कहानियों में
कैनेडा से अश्विन गांधी की कहानी
पिज़ा की पुकार
बहुत
साल से अशोक इस कॉलेज में प्रोफेसर है मगर अब तक थिएटर में लेक्चर देने की
बारी नहीं आई। चकित हो गया थियेटर की भव्यता देखकर। सोचने लगा, 'इतने सालों
के बाद मेहरबानी है उपरवाले की, मेरी आवाज मजबूत है। भर दूँगा इस थियेटर को
मेरी आवाज़ से! मेरे गले पर माइक्रोफोन का हार नहीं लटकेगा!'
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फ्रांस से सुचिता भट की कहानी
रास्ते
पेरिस
के ये रास्ते मुझे बुलाते नहीं सिर्फ ले जाते हैं। कुछ पतले गली कूचों से
गुजरते हैं तो कुछ लंबे चौड़े आसमान से नीचे, गर्द झाडियों के बीच मीलों
दूर दौड़ते है। सब एक जैसे साफ सुथरे और तमीज वाले।
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हास्य व्यंग्य में
सुधीर ओखदे का आलेख
मनीप्लांट
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साहित्यिक निबंध में
मार्क टली का आलेख
भारत में अंग्रेज़ी बनाम हिन्दी
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उपहार में
नयी कविता जावा आलेख के साथ
आस का दीपक
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पर्यटन में
पर्यटक के साथ बर्लिन की यात्रा
और मनोरम चित्र
बात बर्लिन की
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संस्मरण में
मजरूह सुल्तानपुरी के विषय में
जानकी प्रसाद शर्मा का आलेख
मजरूह... और कारवां बनता गया
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पर्व परिचय में
वट पूर्णिमा और वट अमावस्या के
विषय में दीपिका जोशी और
विनीता शुक्ला के आलेख
वट सावित्री व्रत
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परिक्रमा में
लंदन पाती
के अंतर्गत यू के से
शैल अग्रवाल का आलेख
मे बी
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और
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कनाडा कमान
के अंतर्गत सुमन कुमार घई का आलेख
टोरोंटो में भव्य कवि
सम्मेलन
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पिछले
अंक से-
परिक्रमा में
दिल्ली दरबार के अंतर्गत
पाकिस्तान टी वी को दिया गया
सुषमा स्वराज का साक्षात्कार
बृजेश कुमार शुक्ला द्वारा प्रस्तुत
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रसोईघर में
मिठाई और नमकीन के क्रम में प्रस्तत है
रसमलाई
और
चकली
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दो पल में
कुदरत की करामात के अंतर्गत
अश्विन गांधी के कैमरे का जादू
घर–१
घर–२
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प्रेरक प्रसंग में
सुधा की कलम से एक नया प्रसंग
बेहतर भविष्य का संकरा मुहाना
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फुलवारी में
दीपिका जोशी की कहानी
धूर्त भेड़िया
और चिड़िया से बातचीत कविता में
नन्हीं चिड़िया
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