वे पुराने धारावाहिक
जिन्हें लोग आज तक
नहीं भूले
३- ये जो
है जिंदगी
१ जनवरी १९८४ से प्रारंभ हुआ
''ये जो है जिंदगी'' भारतीय टीवी चैनल का पहला हास्य
धारावाहिक था। इसे उस समय के अत्यंत चर्चिtत
व्यंग्य लेखक शरद जोशी द्वारा लिखा गया था और कुंदन शाह,
एसएस ओबेराय तथा रमन कुमार ने इसका निर्देशन किया था। इस
धारावाहिक में संवादों और परिस्थितियों के द्वारा हास्य
पैदा किया गया था। इस विधा को सिचुएशन कॉमेडी या संक्षेप
में सिटकॉम कहते हैं। इसका हर एपिसोड २० से २५ मिनट लंबा
था और यह हर शुक्रवार रात के ९ बजे प्रसारित किया जाता था।
हर अंक की कहानी रंजीत वर्मा (शफी ईनामदार) उनकी पत्नी
रेणु वर्मा (स्वरूप सम्पत) के दैनिक जीवन, वैवाहिक
परिस्थितियों और उनके साथ रहने वाले रेणु के कुंवारे भाई
राजा (राकेश बेदी) के इर्दगिर्द बुनी गई थी। धारावाहिक में
इन पात्रों के अतिरिक्त चाची की बेटी रश्मि, रंजीत का बॉस
टीकू तलसानिया, उनके बंगाली पड़ोसी (विजय कश्यप और सुलभा
आर्य) की खास उपस्थिति थी। धारावाहिक में एक और विशेष बात
यह थी कि हर अंक में सतीश शाह अलग पात्र की भूमिका में
होते थे। इस धारावाहिक ने सतीश शाह को कॉमेडी का बादशाह
बना दिया था। बाद के अंको में इस प्रकार की भूमिका अंजन
श्रीवास्तव ने निभाई थी। यह भारतीय टीवी के सबसे लोकप्रिय
धारावाहिकों में से एक था और बहुत से लोग अभी तक इसे याद
करते हैं। स्वरूप संपत वे पहली मिस इंडिया थीं जिन्होंने
किसी टीवी सीरियल में अभिनय किया था।
ये जो है ज़िंदगी की सफलता और लोकप्रियता के कारण इसका एक
सीक्वेल भी बनाया गया था जिसकी कहानी इस प्रकार थी कि
रंजीत और रेणु विदेश में बस चुके हैं और राजा, रंजीत की
आंटी (फरीदा जलाल) और एक नौकर (जावेद खान) के साथ रहता है।
इस सीक्वेल की कहानी राजा के निवेदिता के साथ प्रेम में
पड़ने और इस चक्कर में की जानी वाली गतिविधियों के आसपास
केंद्रित थी। हालाँकि इसको पहले की भाँति लोकप्रियता
प्राप्त नहीं हो सकी थी।
१
मार्च २०२२ |