अभिव्यक्ति में सुषम बेदी की
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सुषम बेदी
जन्म : १ जुलाई १९४५
को पंजाब के
फीरोजपुर नामक शहर में।
शिक्षा : इंद्रप्रस्थ कॉलेज, दिल्ली से १९६४ में
बी.ए., १९६६ में एम.ए. औऱ १९६८ में दिल्ली यूनिवर्सिटी से
एम.फिल. की डिग्री तथा १९८० में पंजाब यूनिवर्सिटी से
पीएच.डी. की उपाधि।
कार्यक्षेत्र :
हिंदी के समकालीन कथा और उपन्यास साहित्य में सुषम बेदी एक
जाना-माना नाम हैं। उनकी पहली कहानी १९७८ में प्रसिद्ध
साहित्यिक पत्रिका 'कहानी' में प्रकाशित हुई और १९८४ से वे
नियमित रूप से प्रकाशित होती रही हैं। उनकी रचनाओं में
भारतीय और पश्चिमी सांस्कृति के बीच झूलते प्रवासी भारतीयों
के मानसिक आंदोलन का सुंदर चित्रण हुआ है।
रंगमंच, आकाशवाणी और
दूरदर्शन की अभिनेत्री सुषम बेदी ने कमला नेहरू कॉलेज,
दिल्ली (१९६६-७२) तथा पंजाब यूनिवर्सिटी, चंडीगढ़ (१९७४-७५)
में अध्यापन किया। दिल्ली दूरदर्शन औऱ रेडियो पर नाटकों तथा
दूसरे सांस्कृतिक कार्यक्रमों में १९६२ से १९७२ तक काम किया।
लखनऊ रेडियो से बचपन में जुड़ी रहीं (१९५७-१९६०तक)। १९७९ में
वे संयुक्त राष्ट्र अमरीका में जा बसीं और १९८५ से कोलंबिया
विश्वविद्यालय, न्यूयार्क में हिंदी भाषा और साहित्य की
प्रोफेसर हैं। कंप्यूटर द्वारा भाषा
शिक्षण के क्षेत्र में भी वे काम कर रही हैं। उनकी अनेक रचनाओं का
अंग्रेज़ी तथा उर्दू में अनुवाद हुआ है। उन्होंने भाषा
शिक्षा के क्षेत्र में भी अनेक पुस्तकों की रचना की है।
प्रमुख कृतियाँ :
उपन्यास-
हवन (१९८९,२०१५), लौटना
(१९९४-२०१५), कतरा दर कतरा
(१९९४-२०१५), इतर (१९९८),
गाथा अमरबेल की (१९९९),
नवाभूम की रसकथा (२००२),
मोर्चे (२००६), मैंने नाता तोड़ा
(२००९), पानी केरा
बुदबुदा (२०१६)।
कहानी संग्रह- चिड़िया और चील(१९९५-२०१५), सड़क की लय और अन्य कहानियाँ,
तीसरी आँख (२०१५), यादगारी कहानियाँ
(२०१४)।
निबंध संग्रह- हिंदी भाषा का भूमंडलीकरण
(२०१२), आरोह-अवरोह (२०१५),
कविता संग्रह- शब्दों की खिड़कियाँ
(२००६), इतिहास से बातचीत
(२०१६)
आलोचनात्मक कृतियाँ- हिंदी नाट्य प्रयोग के
संदर्भ में (१९८४), भाषा शिक्षण से जुड़ी विविध सामग्री अंग्रेजी
में प्रकाशित।
निधन- १९ मार्च
२०२०
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