इस सप्ताह-
समकालीन कहानियों में
भारत से
मनोरमा वफ़ा
की कहानी
गौरांगिनी
कीथ
हॉल में कत्थक नृत्य देखकर जूली बौरा गई। नृत्य में तबले व सारंगी की
लय के साथ घुँघरू की आवाज़ ने जूली के ह्रदय में ऐसा घर किया कि जूली
भीड़ चीरती हुई ग्रीनरूम में पहुँच गई व नाचनेवाली मानसी देवी के बगल
में खड़ी हो गई। उसने अपनी पर्स में रखी डायरी निकाली, दिल्ली के
नृत्य केंद्र का पता नोट कर लिया और मन में तय कर लिया कि वह शीघ्र
से शीघ्र कत्थक नृत्य सीखने भारत जाएगी और वह भी मानसी देवी के बताए
पशुपति महाराज से। जूली हारवर्ड में मास्टर्स कर रही थी। अवकाश के
समय लाइब्रेरी में जाकर भारत की नृत्य शैलियों का अध्ययन करने लगी।
पैसे बचाने के लिए केवल एक ही समय खाना शुरू कर दिया व रहने के लिए
सस्ता-सा कमरा ले लिया। हर समय चहचहानेवाली जूली रातों-रात बदल गई।
भारत में नृत्य सीखने के संकल्प ने उसे एक शांत व्यक्तित्व प्रदान
किया। दो वर्ष की कठिन तपस्या कर जूली ने सात हज़ार डॉलर जमा कर लिए।
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रामेश्वर दयाल कांबोज का व्यंग्य
अफ़सर करे न चाकरी
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रंगमंच में हृषिकेश सुलभ का आलेख
रंग अनुभवों का संरक्षण-
देवेन्द्र राज अंकुर
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डॉ. रामनारायण सिंह 'मधुर' के साथ पर्यटन
गोवा की गलियों में
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स्वाद और स्वास्थ्य में
मधुर मक्का और सदाबहार सेब
के विषय में
जानकारी की बातें |
कथा महोत्सव
- २००८
के परिणाम २३ फरवरी को घोषित किए जाएँगे |
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पिछले सप्ताह
हरिशंकर परसाईं का व्यंग्य
ठिठुरता हुआ गणतंत्र
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अनंत सिंह सुना रहे हैं
चटगाँव विद्रोह की रोमांचक
कहानी
*
ऋषभदेव शर्मा का दृष्टिकोण
मुफ़्त की आज़ादी
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साहित्य समाचार में
दिल्ली
पटना कानपुर कोलकाता और फ़ैजाबाद से नए साहित्य समाचार
* गणतंत्र दिवस के अवसर पर
भारत से
कमलेश बख्शी
की कहानी सूबेदार
बग्गा सिंह
अपनी
व्हील चेअर पर आहिस्ता- आहिस्ता हाथ चलाता वह आर्मी अस्पताल के वार्ड,
कमरों में ज़ख्मी-बीमार जवानों के पलंग के साथ-साथ हालचाल पूछता आगे
बढ़ता रहता। यह उसका अस्पताल में प्रवेश के बाद पहला काम होता। कोई
पत्र न लिख सकने की स्थिति में होता तो कह देता "चाचा, मैं ठीक हूँ,
लिख देना"। चाचा गोद में रखी डायरी उठाता, पेन उठाता पता लिख लेता।
वह यहाँ व्हील चेयर वाला चाचा ही जाना जाता है उसका कोई नाम,
रैंक, गाँव, कोई रिश्तेदार है, कोई नहीं जानता। जब से कारगिल में
घुसपैठियों से फौज की मुठभेड़ हो रही है वह बहुत चिंतित हो गया। उसके
कानों से छोटा-सा ट्रांज़िस्टर लगा ही रहता। टी.वी. पर भी देखता रहता,
बर्फ़ीले शिखर, खाइयाँ, बन्दूकें उठाए वीर जवान देख उसकी आँखों में
वैसे ही दृश्य तैर जाते कानों में धमाके समा जाते। उन शिखरों खाइयों
से उसका भी गहरा नाता है। वहाँ दुश्मन घुस आए। उसकी बाहें इस उम्र
में भी झनझना उठती हैं, उसकी आधी जाँघों में भी हरकत हो जाती है। |
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अनुभूति
में-
शिवमंगल सिंह
सुमन, नीरजा द्विवेदी, हसन सिवानी, प्रताप नारायण सिंह और अरविंद चौहान
की रचनाएँ |
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कलम गही नहिं
हाथ-
मुफ्त का सामान मुफ़्त की मुसीबतें लेकर आता है। आप चाहें न चाहें वह
आपकी ट्रॉली में रखा जाता है... आगे पढ़े
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रसोई सुझाव- हरी
मिर्च को फ्रिज में अधिक दिनों
तक
ताज़ा रखने के लिए उसके डंठल तोड़कर हवाबंद डिब्बे में रखें। |
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नौ साल पहले-
१५ दिसंबर २००० के अंक से साहित्य
संगम के अंतर्गत सत्यजित राय की बांग्ला कहानी का हिन्दी रूपांतर
सहपाठी |
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क्या आप जानते हैं?
कि रामस्वामी वेंकटरमण सबसे लंबी आयु प्राप्त करनेवाले भारतीय
राष्ट्रपति थे उनका देहांत ९८ वर्ष का आयु में हुआ। |
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शुक्रवार चौपाल-
बहुत दिनों के बाद आज मौसम सुहावना था। 'चौदह'
के रिहर्सल में सबीहा, मेनका व मूफ़ी समय पर पहुँचे।
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सप्ताह का विचार- दान-पुण्य केवल परलोक में सुख देता है पर
योग्य संतान सेवा द्वारा इहलोक और तर्पण द्वारा परलोक दोनों में
सुख देती है। -कालिदास |
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हास
परिहास |
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1
सप्ताह का
कार्टून
कीर्तीश की कूची से |
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