संतरा सेहत के लिए
अच्छा है यह बात जगमान्य है। कहते है, संतरा सेहत
देने के साथ साथ शरीर की सफ़ाई भी करता है। इस सफ़ाई
में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं संतरे के रेशे।
संतरे के रस में इन रेशो की कमी होती है इसलिए संतरे
को उसके रस से अधिक महत्व देना चाहिए।
संतरे में विटामिन
ए, बी, सी और कैलशियम काफी मात्रा में पाए जाते है।
विटामिन सी के लिए तो संतरे का कोई पर्याय नही है।
इसका विटामिन सी मांसपेशियों के लिये भोजन में से
कैलाशियम अवशोषित करने में मदद करता है। सूर्यकिरणों
के द्वारा संतरे का स्टार्च शक्कर में परिवर्तित हो
जाता है। यह शक्कर मानव रक्त में अपेक्षाकृत शीघ्रता
से समाहित होती है। इसी कारण संतरा खाने के बाद एकदम
चुस्ती महसूस होती है।
नियमित रूप से
संतरे को आहार में शामिल करने से सर्दी, खांसी या
रक्तस्त्राव की शिकायत नहीं रहती। शरीर सशक्त और
दीर्घायु बनता हैं। रात को सोते समय और फिर से सुबह
संतरा खाने से हाजमा ठीक रहता है।
संतरे के छिलके भी
गुणकारी है। फुन्सी, छालों और मुहासों पर संतरे का
ताज़ा छिलका पीस कर लगाने से संक्रमण का भय नहीं
रहता। साथ ही यह चेहरे के दाग धब्बों को भी दूर करता
है। संतरे का छिलका सुखा कर और उसका चूर्ण बना कर
अनेक दवाओं में प्रयोग किया जाता है। शहद के साथ
संतरे का रस दिल की बीमरी में फ़ायदेमंद होता है। यह
एक अच्छा सेहतमंद पेय है। बच्चों को दिन में ६० से
१२० मिली लीटर रस रोज़ देना चाहिए जबकि एक वयस्क के
लिए इसकी मात्रा २०० मिली लीटर मानी गई है। संतरे का
रंग बहुत ही सुंदर होता है लेकिन आज कल तरह-तरह की
कीटाणुनाशक दवाओं से खबरदार रहना ज़रूरी है।
संतरा अपने
स्वास्थ्यवर्धक गुणों के कारण आज पूरी दुनिया में
लोकप्रिय है किन्तु पन्द्रहवीं शताब्दी से पहले
यूरोप के देशों को संतरे की जानकारी नहीं थी। कुछ
लोगों का विश्वास है कि कोलंबस ने अपनी यात्राओं के
दौरान इसकी खोज की और यूरोप को इससे परिचित कराया।
उस समय इसका सेवन दुर्लभ फल के रूप में केवल धनी
परिवारों तक सीमित था। १६वीं शताब्दी में जब स्पेन
के नाविकों ने अमरीका की नियमित यात्राएँ शुरू कीं
तो यह फल यूरोप से अमरीका पहुँच गया।
आजकल लगभग संपूर्ण
विश्व में संतरे की खेती होती है। पैदावार की दृष्टि
से ब्राज़ील, अमेरिका, मेक्सिको, स्पेन, इटली, चीन,
मिस्र, टर्की, मोरोक्को और ग्रीस देश सबसे अधिक
संतरों का उत्पादन करते हैं। फ्लोरिडा में ८४०००
एकड़ से भी ज़्यादा ज़मीन पर संतरे की खेती की जाती
है। करीब १२५ मिलीयन डॉलर कीमत के ३४ मिलीयन बक्सों
में संतरे भर कर दुनियाभर में भेजे जाते हैं। भारत
में नागपुर और उसके आसपास के स्थान संतरे की अच्छी
और अधिक पैदावार के लिए प्रसिद्ध हैं। नागपुर में
संतरों की एक बड़ी मंडी भी है और इस नगर को नारंगी
नगर या आरेंज सिटी के नाम से भी जाना जाता है।
केवल संतरा ही
नहीं, संतरे का रस निकालने पर बचनेवाला गूदा और
छिलके भी बड़े काम की चीज़ होते हैं। बचे हुए बीज और
छिलके केक, कैन्डी, शीतपेय आदि में इस्तेमाल होते
हैं। इसको हर प्रकार के खाद्य पदार्थो में रंग और
सुगंध के रूप में प्रयोग किया जाता है। भोजन के
अतिरिक्त रूम फ्रेशनर, सौन्दर्य प्रसाधन और हर
प्रकार के साबुनों मे भी संतरे की सुगंध का प्रयोग
होता है। |