वे पुराने धारावाहिक
जिन्हें लोग आज तक
नहीं भूले
५- रामायण
'रामायण' भारतीय टेलीविजन के इतिहास के
सबसे लोकप्रिय धारावाहिकों में से एक है। २५ जनवरी १९८७ को
दूरदर्शन पर पहली बार इसका प्रसारण हुआ था। ७८ अंकों वाले
इस धारावाहिक का अंतिम अंक ३१ जुलाई १९८८ को दिखाया गया
था। सुभाष सहगल द्वारा संपादित इस धारावाहिक का निर्माण,
लेखन और निर्देशन रामानंद सागर ने किया था।
अरुण गोविल, दीपिका चिखालिया, सुनील लहरी, संजय जोग,
अरविन्द त्रिवेदी, दारा सिंह, विजय अरोड़ा, समीर राजदा,
मूलराज राजदा और ललिता पवार जैसे छोटे और बड़े पर्दे के
कुछ लोकप्रिय अभिनेताओं ने इसमें काम किया था। बीच-बीच में
कहानी को आगे बढ़ाने के लिये जोड़े गए कथा-कहन में अभिनेता
अशोक कुमार और स्वयं रामानंद सागर ने अपनी आवाज दी थी। यह धरावाहिक मुख्य रूप से वाल्मीकि के
रामायण, और तुलसीदास के रामचरितमानस पर आधारित था। किंतु
इसमें अनेक प्रसंग तमिल कम्ब रामायण, मराठी भावरथ रामायण,
बंगाली कृतिवास रामायण, तेलुगु श्री रंगनाथ रामायण, कन्नड़
रामचंद्र चरित पुराणम, मलयालम अध्यात्म रामायण, चकबस्त की
उर्दू रामायण से लिये गए थे।
३५ मिनट लंबा यह धारावाहिक जब टीवी पर आता था तो
गाँव-शहरों में कर्फ्यू जैसा माहौल हो जाता था। शहरों में
लोग इसके प्रसारण के समय घर से बाहर नहीं निकलते थे और
ग्रामों में बड़ी संख्या में लोग एक टीवी के सामने इसे
देखने के लिए एकत्रित होते थे। उस समय की लोकप्रिय पत्रिका
इंडिया टुडे ने इसे रामायण फीवर का नाम दिया था। लिम्का
बुक ऑफ़ रिकॉर्ड्स में जून २००३ तक यह "विश्व के सर्वाधिक
देखे जाने वाले पौराणिक धारावाहिक" के रूप में सूचीबद्ध
था। इस शृंखला को २०२० में कोरोनावायरस लॉकडाउन के दौरान
जब फिर से प्रसारित किया गया तब विश्व स्तर पर इसके
दर्शकों की संख्या का एक नया कीर्तिमान बना, जिसमें १६
अप्रैल २०२० को ७.७ करोड़ दर्शकों के साथ दुनिया में सबसे
अधिक देखे जाने वाले टीवी शो का कीर्तिमान स्थापित किया।
१
मई २०२२ |