गौरव ग्रंथ में
यशपाल की कहानी
चित्र का शीर्षक
वह मुठ्ठी पर ठोड़ी टिकाये बरामदे में बैठा था। उसकी दृष्टि दूर दूर तक
फैली हरी घाटियों पर तैर रही थी। घाटियों के उतारों चढ़ावों पर सुनहरी
धूप खेल रही थी। गहराइयों में चाऋी की रेखा जैसी नदिया कुण्डलिया खोल
रही थीं। दूध के फेन जैसी चोटिया खड़ी थीं। कोई लक्ष्य न पाकर उसकी
दृष्टि अस्पष्ट विस्तार पर तैर रही थी।
संस्मरण में
23 सितंबर रामधारी सिंह दिनकर
के जन्मदिवस के अवसर पर एक विशेष लेख
'लाल कमल तुझे नमस्कार है'
लेखक हैं मास्को विश्वविद्यालय में हिन्दी के विद्वान डॉ आइ पी चेलीशेव।
कहानियों में
संतोष गोयल की कहानी
बकरीदी
"लड़का डागदरी करै हैं।
और इत्ती गँवार अनपढ़ छोरी। कैस्से तो निभैगी
दोन्नों में . . . "बुआ को बोलते सुनकर
हमेशा गाँव के फिल्मों का विज्ञापन करने वाले भोंपू याद आते थे
पर उस दिन तो भोंपू की आवाज़ सुन ही न पड़ रही थी। बुआ पैरवी
करती रहीं थीं दादी ने तो कुछ बोलना अपना मत देना दादा की
मौत के पाश्चात ही छोड़ दिया था।
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पर्व परिचय में
भारत में अक्तूबर के महीने में मनाए जाने वाले पर्वो के विषय में रोचक
जानकारी
अक्तूबर माह के पर्व में
प्रेरक प्रसंग में
विनम्रता की शिक्षा देने वाला
रोचक प्रसंग
स्वर्ग नर्क
मानस त्रिपाठी की कलम से
फुलवारी में
दशहरे के अवसर पर बच्चों के लिय विशेष कहानी
'दशहरे का मेला'
तथा
कविता : सर्दी का सूरज
कलादीर्घा में
लोककलाओं के अंतर्गत
राजस्थान की लोककला
' फड़' के बारे में रोचक जानकारी
ये
चित्र केवल कलाकृति नहीं है बल्कि कला संगीत और साहित्य की एक
सम्पूर्ण संस्कृति हैं जिसे वे फड़ पर चित्रित करते और
गीतों में बांचते हैं। चित्र और गीत दोनों को ही फड़ कहा जाता है।
भारतीय संस्कृति की इस ऐतिहासिक धरोहर को वर्षों से
उन्होंने
अपनी परंपरा में संभाल कर रखा और विकसित किया है।
घर परिवार में
मोती की विशेषताओं
उससे संबंधित ऐतिहासिक तथ्यों और खरीदारी के महत्वपूर्ण
सुझावों से भरपूर लेख
सीप सौंदर्य |
अनुभूति में
गौरवग्रंथ के अन्तर्गत हरिवंशराय बच्चन कृत 'मधुशाला'
साथ में कैलाश गौतम नरेश सक्सेना नरेशकुमार शांडिल्य
दिनकर आस्था और उषा राजे की नयी रचनाएं |
पिछले
अंक से-
कहानियों में नार्वे से शरद
आलोक की कहानी
दुनिया छोटी है
साहित्य संगम में
कन्नड़
लेखक यू आर अनंतमूर्ति की कहानी का
हिन्दी रूपांतर
कामरूपी आर
नारायण द्वारा
हास्य व्यंग्य में
शरद जोशी की गुदगुदी रचना
यह बंगला फिल्म
दो पल में
अश्विन गांधी की कलम से
भीतर का अंधेरा
स्वाद और स्वास्थ्य में
लीची के भोजन और स्वास्थ्य से
संबंधित गुणों की चर्चा
लाभदायक लीची
रसोईघर में
लीची के तीन सुस्वादु व्यंजन
लीची मलाई केसर लीची की खीर और लीची लज्जतदार
प्रकृति पर्यटन में
सुचिता भट द्वारा
फ्राँसःसपनों
के भीतर का सच
साहित्यिक निबंध में
१३ सितंबर
हिन्दी दिवस
के अवसर पर डॉ वेदपताप वैदिक का आलेख
विदेशों में अंग्रेज़ी
तथा
शैलेष मटियानी की कलम से
भाषा और देश
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