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 १६ अक्टूबर २००१

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साहित्य संगम में
डा सच्चिदानंद राउतराय की उड़िया कहानी का हिन्दी रूपांतर
जंगल

इस जंगल का कोई खास नाम नहीं। पूरा इलाका ही करमल कहलाता है। फिर भी स्थानीय लोग पास वाले हिस्से को बेरेणा लता कहते हैं। नटवर फॉरिस्ट गॉर्ड बनकर इधर आया है। दो वर्ष में ही यहा अच्छी तरह आसन जमाकर बैठ गया है। जंगल के ठेकेदार के साथ उसकी सुलह है। कुचला का ठेका लिया है  लेकिन बड़े बड़े साल पी साल काटकर ट्रक में भर ले जाते हैं। 

 साहित्य समाचार

कहानियों में
शरद आलोक की कहानी
मदरसों के पीछे

नगर से दूर धार्मिक मदरसे में श़ाहनाज़ पढ़ाती है। वह इसी मदरसे में रहती है। वह सुबह दूर पीने का पानी भरने जाती है, रास्ते के टीले पर बने घर के पास आशा भरी दृष्टि से देखती है। उसका मंगेतर दोसाबीन यहीं रहता था। परन्तु बहुत दिन  से वह दिखाई नहीं दिया। श़ाहनाज़ वहा  खड़ी हऋर सऋाने लगी वह अतीत के पृष्ठ  क पलटकर पढ़ने लगी। वह श़ाहनाज़ क बुलबुल कहकर सम्बधत करता था।

उपहार में
नयी कविता जावा आलेख के साथ
विजयदशमी की शुभकामनाएं



 
साहित्यिक निबंध में
डा विद्यानिवास मिश्र का विचारपूर्ण
आलेख
राम का अयन वन

 

हास्य व्यंग्य में 
शरद जोशी का व्यंग्य
एक भूतपूर्व मंत्री से मुलाकात

 

पर्यटन में 
आकर्षक द्वीप माल्टा का यात्रा विवरण
मनमोहक माल्टा

 

रसोई घर में
सतरे के स्वादिष्ट व्यंजनों की पस्तुति
के तीन अनोखे अंदाज़
सरस संतरा  खीर संतरी और
सलाद सारंग
 

स्वाद और स्वस्थ्य में 
संतरे से संबंधित रोचक जानकारी 
स्वास्थ्यवर्धक संतरा
 

दो पल में 
'हमारी अभिव्यक्ति' श्रृंखला का में
अलग अलग चेहरे
अश्विन गांधी की कलम से

अनुभूति में
दिविक रमेश और उत्सव श्रीवास्तव की नयी रचनाएं 

पिछले अंक से-
गौरव ग्रंथ में यशपाल की कहानी
चित्र का शीर्षक

कहानियों  में
संतोष गोयल की कहानी
बकरीदी

संस्मरण में
मास्को विश्वविद्यालय में हिन्दी के
विद्वान डॉ आइ पी चेलीशेव द्वारा
लाल कमल तुझे नमस्कार है
 

पर्व परिचय में
अक्तूबर के पर्वो की जानकारी अक्तूबर माह के पर्व


 प्रेरक प्रसंग में
मानस त्रिपाठी की कलम से
स्वर्ग नर्क
 

फुलवारी में 
दशहरे के अवसर पर  कहानी
'दशहरे का मेला'
तथा
कविता : सर्दी का सूरज
 

कलादीर्घा में
लोककलाओं के अंतर्गत
राजस्थान की लोक कला फड़


घर परिवार में
मोती से संबंधित तथ्य और सुझाव सीप सौंदर्य में

प्रकाशन : प्रवीन सक्सेना  परियोजना निदेशन : अश्विन गांधी
संपादन  कलाशिल्प एवं परिवर्धन : पूर्णिमा वर्मन    सहयोग : दीपिका जोशी
तकनीकी सहयोग   प्रबुद्ध कालिया

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