सरल और सफल बागबानी
उपयोगी सुझाव
(संकलित)
१- हाथों की सुरक्षा पर
ध्यान दें
बागबानी से न केवल हाथ की त्वचा पर असर पढ़ता है बल्कि उस
पर रोगाणुओं के हमले का डर भी रहता है। नाखूनों को टूटने,
हाथ में चोट लग जाने या काँटा लग जाने से बचने के लिये बाग में काम
करते समय दस्ताने अवश्य पहनें और दस्ताने उतारने के बाद
किसी कीटनाशक साबुन से हाथ अच्छी तरह धो लें।
बाजार में बगीचे में काम करने वाले विशेष दस्ताने
उपलब्ध हैं, बागबानी के समय इन्हीं का प्रयोग करें।
२-
दूसरी खाद का समय
जनवरी में अधिकतर एशियाई देशों के बगीचे मौसमी फूलों से
भरे होते हैं। सितंबर अक्तूबर में जब इन फूलों के बीज बोए
गए थे तब मिट्टी तैयार करते समय खाद डाली गई थी।
अब जब उनकी आयु का आधा समय बीत चुका है वे बहार पर हैं
उनमें दूसरी बार खाद डालने का समय आ गया है ताकि वे अप्रैल
के अंत तक स्वस्थ और सुंदर बने रहें। खाद को मिट्टी पर
फैलाएँ और खुरपी से धीरे धीरे मिट्टी में मिला दें। इस
प्रकार साल में कम से कम दो बार पौधों में खाद डालना
आवश्यक होता है।
३- पत्तों
पर धूल न जमने दें।
पत्तियों पर जमी धूल रोमछिद्रों को बंद कर सकती है जो, वृक्ष के स्वास्थ्य के लिये अच्छा नहीं है।
जिस प्रकार हम दूषित हवा में साँस नहीं ले सकते उसी प्रकार
धूलधूसरित पत्तों को भी जीवन जीने में कष्ट होता है। इसलिये अगर
स्वस्थ और सुंदर पौधों से प्रेम है तो
पत्तियों पर धूल दिखते ही उसे फुहारे से नहला दे। सूखी
पत्तियाँ छाँट दें और पौधे को सही आकार दे दें। पौधा खिल
उठेगा। यह उपचार मौसम के अनुसार हर सप्ताह या हर पखवारे या
हर माह करते ही रहना चाहिये। घर के बाहर रहने वाले पौधों
को घर के भीतर रहने वाले पौधों से अधिक बार साफ करने की
आवश्यकता हो सकती है।
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जनवरी २०१९ |