पुरालेख तिथि-अनुसार। पुरालेख विषयानुसार हमारे लेखक लेखकों से
शब्दकोश // SHUSHA HELP // UNICODE HELP / पता-


३१. १. २०११

इस सप्ताह-

अनुभूति में- 1
यतीन्द्रनाथ राही, सलोनी राजपूत, ममता किरन, रेखा राजवंशी और दीप्ति नवल की रचनाएँ।

- घर परिवार में

सप्ताह का व्यंजन- मारिशस की सुप्रसिद्ध पाक विशेषज्ञ मधु गजाधर की स्वास्थ्यवर्धक रसोई से- बिना चिकनाई के रसेदार आलू मटर

बचपन की आहट- संयुक्त अरब इमारात में शिशु-विकास के अध्ययन में संलग्न इला गौतम की डायरी के पन्नों से- नवजात शिशु का पाँचवाँ सप्ताह

स्वास्थ्य सुझाव- भारत में आयुर्वेदिक औषधियों के प्रयोग में शोधरत अलका मिश्रा के औषधालय से- मुलेठी पेप्टिक अलसर के लिये।

वेब की सबसे लोकप्रिय भारत की जानीमानी ज्योतिषाचार्य संगीता पुरी के संगणक से- १ फरवरी से १५ फरवरी २०११ का भविष्य फल।

- रचना और मनोरंजन में

कंप्यूटर की कक्षा में- वेब होस्टिंग-  यह विश्वजाल पर प्रदान की जाने वाली एक ऐसी सेवा है जिसका प्रयोग करके कोई व्यक्ति या संस्था  ...

नवगीत की पाठशाला में- कार्यशाला १३ की रचनाओं का प्रकाशन निरंतर जारी है। रचनाएँ अभी भी भेजी जा सकती है।... आगे पढ़ें...

वर्ग पहेली-०१४
गोपालकृष्ण-भट्ट-आकुल और रश्मि आशीष के सहयोग से

शुक्रवार चौपालआज की चौपाल में गणतंत्र दिवस मनाना निश्चित हुआ था। साहित्य सत्र में सबसे पहले पहुँचे दिगंबर नस्वा... आगे पढ़ें

सप्ताह का कार्टून-             
कीर्तीश की कूची से

अपनी प्रतिक्रिया लिखें / पढ़ें

साहित्य और संस्कृति में-

1
समकालीन कहानियों में भारत से
दीपक शर्मा की कहानी मुर्दादिल

सोने से पहले मैं रम्भा का मोबाइल जरूर मिलाता हूँ। दस और ग्यारह के बीच। “सब्सक्राइबर नाट अवेलेबल” सुनने के वास्ते।
लेकिन उस दिन वह उपलब्ध थी- “इस वक्त कैसे फोन किया, सर ?”
“रेणु ने अभी फोन पर बताया कविता की शादी तय हो गई है।“ अपनी खुशी को तत्काल काबू कर लेने में मुझे पल दो पल लग गए।
रेनू मेरी बहन है और कविता उसकी बेटी। रम्भा को मेरे पास रेणु ही लाई थी। भाई यह तुम्हारा सारा काम देखेगी। फोन, ईमेल और डाक।
“हरीश पाठक से, रम्भा हँसने लगी।
“तुम्हें कैसे मालूम?”
“उनके दफ्तर में सभी जानते थे।“
रम्भा ने कुछ महीने कविता की निगरानी की थी। रम्भा हमेशा ही कोई न कोई नौकरी पकड़े रखती थी, कभी किसी प्राइवेट दफ्तर में रिसेप्शनिस्ट की तो कभी किसी नए खुले स्कूल में अध्यापिका की तो कभी किसी बड़ी दुकान में सेल्स गर्ल की।
...  पूरी कहानी पढ़ें...
*

