अक्तूबर
माह के पर्व
दशहरा (सम्पूर्ण भारत)
सारे भारत में रावण पर राम की विजय के उपलक्ष्य में मनाया जाने
वाला यह पर्व आतंक पर न्याय की विजय का प्रतीक है। दशहरे की
संध्या से पहले नौ दिनों तक, जिसे नवरात्रि कहते हैं, रामलीला
का आयोजन किया जाता है। दसवे दिन रावण के साथ उसके भाई मेघनाथ
और बेटे कुंभकर्ण की वृहदाकार प्रतिमाएँ जलाई जाती हैं। मेला
लगता है मिठाइयाँ खायी जाती हैं और शोभा यात्राएँ निकली जाती
हैं।
सम्पूर्ण
भारत में प्रचलित इस पर्व को मनाए जाने की अलग अलग प्रदेशों
में अलग अलग प्रथाएँ हैं। पश्चिम बंगाल में दशहरे को दुर्गा
पूजा के नाम से मनाते हैं। दुर्गा देवी की पूजा के मंडप बड़ी
खूबसूरती से सजाए जाते हैं। लोग इकठ्ठे हो कर इस त्योहार का
मज़ा उठाते हैं। रात में पूजा और प्रसाद के बाद सांस्कृतिक
कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है और देर रात तक यह कार्यक्रम
चार दिनों तक चलते रहते है। दक्षिण भारत में घरों को मिट्टीके
खिलौने और भगवान की प्रतिमाओं से सजाया जाता है। मित्र और
संबंधी एक दूसरे के घर जाते और शुभकामनाओं का आदान प्रदान होता
है।
गुजरात में
नवरात्रि के अवसर पर डांडिया रास और गरबा नृत्य की धूम होती
है। हिमाचल प्रदेश की कुल्लू घाटी
में दशहरे का अलग रंग देखने को मिलता है। एक सप्ताह तक कुल्लू
के पहाड़ी नगर में मेले का आयोजन होता है। अधिशासी देवता
रघुनाथ जी के सम्मान में गाँव के सारे छोटे मंदिरों से देवताओं
को धूमधाम से जलूस निकाल कर 'मैदान' लाया जाता है। महलों के
नगर मैसूर में दस दिन तक दशहरा अत्यंत राजसी ढंग से मनाया जाता
है। मैसूर पैलेस पर जगमगाते हुए असंख्य दीपों का सौंदर्य देखते
ही बनता है। मशाल जलूस और संगीत के सांस्कृतिक कार्यक्रम इस
उत्साह के वातावरण में चार चाँद लगा देते हैं।
मारवाड़ उत्सव
(मारवाड़ राजस्थान)
राजस्थान के मारवाड़ प्रदेश में मांड लोकगीतों को गाए जाने की
परंपरा है। ये लोक गीतों का एक परिष्कृत शास्त्रीय अंग है
जिसमें राजस्थानी शासकों की प्रेम कथाओं का वर्णन मिलता हैं।
शरद पूर्णिमा की रात्रि में इन गीतों के साथ नृत्य करते हुए
लोकनर्तक प्राचीन कथाओं को अपनी कला से जीवंत कर देते हैं।
गांधी जयंती (सम्पूर्ण भारत)
२अक्तूबर को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का जन्मदिन मनाया जाता
है। एक महीने पहले से भारत भर में फैले गांधी ग्रामोद्योग के
प्रतिष्ठानों में, हाथ के बने सूती रेशमी व ऊनी वस्त्रों तथा
हस्त निर्मित वस्तुओं के मूल्यों में भारी छूट दी जाती है
जिसका लोग साल भर इंतज़ार करते हैं।
भारत के प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति अपने बाकी राजनैतिक
सदस्यों के साथ राजघाट जाकर गांधीजी को श्रंद्धांजली अर्पित
करते हैं। इस दिन सारे देश में कार्यालय और स्कूल बंद होते
हैं।
राजगीर महोत्सव (राजगीर बिहार)
संगीत के रंगारंग आयोजन वाला यह पर्व मगध राजाओं की प्राचीन
राजधानी राजगीर में मनाया जाता है। यह नगर गौतम बुद्ध की की
साधना और प्रचार के लिए भी प्रसिद्ध है।
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