इस सप्ताह- |
अनुभूति
में-
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चैत्र के उत्सवी दिनों को संजोती, अनेक रचनाकारों द्वारा रची,
ढेर-सी रचनाएँ। |
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घर परिवार में |
रसोईघर में- रामनवमी और चैत्रनवरात्र के अवसर पर हमारी
रसोई संपादक शुचि प्रस्तुत कर रही हैं-
फलाहारी व्यंजन। |
सौंदर्य सुझाव -- रोज़ रात में सोने से पहले आँखों
में एक-एक बूँद गुलाबजल डालने से आँखें स्वस्थ और सुंदर बनी रहती
हैं। |
संस्कृति की पाठशाला- भारतीय
कैलेंडर विक्रम संवत के अनुसार, चैत्र शुक्ल प्रतिपदा यानि
चैत्र नव रात्रि के प्रथम दिन नव वर्ष मनाया जाता है। |
क्या आप जानते हैं?
कि चैत्र के महीने में गुड़ी पड़वा, होला मोहल्ला, युगादि, विशु,
वैशाखी, नवरेह, उगाडी, चेटीचंड, चित्रैय तिरुविजा आदि सभी पर्व
नव वर्ष के उपलक्ष्य में मनाए जाते हैं। |
- रचना और मनोरंजन में |
गौरवशाली भारतीय- क्या आप जानते हैं
कि अप्रैल के महीने में कितने गौरवशाली भारतीय नागरिकों ने जन्म
लिया? ...विस्तार से
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सप्ताह का विचार- नव का अर्थ है
निरंतर विकसित होते रहना। नई कल्पना, नया उत्साह, नई खोज और नई
स्फूर्ति नये साल के साथ बढ़ना चाहिये।
-मुक्ता |
वर्ग
पहेली-३३६
गोपालकृष्ण-भट्ट-आकुल
और रश्मि आशीष के सहयोग से |
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हास परिहास में
पाठकों
द्वारा
भेजे गए चुटकुले |
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साहित्य और संस्कृति में-
चैत्र उत्सव मनाते हुए |
वरिष्ठ
कथाकारों की प्रसिद्ध कहानियों के स्तंभ
गौरव गाथा में
प्रस्तुत है जयशंकर प्रसाद की
कहानी- चंदा
चैत्र-कृष्णाष्टमी
का चन्द्रमा अपना उज्ज्वल प्रकाश 'चन्द्रप्रभा' के निर्मल जल
पर डाल रहा है। गिरि-श्रेणी के तरुवर अपने रंग को छोड़कर धवलित
हो रहे हैं, कल-नादिनी समीर के संग धीरे-धीरे बह रही है। एक
शिला-तल पर बैठी हुई कोलकुमारी सुरीले स्वर से-'दरद दिल काहि
सुनाऊँ प्यारे! दरद' ...गा रही है।
गीत अधूरा ही है कि अकस्मात् एक कोलयुवक धीर-पद-संचालन करता
हुआ उस रमणी के सम्मुख आकर खड़ा हो गया। उसे देखते ही रमणी की
हृदय-तन्त्री बज उठी। रमणी बाह्य-स्वर भूलकर आन्तरिक स्वर से
सुमधुर संगीत गाने लगी और उठकर खड़ी हो गई। प्रणय के वेग को
सहन न करके वर्षा-वारिपूरिता स्रोतस्विनी के समान कोलकुमार के
कंध-कूल से रमणी ने आलिंगन किया। दोनों उसी शिला पर बैठ गये,
और निर्निमेष सजल नेत्रों से परस्पर अवलोकन करने लगे। युवती ने
कहा- तुम कैसे आये?
युवक- जैसे तुमने बुलाया।
आगे...
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दीपिका ध्यानी घिल्डियाल
का संस्मरण
पहाड़ पर वसंत
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प्रकृति और पर्यावरण में
मंजु बालौदी का आलेख-
पहाड़ों पर बुरांस
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पर्व परिचय में अग्निशेखर से
जानें
'नवरेह' है कश्मीरियों का विशेष नवसंवत्सर
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शांति जैन का निबंध
चैत मास का विशेष गीत चैती |
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रामनवमी के अवसर पर
विशेष- |
साहित्यिक निबंध में-
संस्कृति में-
पर्यटन में-
कला दीर्घा में-
दृष्टिकोण में-
लघुकथा में-
ललित निबंध में-
पर्व परिचय में-
फुलवारी में-
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छोटे बच्चों के लिये कहानी-
रामनवमी - पूर्णिमा वर्मन
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