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ज्योतिष से वृक्ष और पौधों
का संबन्ध
(संकलित)


११- राशियों और नक्षत्रों के वृक्ष

भारतीय संस्कृति में वृक्षों से मनुष्य का गहरा सम्बंध माना गया है। प्रत्येक राशि के लिये अलग अलग वृक्षों को निश्चित किया गया है। मेष के लिये आँवला, वृष के लिये जामुन, मिथुन के लिये शीशम, कर्क के लिये नागकेसर, सिंह के लिये पलाश, कन्या के लिये रीठा, तुला के लिये अर्जुन, वृश्चिक के लिये भालसारि, धनु के लिये जलवेतस, मकर के लिये अकोन, कुंभ के लिये कदम्ब तथा मीन के लिये नीम के वृक्ष शुभ माने गए हैं। ऐसा माना गया है कि अपनी राशि के अनुरूप वृक्षारोपण और उस वृक्ष की सेवा कर के हम अपनी इच्छानुसार अपने जीवन को सुंदर और सफल बना सकते हैं।

अश्विनी के लिये कुचला, भरिणी के लिये आँवला, कृतिका के लिये गूलर, रोहिणी के लिये जामुन, मृगशिर के लिये खैर, आर्द्रा के लिये कृष्णगरू, पुनर्वसु के लिये बाँस, पुष्य नक्षत्र के लिये पीपल, अश्लेषा के लिये नागकेसर, मघा के लिये बड़, पूर्वा फाल्गुनी के लिये ढाक, उत्तरा फाल्गुनी के लिये पाकड़, हस्त नक्षत्र के लिये पाढ़, चित्रा के लिये बेल, स्वाति के लिये अर्जुन, विशाखा के लिये राम बबूल, अनुराधा के लिये पुन्नंग वृक्ष, ज्येष्ठा के लिये लोध, मूल के लिये साल, पूर्वाषाढ़ा के लिये जलवेत, उत्तराषाढ़ा के लिये कटहल, श्रवण के लिये आक, गूलर, सत्यानाशी, धनिष्ठा के लिये शमी, शतभिषा के लिये कदम्ब, पूर्वा भाद्रप्रदा के लिये आम, उत्तरा भाद्रप्रदा के लिये नीम एवं रेवती के लिये महुआ के वृक्ष की सेवा से समृद्धि की बात कही गयी है।

१ दिसंबर २०१८

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