कहानियों में
लंदन से उषा राजे की ताज़ा कहानी-
प्रवास में

मुझे याद आता है। आज से ठीक पच्चीस साल पहले शशांक मुझे चेलसी आर्ट कॉलेज के सामने बस स्टैन्ड पर मिला था। बीस बाइस वर्ष का हसमुख हाजिरजवाब चुस्त दुरूस्त सुदर्शन शशांक आत्म विश्वास से दीप्त मन में उत्साह और कुछ करने की उमंग लिए कुछ ही दिनों पहले लंदन आया था।

 साहित्य समाचार में 
लंदन और दिल्ली
से नये पुरस्कार समाचार

साहित्य संगम में तेलुगू कथाकार
वी चंद्रशेखर राव की कहानी का हिन्दी रूपांतर '
गोर्की का पात्र' रूपांतरकार हैं श्री पी वी नरसा रेड्डी।

अचानक वार्ड के बाहर के शोरगुल से मेरा ध्यान ब गया। स्टाफ नर्स जोर जोर से चिल्लाते हुए आई। 'डाक्टर साब सर्वनाश हो गया। ताड़िकोण्डा से एक मरीज आई है। लगता है उसके पेट में बच्चा पल्टी खा गया है। तुरंत आपरेशन करना है। डाक्टर वसुंधरा जी न ड्यूटी रूप में हैं न घर पर। अस्पताल में कहीं भी उनका अता पता नहीं हैं।

 

दो पल में
में अश्विन गांधी की रचना
'ठंडे से गरम गरम से ठंडा'

"आप कौन" मैंने पूछा। दरवाजे पर एक आदमी एक हाथ में काली गोल भारी सी चीज़ और दूसरे हाथ में औजार का बैग लिये खड़ा था।
"मैं राकेश हूँ। व्हर्लपूल कंपनी से आया हूँ आपका रेफ्रीजरेटर रिपेयर करने के लिये।"
"आइये आइये . . . . आप का ही इंतजार था " मैंने खुशी से दरवाजा खोल दिया।

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साहित्यिक निबंध में
दिविक रमेश की रचना
मिथक : अभिव्यक्ति का एक सशक्त माध्यम

सीता के मन में यह प्रश्न सहज उठता है जिसे वह राम के समक्ष रखती है। सीता जानना चाहती हैं कि युद्ध के बाद यदि सीता को स्वीकार ही नहीं करना था तो उसे लिए वह कष्टदायी युद्ध ही क्यों किया गया बातचीत या तर्क वितर्क में राम का एक ऐसा कथन भी था जिसने उस समय की सीता को भी अवश्य हिला दिया होगा।

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हास्य व्यंग्य में विजय अग्रवाल का ज़बरदस्त तीखा व्यंग्य
आधुनिक समीक्षा

घटना कुछ घटी कि किसी साहित्य सेवी ने निदेशक रेवती रमण जी का एक काव्य संग्रह प्रकाशित कराया 'आसुओं के अंगारे'। इस संग्रह के प्रकाशित होते ही मंत्रालय में धमाका तथा साहित्य जगत में आश्चर्य व्याप्त हो गया। वे कविताए भी लिख सकते हैं इसका अनुमान तो किसी ने सपने में भी नहीं लगाया था।

 

कविताओं की पत्रिका
अनुभूति में

'पथ की पहचान' के साथ-साथ
नरेश सक्सेना
तथा दिविक रमेश
की नयी रचनाएँ
 


पिछले अंक से-

गौरव ग्रंथ में
भगवती चरण वर्मा की कहानी
आवारे
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घर परिवार के अंतर्गत
मंद सुगंध में सुगंध के विषय में कुछ मनोरंजक व ज्ञानप्रद सामग्री
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रसोईघर में
अंगूरी कस्टर्ड सलाद
 स्वाद और स्वास्थ्य में
अंगूर के गुणों से संबंधित जानकारी
आरोग्य के लिये अंगूर में
.
पर्व परिचय में
जुलाई माह के पर्व
जुलाई के महीने में मे मनाए जाने वाले पर्वो की रोचक जानकारी
.
फुलवारी में
दिनेश चैमोला शैलेष की कहानी
सोनिया का संकोच
तथा
पूर्णिमा वर्मन की कविता
सूरज
.
कलादीर्घा में
यमुनाघाट लोक कलाकृतियों
के बारे में ज्ञानवर्धक जानकारी
.
प्रेरक प्रसंग में महामना पंडित मदन मोहन मालवीय के जीवन से संबंधित एक
रोचक प्रसंग स्वाभिमान

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संस्मरण में
कैलाश गौतम की कलम से डा जगदीश गुप्त की यादगार कविता
कवि वही जो अकथनीय कहे

प्रकाशन : प्रवीण सक्सेना -|- परियोजना निदेशन : अश्विन गांधी
संपादन, कलाशिल्प एवं परिवर्धन : पूर्णिमा वर्मन
 
सहयोग : दीपिका जोशी
तकनीकी सहयोग  प्रबुद्ध कालिया

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