रतनचंद जैन का प्रेरक प्रसंग
रूप या गुण
*

भीमसेन जोशी को प्रभु जोशी की श्रद्धांजलि
उनका स्वर ही उनका स्मारक रहेगा

*

भावना कुंअर की पुस्तक से परिचय-
साठोत्तरी हिंदी गजल में विद्रोह के स्वर

*

पुनर्पाठ में भवानी प्रसाद मिश्र का आलेख
वर्षा विगत शरद ऋतु आई

अभिव्यक्ति समूह की निःशुल्क सदस्यता लें।

पिछले सप्ताह-

1
रमाशंकर श्रीवास्तव का व्यंग्य
देशभक्ति और सरसों का साग

*

डॉ.चंद्रप्रकाश त्रिवेदी का आलेख
सांस्कृतिक विरासत का अंग अशोक स्तंभ

*

ओमप्रकाश कश्यप का आलेख
भारत में गणतंत्र की परंपरा
*

समाचारों में
देश-विदेश से साहित्यिक-सांस्कृतिक सूचनाएँ

*

समकालीन कहानियों में भारत से
हर्ष कुमार की कहानी फौजी

इंदौर स्टेशन पर खड़ी इंदौर-निज़ामुद्दीन एक्सप्रेस में अपनी सीट पर बैठ कर आराम से किताब पढ़ रहा था कि अचानक फर्श पर पड़ रहे किसी के कड़क जूतों की आवाज़ से उसका ध्यान बँट गया। अगर आप किसी ट्रेन यात्रा कर रहे हों तो ट्रेन चलने से पहले स्टेशन लोगों के इधर-उधर भागने से जूतों की आवाज़ होती ही रहती है और उससे आपका ध्यान नहीं बँटता। पर यह आवाज एक अलग तरह की थी – सालों की कवायद के बाद पड़ी आदत से सख्ती से तन कर चलते हुये किसी फौजी की चाल की आवाज़। वह भी अकेली एक आवाज़ नहीं। एक साथ दो लोगों के चलने की आवाज़। आवाज़ मेरे पास आकर रुक गई थी। शायद यही कारण था कि मैं चौंक गया था। पर मैंने सिर ऊपर नहीं उठाया और आँखों को किताब पर ही रखा। बस आँखों के कोने से देखने की कोशिश की कि कौन है। दो लोग थे एक के पीछे एक।  पूरी कहानी पढ़ें...

अभिव्यक्ति से जुड़ें आकर्षक विजेट के साथ

आज सिरहानेउपन्यास उपहार कहानियाँ कला दीर्घा कविताएँ गौरवगाथा पुराने अंक नगरनामा रचना प्रसंग पर्व पंचांग घर–परिवार दो पल नाटक परिक्रमा पर्व–परिचय प्रकृति पर्यटन प्रेरक प्रसंग प्रौद्योगिकी फुलवारी रसोई लेखक विज्ञान वार्ता विशेषांक हिंदी लिंक साहित्य संगम संस्मरण
चुटकुलेडाक-टिकट संग्रहअंतरजाल पर लेखन साहित्य समाचार साहित्यिक निबंध स्वास्थ्य हास्य व्यंग्यडाउनलोड परिसरहमारी पुस्तकें

© सर्वाधिकार सुरक्षित
"अभिव्यक्ति" व्यक्तिगत अभिरुचि की अव्यवसायिक साहित्यिक पत्रिका है। इस में प्रकाशित सभी रचनाओं के सर्वाधिकार संबंधित लेखकों अथवा प्रकाशकों के पास सुरक्षित हैं। लेखक अथवा प्रकाशक की लिखित स्वीकृति के बिना इनके किसी भी अंश के पुनर्प्रकाशन की अनुमति नहीं है।
यह पत्रिका प्रत्येक सोमवार को प्रकाशित होती है।

प्रकाशन : प्रवीण सक्सेना -|- परियोजना निदेशन : अश्विन गांधी
संपादन, कलाशिल्प एवं परिवर्धन : पूर्णिमा वर्मन
-|-
सहयोग : दीपिका जोशी

Google
Search WWW Search www.abhivyakti-hindi.org

blog stats
आँकड़े विस्तार में
१ २ ३ ४ ५ ६ ७ ८ ९ ०