२८-
धूल से बचाव
पत्तों पर जमी नमी और धूल की पर्ते उनके लिये साँस लेना
दूभर कर देती हैं। इसलिये पौधों को पानी से धोकर साफ रखना
जरूरी है। छोटे पौधे हैं और घर के अंदर हैं तो उनकी
पत्तियों को भीगी रुई से पोंछ दें या फिर हल्का स्प्रे कर
दें।
२९-
लॉन के लिये घास का चुनाव
बगीचा चाहें कितना भी
छोटा हो, घास का मैदान उसकी शान होता है। इसलिये बगीचे में
घास से सजा हुआ एक टुकड़ा जरूर बनाएँ और सुबह शाम उसमें
बैठने का आनंद लें। घास कौन सी लगानी चाहिये इस बात को सोच
समझकर तय करें। जहाँ घास लगनी है वह जगह धूप वाली है, छाँह
वाली है, ज्यादा पानी में भीगी रहती है या सूखी है आदि
बातें बताकर दूकान से अपने लिये उपयुक्त घास खरीदना अच्छा
रहता है।
३०-
बाड़ का सौंदर्य
बगीचों के
किनारों और गलियों पर बाड़ बनाने से उनका सौदर्य बढ़ जाता
है। बाग को दो या अधिक हिस्सों में बाँटना हो तो भी बाड़
का प्रयोग किया जाता है। बाड़ लगाकर किसी कोने की बाहरी
रेखा भी बनाई जा सकती है जैसे क्यारियों की, बैठने के
स्थान की या फिर खेलने के स्थान की। बाड़ों की नियमित कटाई
बहुत आवश्यक है क्यों कि इसके बिना उनका सौंदर्य नष्ट हो
जाता है। यदि छँटाई के लिये पर्याप्त समय न हो तो बाड़ के
लिये किसी ऐसे पौधे का चुनाव करना चाहिये जो तेजी से नहीं
बढ़ता।
१ अक्तूबर २०१९.