| 
                      गोर्की की कहानी का अनुवाद 
                      कराकर दोगे न? वैसे तो आज रात कोई केस भी नहीं आनेवाला है। 
                      हमारे स्त्री-शक्ति संगठन की ओर से एक स्मारिका का विमोचन 
                      कराना चाहती हूँ। यह कहानी उसमें ज़रूर होनी चाहिए। प्लीज! 
                      ना मत कहना। दो कप चाय, तुम्हारे एकांत को भंग न करने का 
                      वादा करती हूँ, आफकोर्स, कृतज्ञतापूर्वक स्मारिका की एक 
                      प्रति पारिश्रमिक के तौर पर दे दूँगी। 
                       उस रात को प्रसूति वार्ड 
                      में मैं एक हाउस सर्जन की हैसियत से ड्यूटी पर था। सरला ने 
                      गोर्की का कहानी-संग्रह, नोट बुक और कलम टेबिल पर इस तरह पटक 
                      दिए कि मानो सविनय आदेश दे रही हो। सरला मेरे साथ हाउस सर्जन 
                      कर रही थी। तब तक 'दास कापिटल' के मुख्य अंशों पर 
                      नर्स-छात्रों को दो घंटे भाषण देकर आई। अब वह मेरे साथ 
                      मुठभेड़ करने लगी।  सरला को देखता हूँ तो मुझे 
                      अचरज हो जाता है। बीस बरस भी अभी पार नहीं किए, पता नहीं उसे 
                      इतनी परिपक्वता कैसे आई? आम तौर पर इस उम्र की लड़कियाँ मधुर 
                      कल्पनाओं में भटकती हुई एक असहज और मायूस माहौल में जीती 
                      हैं। लेकिन सरला ने इतनी छोटी उम्र में कालेज की छात्राओं को 
                      इकठ्ठा कर 'स्त्री-संगठन' का आयोजन किया।  |