अभिव्यक्ति में
डा रति सक्सेना
की रचनाएं
संस्मरण में
पीपल के पात और भीत पर उगा चांद – आस की कथा–प्यास की व्यथा
आंगन में उतरा इंद्रधनुष
साहित्यिक निबंध में
वैदिक देवताओं की कहानियां
नगरनामा
सागरी झीलों का शहर
दृष्टिकोण
संस्कृति की आड़ में
काम करने की संस्कृति
भावना को भुनाने की कला
अनुभूति में कविताएं
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डा रति सक्सेना
वेद विषय को प्रमुख बनाते हुए संस्कृत में बी•ए• ऑनर्स, एम•ए•।
अथर्ववेद की पदार्थ योजना विषय पर पी एच•डी•। आजकल इन्दिरा गान्धी राष्ट्रीय कला केन्द्र की फैलोशिप के
अन्तर्गत अथर्ववेद में लोक संस्कृति व काव्यात्मकता विषय पर शोधरत।
विभिन्न साहित्यिक पत्र–पत्रिकाओं में वेदविषयक अनेक लेख प्रकाशित।
हिन्दी में कवि व अनुवादक। कविता की तीन पुस्तके हिन्दी में,
एक मलयालम में (अनुदित) और एक अंग्रेजी में प्रकाशित। अनेक कविताओं का देश की अन्य भाषाओं में अनुवाद।
मलयालम से हिन्दी में अनुवाद की करीब नौ पुस्तकें प्रकाशित। 2000 में केन्द्रीय साहित्य अकादमी का अनुवाद पुरस्कार प्राप्त।
ई मेल: prsaxena@sancharnet.in
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