कहते हैं कि
सत्रहवीं शताब्दी में महिलाएँ अपने रंग को
निखारने के लिए पशु वसा में सेब के गूदे को मिला
कर बना हुआ लेप चेहरे पर लगाती थीं। आज भी 'दिन
में एक सेब रोज़ खाने से डॉक्टर दूर रहता है' इस
कहावत को हर कोई सच मानता है।
सेब में बहुत ही
ज़्यादा पौष्टिक तत्व होते हैं। खनिज और
विटामिनों से भरापूरा है यह सेब। साथ ही इसमें
रेशों की मात्रा खूब होती है और कोलेस्ट्राल
बिलकुल नहीं होते। सेब को छील कर नहीं खाना
चाहिए। जब हम सेब का छिलका निकालते हैं तो छिलके
के बिलकुल नीचे रहने वाला विटामिन सी काफी
मात्रा में नष्ट हो जाता है।
लौह, आर्सेनिक
और फॉस्फोरस से युक्त यह फल शरीर की कमज़ोरी में
बड़ा ही लाभदायक होता है। ख़ास कर इसका रस निकाल
कर पिएँ। सेब का रस पीने के लिए सही समय खाने से
आधा घण्टा पहले और सोने से पहले है।
कच्चा सेब खाने
से कब्ज और पका हुआ सेब खाने से दस्त की शिकायत
दूर हो सकती है। छोटे बच्चों को दस्त के समय पके
हुए सेब का गूदा बना कर दिन में कई बार देने से
दस्त तो कम होते ही हैं, साथ-साथ कमज़ोरी भी दूर
हो जाती है।
पके हुए सेब को
छीलकर नमक डाल कर सुबह खाली पेट खाने से सरदर्द
ठीक हो सकता है। उच्च रक्तचाप वालों को सेब
फ़ायदेमंद है। यह गुर्दे में सोडियम क्लोराइड की
मात्रा संतुलित रखता है।
सेब के छिलके
भी स्वास्थ्यवर्धक हैं। इन्हें पानी में अच्छी
तरह उबाल लें। बाद में पानी को छान लें। इस पानी
से आँख धोने से आँखों की जलन दूर होती है। सेब
में मुँह को भी साफ़ रखने वाले विशेष तत्व होते
है, जो और किसी भी फल में नहीं। इससे मुँह की
लार का स्राव अच्छा होता है जो अपने दाँतों के
स्वास्थ्य के लिए अच्छा है।
सेब को
बीमारियों से बचाने के लिए कीटनाशक छिड़के जाते
है, इसलिए सेब खाने से पहले अच्छी तरह धो लेना
आवश्यक है। |