता है। अकाल के समय रेगिस्तान के आदमी और जानवरों का यही
एक मात्र सहारा है। इस पेड़ के नीचे अनाज की पैदावार
ज्यादा होती है। इसके इन्हीं गुणों के कारण इसे भारत के
राजस्थान प्रांत में प्रांत का वृक्ष और मध्यपूर्व के देश
संयुक्त अरब इमारात में राष्ट्रीय वृक्ष का सम्मान प्राप्त
है। दशहरे के दिन शमी के वृक्ष की पूजा करने की परंपरा भी
है। रावण दहन के बाद घर लौटते समय शमी के पत्ते लूट कर
लाने की प्रथा है जो स्वर्ण का प्रतीक मानी जाती है। इसके
अनेक औषधीय गुण भी है।
१
जुलाई २०१७ |