वे पुराने धारावाहिक
जिन्हें लोग आज तक
नहीं भूले
९- फौजी
१८ जनवरी १९८९ से डीडी नेशनल पर प्रसारित, न्यू फिल्म
एडिक्ट्स द्वारा निर्मित फौजी शाहरुख खान का पहला टीवी
धारावाहिक माना जाता है हालाँकि इसके पहले वे वागले की
दुनिया में एक अतिथि भूमिका एवं दिल दरिया' नाम के
धारावाहिक में एक विशेष भूमिका निभा चुके थे। टीवी पर
प्रदर्शित होते ही फौजी भारतीय दर्शकों की प्रशंसा बटोरने
में सफल रहा था। इसके साथ ही शाहरूख खान फिल्मी करियर की
शुरुआत से पहले ही भारतीय दर्शकों के मन में अभिमन्यु राय
के रूप में अपना स्थान बना चुके थे। राजकुमार कपूर द्वारा
निर्देशित इस धारावाहिक के २५ मिनट लंबे १३ एपिसोड बनाए गए
थे।
फौजी की कहानी एक ऐसे युवा पर केंद्रित थी जिसे अपनी
जिम्मेदारियों का एहसास नहीं होता है और बाद में यही युवा
सेना का एक जिम्मेदार अफसर बनता है। भारतीय सेना के पैरा
एसएफ प्रशिक्षण लेने वाले रंगरूटों के एक समूह के साथ नायक
भी भारतीय सेना में कमांडो बनने के लिए अपना प्रशिक्षण
शुरू करता है। शारीरिक प्रशिक्षण सहित रंगरूटों के दैनिक
संघर्षों शरारतों और उन्हें अपने अधिकारियों से मिलने वाली
सजा को इस धारावाहिक में बहुत ही सफलता के साथ रोचक तरीके
से चित्रित किया गया था। 'फौजी' के पहले छह अंको में
शाहरुख यानी अभिमन्यु राय की कमांडो बनने की ट्रेनिंग और
वहीं पर रहने वाली डॉक्टर मधु से अपने प्यार को कबूल करने
की कोशिशों को दिखाया गया था। आगे की शृंखलाओं में इन
युवाओं को जिम्मेदार अफसरों के रूप में परिवर्तित होते
देखने की कहानी रोमांच पैदा करती थी।
सेना में दी जाने वाली मुश्किल ट्रेनिंग पर आधारित इस
धारावाहिक में उनके ख्याल, भावनाओं, परिवार और प्यार के
विषय में एक अलग दृष्टिकोण पेश किया गया था। फौजियों के
कठिन जीवन को प्रदर्शित करता हुआ यह धारावाहिक दर्शकों को
सैनिकों की दिनचर्या से जुडे अनछुए पहलुओं को दिखाने में
सफल रहा था। जिसके कारण यह सदा के लिये दर्शकों के मन में
अपनी छाप छोड़ गया। इसमें शाहरुख द्वारा निभाई गई अभिमन्यु
राय की भूमिका बहुत कुछ मुंबई के लेफ्टिनेंट कर्नल संजय
बैनर्जी पर आधारित थी। मेजर विक्रम राय की भूमिका में
राकेश शर्मा थे जब कि किरन कोचप की भूमिका अमीना शेरवानी
ने निभाई थी। विश्वजीत प्रधान ने भी इसी सीरियल से डेब्यू
किया था।
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