अभिव्यक्ति
में डॉ. श्रीराम परिहार की
रचनाएँ
ललित निबंध
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डॉ. श्रीराम
परिहार
जन्म :
१६ जनवरी १९५२
शिक्षा :
एम.ए.हिन्दी एवं पी-एच.डी. 'हिन्दी उपन्यास:दाम्पत्य जीवन
का स्वरूप' विषय पर।
प्रकाशित कृतियाँ:
अब तक कुल ११ ग्रंथ प्रकाशित एवं लगभग ५० से अधिक शोध
आलेखों का प्रकाशन।अनेक विशेषांकों एवं राष्ट्रीय स्तर की
पर्त्रपत्रिकाओं में ललित निबन्धों, नवगीतों, शोध आलेखों
एवं समीक्षाओं का प्रकाशन।
ललित निबन्ध संग्रह : आँच अलाव की, अँधेरे में उम्मीद, धूप
का अवसाद, बजे तो वंशी गूँजे तो शंख, ठिठके पल पाँखुरी पर,
रसवंती बोलो तो, झरते फूल हरसिंगार के, हंसा कहो पुरातन
बात
नवगीत संग्रह :चौकस रहना है
समीक्षा : रचनात्मक और उत्तर परम्परा
लोक साहित्य : कहे जन सिंगा
संपादन : ललित निबन्ध एवं नवगीत केन्द्रित पत्रिका अक्षत
का १९९३ से संपादन एवं प्रकाशन।
पुरस्कार-
भारत की अनेक साहित्यिक सांस्कृति शैक्षित सरकारी व
गैरसरकारी संस्थाओं द्वारा पुरस्कृत तथा सम्मानित।
संप्रति : मध्यप्रदेश शासन की उच्च शिक्षा महाविद्यालयीन
सेवा में सन् १९७७ से कार्यरत। श्री नीलकण्ठेश्वर शासकीय
स्नातकोत्तर महाविद्यालय, खण्डवा के हिन्दी विभाग में
अध्यक्ष एवं प्राध्यापक।
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