अस्वास्थ्यकर भोजन
जिनकी
आदत डालना
स्वास्थ्य के लिये हानिकारक है
(संकलित)
९-
च्युइंग गम
हानिकारक तत्व: ब्यूटाइलेटेड हाइड्रॉक्सीनसोल (बीएचए) और
ई-१७१ (टाइटेनियम डाइऑक्साइड नैनोपार्टिकल्स)
यद्यपि च्युंइंग गम निगला नहीं जाता तो भी, यह शरीर को
नुक्सान पहुँचा सकता है, क्योंकि आपके मुँह में बीएचए
छोड़ा जा रहा है। बीएचए आमतौर पर च्युइंग गम, मक्खन, अनाज,
स्नैक फूड और बीयर में पाया जाता है। इसके उच्च मात्रा में
सेवन से न केवल बीएचए को रक्त के थक्के को ख़राब करने के
लिए, बल्कि ट्यूमर के विकास को बढ़ावा देने के लिये भी
उत्तरदायी माना गया है। इसी कारण इसे यूके, जापान और कई
अन्य यूरोपीय देशों में भोजन से प्रतिबंधित कर दिया गया।
ऑस्ट्रेलिया की सिडनी यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं के
अनुसार, ई-१७१ (टाइटेनियम डाइऑक्साइड नैनोपार्टिकल्स) नामक
फूड एडिटिव के सेहत पर पड़ने वाले प्रभाव पर गौर किया गया।
खाद्य पदार्थो और कुछ दवाओं में ह्वाइटनिंग एजेंट के तौर
पर इस फूड एडिटिव का उच्च मात्र में उपयोग किया जाता है।
च्युइंग गम और म्योनीज
समेत ९०० से ज्यादा खाद्य पदार्थो में ई-१७१ पाया गया है।
च्युइंग गम खाने का शरीर के कई अंगों पर बुरा प्रभाव होता
है। च्युइंग बनाने में प्रयोग किये जाने वाले मेथोल और
सोरिबटॉल जैसे आर्टिफिशियल स्वीटनर्स से आंतों में जलन और
डायरिया हो सकता है और शरीर का तरल पदार्थ निकलने से
डीहाइड्राइडेशन का खतरा हो सकता है। एक शोध में यह पता चला
है कि मिंट वाली च्युइंग गम चबाने से आप फल और सब्जियों
जैसे हेल्दी फूड से दूर रहते हैं। सिर्फ यही नहीं बल्कि
यह आप में जंक फूड खाने की आदत को बढ़ावा देती है। इसको
खाने से मुंह की माँसपेशियों का ज्यादा इस्तेमाल होता
है जिससे जबड़े और खोपड़ी को जोड़ने वाली मांसपेशियों में तेज
दर्द हो सकता है या जबड़े का आकार सामान्य से बड़ा हो सकता
है।
लगातार च्युइंग चबाने से पेट में गैस पैदा होती है। जिससे
सूजन और दर्द अपच और सीने में जलन हो सकती है। च्युइंग गम
में प्रिजरवेटिव और कृत्रिम शुगर होती है, जो एलर्जी और
सिरदर्द पैदा कर सकती है। इससे दाँत भी खराब हो सकते हैं।
भले ही कभी-कभी च्युइंग गम चाबाना मसूड़ों और दाँतों के
लिए ठीक है। फिर भी इसका ज्यादा इस्तेमाल दांतों को
नुकसान पहुँचा सकता है। इसका कारण यह है कि च्युइंग गम
में उपस्थित चीनी दाँतों में बैक्टरीरिया को बढ़ावा देती
है।
इसके स्थान पर यह खाएँ: अगर
आपको चबाने की आदत है, तो
खरबूजे, तरबूज या सूरजमुखी के बीज आजमाएँ। वे न केवल
स्वादिष्ट हैं, बल्कि वे विटामिन ई का एक उत्कृष्ट स्रोत
भी हैं, जो शरीर के प्राथमिक वसा-घुलनशील एंटीऑक्सीडेंट
हैं।
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